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Mizoram Election 2023: मिजोरम के CM जोरमथांगा सहयोगी दल भाजपा से बेहद नाराज, पीएम मोदी के साथ मंच साझा करने से इनकार

Mizoram Election 2023: मणिपुर की घटनाओं को लेकर मिजोरम में भाजपा के सहयोगी दल मिजो नेशनल फ्रंट की नाराजगी सामने आई है। मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरमथांगा ने विधानसभा चुनाव के प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मंच साझा करने से इनकार कर दिया है। मजे की बात यह है कि जोरमथांगा की पार्टी मिजो नेशनल फ्रंट भाजपा के नेतृत्व वाले नॉर्थ ईस्ट डेमोक्रेटिक एलायंस का हिस्सा है।

मिजो नेशनल फ्रंट एनडीए में भी शामिल है मगर विधानसभा चुनाव के दौरान पार्टी की नाराजगी को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। प्रधानमंत्री मोदी जल्द ही विधानसभा चुनाव के प्रचार के सिलसिले में मिजोरम पहुंचने वाले हैं मगर इस दौरान उनके साथ मंच पर जोरमथांगा नहीं दिखेंगे।

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मणिपुर में गिरजाघरों को जलाने पर नाराजगी

दरअसल जोरमथांगा मणिपुर की घटनाओं को लेकर नाराज बताए जा रहे हैं। उन्होंने एक साक्षात्कार के दौरान अपनी नाराजगी के कारणों का खुलासा किया है। बीबीसी को दिए गए एक साक्षात्कार में उन्होंने कहा कि मिजोरम में सभी लोग ईसाई हैं। मणिपुर में हुई घटनाओं का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि वहां पर मेइती समुदाय के लोगों ने सैकड़ों गिरजाघरों में आग लगा दी। मिजोरम के लोग इस तरह की घटनाओं के पूरी तरह खिलाफ हैं और उनमें इन घटनाओं को लेकर काफी नाराजगी है।

उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में मेरी पार्टी के लिए भाजपा के साथ सहानुभूति रखना अच्छा साबित नहीं होगा। यही कारण है कि मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मंच साझा नहीं करूंगा। अच्छा तो यह होगा कि प्रधानमंत्री अकेले आएं और खुद ही मंच संभालें। मैं अलग से चुनाव प्रचार करने को प्राथमिकता दूंगा।


मणिपुर में शांति की पहल करे केंद्र सरकार

मिजोरम के मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी पार्टी ने एनडीए और नार्थ ईस्ट डेमोक्रेटिक एलायंस में शामिल होने का फैसला इसलिए किया क्योंकि पार्टी कांग्रेस के पूरी तरह खिलाफ है। मिजो नेशनल फ्रंट कांग्रेस की अगुवाई वाले किसी भी गठबंधन का हिस्सा नहीं बनना चाहता।

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जोरमथांगा ने कहा कि मिजोरम में म्यांमार, बांग्लादेश और मणिपुर के 40 हजार से अधिक लोगों ने शरण ले रखी है। केंद्र सरकार को मणिपुर में शांति बहाल करने की दिशा में त्वरित कदम उठाने चाहिए ताकि लोग अपने मूल राज्य में लौट सकें।


मिजो नेशनल फ्रंट ने अपनाया अलग रुख

देश के पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए चुनाव प्रचार अब काफी तेज हो चुका है। मिजोरम में 7 नवंबर को मतदान होने वाला है जबकि अन्य राज्यों के साथ ही चुनाव नतीजे की घोषणा 3 दिसंबर को की जाएगी। जोरमथांगा की पार्टी मिजो नेशनल फ्रंट का रुख चुनावी नजरिए से काफी अहम माना जा रहा है। मिजो नेशनल फ्रंट नॉर्थ ईस्ट डेमोक्रेटिक अलायंस का हिस्सा है और केंद्र में एनडीए में भी शामिल है। इसके बावजूद विधानसभा चुनाव मिजोरम में मिजो नेशनल फ्रंट ने अलग रुख अपना रखा है।


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राज्य के विधानसभा चुनाव में प्रचार के लिए 30 अक्टूबर को मिजोरम पहुंच सकते हैं। जानकार सूत्रों के मुताबिक पीएम मोदी का मिजोरम के पश्चिमी हिस्से में स्थित ममित शहर में चुनावी कार्यक्रम तय किया गया है मगर इस दौरान मिजोरम के मुख्यमंत्री उनके साथ मंच पर नहीं दिखेंगे। इसे भाजपा के लिए बड़े झटके के तौर पर देखा जा रहा है।



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