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UP Shiksha Mitra: शिक्षामित्रों के मानदेय वृद्धि पर शासन बनाएगा कमेटी, प्रदर्शकारियों का अल्टीमेट; अब बात नहीं बनी तो होगा...

UP Shiksha Mitra: अपने मानदेय वृद्धि की मांग को लेकर बीते कई वर्षों से संघर्षरत रहे यूपी के शिक्षामित्रों की मेहनत आखिरकार लगता है...रंग लाना शुरू कर दिया है। बुधवार को लखनऊ के इको गार्डन में अपनी मांग को लेकर यूपी भर से शिक्षामित्रों का जमवाड़ा लगा। करीब-करीब 1 लाख अधिक शिक्षामित्र लखनऊ में एकत्र हुए और योगी सरकार द्वारा बीते कई सालों से मानदेय वृद्धि मांग न सुने जाने पर अनिश्चितकाल के लिए धरने पर बैठे गए। कुछ घंटों तक धरना स्थल पर बैठने बाद सरकार पर जब कोई असर नहीं पड़ा तो प्रदर्शनकारी सड़क पर उतार आए और वह ढ़ाई घंटों तक इको गार्डन के बाहर सड़क पर बैठ रहे। इस दौरान लगातार दो बार प्रदर्शनकारी का प्रतिनिधिमंडल प्रमुख सचिव से मुलाकात करने की कोशिश की, लेकिन मुलाकात नहीं हो सकी। जब प्रदर्शनकारियों ने विधानसभा घेराव करने का ऐलान किया, तब जाकर मुलाकात हुई।

कमेटी का होगा गठन

सड़क पर उतरने के बाद बुधवार को शिक्षा मित्र संघ के प्रदेश अध्यक्ष शिव कुमार शुक्ला के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल शाम साढ़े पांच बजे प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा डॉ. एमकेएस सुंदरम से मुलाकात की। दोनों के बीच यह मुलाकात काफी सुखद रही और मानदेय वृद्धि समेत अन्य मांगों की कार्यवाही के लिए शासन स्तर पर एक कमेटी गठन पर सहमित बनी, जिसके बाद देर रात बेसिक शिक्षा निदेशक डॉ. महेंद्र देव ने संबंध पर एक आदेश भी जारी कर दिया। आदेश जारी होने के बाद शिक्षामित्र अपना अनिश्चिनतकालीन धरना प्रदर्शन खत्म कर दिया और अपने घरों की ओर लौट गए। साथ ही, चेतावनी दी कि अगर इसके बाद भी शासन की ओर से कोई कदम नहीं उठाया गया, तो दोबारा आंदोनल शुरू होगा। इससे भारी तादाद में लोग लखनऊ कूच करेंगे।

7 सालों के कम वेतन पर सरकार करा रही काम

शिक्षा मित्र संघ के प्रदेश अध्यक्ष शिव कुमार शुक्ला ने गुरुवार को न्यूजट्रैक से बात करते हुए कहा कि हम लोगों को प्राथमिक विद्यालय में काम करते हुए 23 हो गए हैं। 2014 में हमारा प्रशिक्षण पूरा होगा। 2015 में करीब 1 लाख से अधिक लोग सहायक अध्यपाक बन गए थे और वेतन के साथ सारी सुविधाएं मिल रही हैं, लेकिन 25 जुलाई 2017 को समायोजन निरस्त कर दिया गया। बल्कि सुप्रीम कोर्ट ने सरकार कहा कि शिक्षामित्रों को आयु में छुट देते हुए बेहरत व्यवस्था बना दीजिए, ऐसा सरकार चाहे। इस मसले पर सरकार से कई बार बात हुई, लेकिन सरकार ने कोई बात नहीं सुनी। हमारे 75 हजार शिक्षामित्र टीईटी/टेट परीक्षा भी पास कर ली और यह सभी लोग बीते 7 साल से 10 हजार रुपये पर काम कर रहे हैं।

बात नहीं बनी तब बैठे धरने पर

उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर हम सरकार से कई बार मिल चुके हैं। 12 जनवरी 2023 और 20 फरवरी को हम लोगों ने अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन भी किया, लेकिन हमारी बातों को अनदेखा कर दिया गया। जब लगा कि सरकार हमारी बात नहीं सुन रही है तो हम करीब सवा लाख शिक्षामित्र लखनऊ में धरने पर बैठ गए, जिसके बाद हमारी शासन कई अधिकारियों के साथ बैठक हुए है।

इन लोगों से हुई मुलाकात

शिक्षा मित्र संघ के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि हमारे प्रतिनिधिनमंडल की बुधवार को प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा, सचिव बेसिक शिक्षा और बेसिक शिक्षा निदेशक से विभिन्न मांगों को लेकर एक बैठक हुई। सभी लोगों ने आश्वसन दिया है कि इस पर प्रस्ताव शासन से सरकार को भेजा जाएगा और जल्दी इस पर सकारात्मक निर्णय आएगा। अध्यक्ष ने कहा कि जैसी अन्य राज्यों में शिक्षामित्रों को लेकर जो व्यवस्था लागू है, वह यहां पर भी लागू हो, जिसमें बेहतर मानदेय हो।



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