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Gorakhpur News: एमएमएमयूटी ने मनाया अपने स्थापना का डायमंड जुबिली ईयर, आयोजित हुए विभिन्न कार्यक्रम

Gorakhpur News: मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, गोरखपुर के संस्थान के रूप में साठ वर्ष एवम विश्वविद्यालय के रूप में नौ वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में आयोजित हीरक जयंती वर्ष उद्घाटन एवम स्थापना दिवस समारोह दिनांक 1 दिसंबर को विश्वविद्यालय के बहुउद्देशीय सभागार में आयोजित हुआ। समारोह के मुख्य अतिथि विश्वविद्यालय के सिविल इंजीनियरिंग के 1986 बैच के पूर्व छात्र इं. डी के सिंह, वरिष्ठ उप महाप्रबंधक, पूर्वोत्तर रेलवे रहे जबकि विशिष्ट अतिथि के रूप में इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग के 1990 बैच के पूर्व छात्र डॉ जितेंद्र मोहन, वरिष्ठ उपाध्यक्ष, कोफोर्ज इंडिया मौजूद रहें। समारोह की अध्यक्षता माननीय कुलपति प्रो जे पी पांडेय ने की।

कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलन एवं मां सरस्वती एवं महामना पंडित मालवीय के चित्र पर माल्यार्पण से हुआ। कार्यक्रम में बोलते हुए विशिष्ट अतिथि डॉ जितेंद्र मोहन ने कहा कि भविष्य का समय टेक्नोलॉजी का समय है, सभी समस्याओं के निदान में टेक्नोलॉजी की भूमिका होगी।

कोई भी क्षेत्र कंप्यूटर साइंस से अछूता नहीं हैं - वीसी

उन्होंने अंतरानुशासनिक शोध और विमर्श के महत्व को रेखांकित करते हुए भावी इंजीनियरों से कहा कि वे खुद को अपने अपने अनुशासनों की सीमा से न बांधें। बल्कि आगे बढ़कर अन्य अनुशासनों में निहित संभावनाओं की भी तलाश करें।


उन्होंने टेस्ला, अमेजन आदि का उद्धरण देते हुए कहा कि चाहे मैकेनिकल इंजीनियरिंग हो, या इलेक्ट्रिकल या इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग हो, कोई भी क्षेत्र कंप्यूटर साइंस, आर्टिफिशियल इंटेलेजिनेस आदि तकनीक से अछूता नहीं है। इसलिए जरूरी है कि कंप्यूटर साइंस एवम इंजीनियरिंग में होने वाले वाले बदलावों से आप अपने आप को अपडेट रखें।

अपने छात्र जीवन के दिनों को याद करते हुए मुख्य अतिथि इं. डी के सिंह ने कहा कि सफलता के लिए अनुशासन बहुत आवश्यक है। उन्होंने छात्रों से कहा छात्र जीवन में अनुशासन से बहुत सारी छोटी छोटी समस्याओं से बचा जा सकता है।

उन्होंने श्रम को विद्यार्जन के लिए बहुत महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि छात्रों को अपने विषय का ज्ञान होना तो महत्वपूर्ण है, पर आजकल की दुनिया में व्यवहार कौशल का भी काफी महत्व है। उन्होंने कहा कि हमारे समय में अवसर कम थे पर प्रतिस्पर्धा भी कम थी।

शॉर्टकट से बचे छात्र

आज चुनौतियां ज्यादा हैं पर आपके सामने अवसर भी ज्यादा हैं। उन्होंने कामना की कि विश्वविद्यालय निरंतर उन्नति करता रहे। अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कुलपति प्रो पांडेय ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि आज की पीढ़ी में निस्संदेह प्रतिभा है, पर छात्रों को शॉर्टकट से बचना चाहिए।

आजकल छात्र छात्राओं ने एक गलत आदत विकसित कर ली है, हर चीज में शॉर्टकट का प्रयोग करने की। कई बार बच्चों को लगता है कि शॉर्टकट से फायदा हो जाएगा। पर वास्तविकता यह है कि भविष्य में यह प्रवृत्ति नुकसानदेह होती है।


उन्होंने कहा कि अध्ययन अध्यापन की गुणवत्ता बढ़ाना, सभी छात्रों के लिए सेवायोजन सुनिश्चित करना, और छात्र सुविधाओं का उच्चीकरण करना विश्वविद्यालय की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से हैं और विश्वविद्यालय निरंतर इस दिशा में प्रयासरत रहेगा। कार्यक्रम के दौरान अतिथियों ने हीरक जयंती वर्ष के लोगो का लोकार्पण किया। कुलपति ने लोगो कंपटीशन के सर्वश्रेष्ठ तीन प्रतिभागियों को सम्मानित किया।

वीसी बनाम छात्र में हुआ वनडे मैच

उद्घाटन समारोह से पूर्व, कुलपति ने विश्वविद्यालय की एन एस एस इकाई द्वारा आयोजित किए जा रहे रक्तदान शिविर, पढ़े गोरखपुर बढ़े गोरखपुर अभियान, एवम परार्थ अभियान के द्वितीय चरण के उद्घाटन की घोषणा की।

कार्यक्रम के अंत में कुलपति ने मुख्य अतिथि एवम विशिष्ट अतिथि को स्मृतिचिन्ह भेंट कर अभिनंदन किया। प्रो वी के द्विवेदी ने धन्यवाद ज्ञापन किया जबकि हर्ष उपाध्याय एवम स्वाति श्रीवास्तव ने कार्यक्रम का संचालन किया।


दोपहर में कुलपति एकादश बनाम छात्र एकादश के बीच क्रिकेट मैच का आयोजन हुआ। कुलपति एकादश ने 10 ओवर में आठ विकेट खोकर 66 रन बनाए। जवाब में छात्र एकादश ने नवें ओवर में दो विकेट खोकर 67 रन बनाये और मैच जीत लिया। कुलपति ने विजेता टीम को ट्रॉफी प्रदान कर हौसलाफजई की।



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