Jammu Kashmir News: देश के पूर्व गृहमंत्री मुफ्ती मोहम्मई सईद (Former Home Minister Mufti mohammai Sayed) की बेटी और जम्मू कश्मीर की पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) की छोटी बहन रूबिया सईद शुक्रवार को जम्मू की टाडा अदालत में पेश हुईं। जहां उन्होंने जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के सरगना और अलगाववादी नेता यासीन मलिक समेत तीन आतंकियों की पहचान की, जिन्होंने साल 1989 में उनको किडनैप किया था। इस मामले में अगली सुनवाई 23 अगस्त को होगी। अगली तारीख पर भी रूबिया मौजूद रहेंगी।
रूबिया सईद को गवाह के तौर पर समन जारी
बता दें कि बीते 27 मई को टाडा कोर्ट ने रूबिया सईद (Rubia Sayeed) को इस मामले में गवाह के तौर पर समन जारी किया था। उन्हें 15 जुलाई यानी आज पेश होने के लिए कहा गया था। पेशे से डॉक्टर रूबिया अभी तमिलनाडु में रहती हैं। वह अपनी बड़ी बहन पीडीपी सुप्रीमो महबूबा मुफ्ती की तरह सियासत में एक्टिव नहीं हैं। मलिक के अलावा इस केस में अली मोहम्मद मीर, मोहम्मद जमां मीर, इकबाल अहमद, जावेद अहमद मीर, मोहम्मद रफीक, मंजूर अहमद सोफी, वजाहत बशीर, मेहराज-उद-दीन शेख और शौकत अहमद बख्शी भी आरोपित हैं।
क्या है अपहरण का मामला
गौरतलब है कि 1990 के दशक में पूरा कश्मीर हिंसा (Kashmir Violence) की आग में जल रहा था। अलगाववाद की भावना चरम पर थी। अल्पसंख्यक कश्मीरी पंडितों को घाटी छोड़ने पर मजबूर किया जा रहा था। उसी दौरान 8 दिसंबर 1989 को देश के तत्कालीन गृहमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की छोटी बेटी रूबिया सईद का यासीन मलिक समेत अन्य आतंकवादियों ने अपहरण कर लिया था।
13 दिसंबर को रूबिया की रिहाई के बदले में तब की वीपी सिंह सरकार (VP Singh Government) को विभिन्न जेलों में बंद पांच खूंखार आंतकवादियों को छोड़ना पड़ा था। इस घटना के लगभग डेढ़ माह बाद 25 जनवरी 1990 को यासीन मलिक और जेकेएलएफ के अन्य दहशतगर्दों ने श्रीनगर में वायुसेना के जवानों पर अंधाधुंध फायरिंग की, जिसमें चार जवानों की मौत हो गई थी और कई घायल हो गए थे।