Get Even More Visitors To Your Blog, Upgrade To A Business Listing >>

Monkeypox Alert UP: यूपी में मंकीपॉक्स का अलर्ट जारी, अस्पतालों में सतर्कता बरतने के निर्देश

Monkeypox Alert In UP: विश्व के कई देशों में फैले मंकीपॉक्स (Monkeypox Virus) को लेकर उत्तर प्रदेश में भी अलर्ट (Alert In UP) जारी कर दिया गया है। राजधानी लखनऊ (Lucknow) के मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने सभी अस्पतालों के निदेशक और चिकित्सा अधीक्षकों को पत्र जारी कर इस बीमारी से सतर्क रहने को कहा है। सीएमओ की तरफ से जो पत्र जारी किया गया है, उसमें भारत सरकार के एडवाइजरी (Monkeypox Advisory) का हवाला देते हुए कहा गया है कि अगर किसी अस्पताल में बुखार और शरीर पर चकत्ते से संबंधित मरीज आता है तो उसकी विस्तृत जांच कराई जाए। इसकी सूचना तुरंत कार्यालय को दी जाए। जिससे उसकी जानकारी मुहैया हो सके। पत्र के मुताबिक, मंकीपॉक्स बीमारी की वैश्विक महामारी क्षमता एवं इसकी गंभीरता को देखते हुए सतर्कता बरतने की आवश्यकता है।

हालांकि भारत में अभी मंकीपॉक्स का कोई भी मरीज (Monkeypox Cases) नहीं मिला है, लेकिन अफ्रीकी देशों के अलावा कई अन्य देशों में इसके तेजी से बढ़ते संक्रमण को देखते हुए भारत सरकार ने सभी राज्यों को एडवाइजरी जारी कर इस बीमारी के प्रति आगाह किया है। अभी यह बीमारी जिन लोगों में मिली है वह अफ्रीकी देशों की यात्रा करके लौटे हैं। इसीलिए सरकार द्वारा विदेश से आने वाले लोगों को लेकर सतर्क हो गई है। जिसमें जो व्यक्ति अफ्रीकी देशों की यात्रा से लौट रहे हैं उन पर खास नजर रखी जा रही है।

क्या है मंकीपॉक्स?

वैज्ञानिकों के अनुसार, चेचक के टीकाकरण बंद होने की वजह से मंकीपॉक्स को तो फैलना ही था। क्योंकि चेचक की वैक्सीन मंकीपॉक्स से भी बचाती है, इसलिए चेचक टीकाकरण अभियान ने उस बीमारी को भी नियंत्रण में रखा था, विशेष रूप से मध्य और पश्चिमी अफ्रीका के क्षेत्रों में जहां वायरस स्थानिक है। जब डब्लूएचओ ने चेचक बीमारी के उन्मूलन का ऐलान कर दिया तो 1980 के आसपास अधिकांश देशों में नियमित चेचक का टीकाकरण बंद हो गया। चेचक का टीकाकरण समाप्त होने के बाद के दशकों में, मंकीपॉक्स से सुरक्षित लोगों का अनुपात काफी गिर गया है, जिससे वायरस जानवरों से मनुष्यों में और एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में अधिक आसानी से फैल गया है, जिससे एक बड़े प्रकोप का खतरा बढ़ गया है।

वहीं इस बीमारी को लेकर मेडिसिनल केमेस्ट्री और मॉलिक्यूलर ऑन्कोलॉजी के विशेषज्ञ व स्वीडन में रहने वाले भारतीय वैज्ञानिक प्रोफेसर राम शंकर उपाध्याय ने 'न्यूज़ट्रैक' से बातचीत के दौरान बताया कि 'मंकीपॉक्स' से भारत को खतरा नहीं है। जबकि, यूरोप-अमेरिका में दहशत का माहौल है। उन्होंने कहा कि लक्षणों को नजरअंदाज न करें। इसकी जांच तुरंत कराएं। जिससे समय रहते इस बीमारी का पता लगाया जा सके। चेचक परिवार का वायरस प्रोफेसर राम शंकर उपाध्याय ने बताया कि 12 अफ्रीकी देशों में हर साल हजारों लोग मंकीपॉक्स से संक्रमित होते हैं। यह जानवरों से इंसान में फैलने वाला चेचक परिवार का वायरस है।

ऐसा पहली बार हुआ है कि मंकीपॉक्स अफ्रीका से निकलकर यूरोप व अमेरिका में दहशत फैला रहा है। पहली बार यह एक व्यक्ति से दूसरे में फैल रहा है। इसकी चपेट में ज्यादातर युवा आ रहे हैं। इसके प्रसार की वजह यौन संबंध भी माना जा रहा है।

• पहली बार यूरोप व अमेरिका में फैला।

• पहली बार एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल रहा।

• चपेट में आ रहें ज़्यादातर युवा।

• यौन संबंध को भी प्रसार की वजह माना जा रहा।

कैसे पड़ा 'मंकीपॉक्स' नाम?

वैज्ञानिक राम शंकर उपाध्याय के अनुसार, शोध के दौरान पहली बार इसकी पहचान बंदरों में हुई इसलिए इसे मंकीपॉक्स नाम मिला। मानव में यह पहली बार 1970 में कॉन्गो में दर्ज किया गया। मंकीपॉक्स के लक्षण: बुखार, शरीर में दर्द, ठिठुरन, थकान और हाथ-पैरों की अंगुलियों व चेहरे पर छाले या रैश पड़ना। हर दस संक्रमित में से एक की जान को खतरा।

इस बीमारी के शुरुआती लक्षण के दौरान लिम्फैडेनोपैथी का होना मंकीपॉक्स को चिकनपॉक्स से अलग बनाता है। लोग अक्सर मंकीपॉक्स से शरीर पर होने वाले दानों या छालों को चिकनपॉक्स समझ के समझ लेते हैं। मंकीपॉक्स के धब्बे आगे चलकर घाव और छाले बन जाते हैं जबकि चिकन पॉक्स में ऐसा नहीं होता है।

दोस्तों देश और दुनिया की खबरों को तेजी से जानने के लिए बने रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलो करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।



This post first appeared on World Breaking News, please read the originial post: here

Share the post

Monkeypox Alert UP: यूपी में मंकीपॉक्स का अलर्ट जारी, अस्पतालों में सतर्कता बरतने के निर्देश

×

Subscribe to World Breaking News

Get updates delivered right to your inbox!

Thank you for your subscription

×