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UP Chhath Pooja: यूपी में धूम-धाम से मनाया गया छठ पर्व, गोरखपुर में सांसद रवि किशन ने महिलाओं संग ली सेल्फी

Uttar Pradesh Chhath Pooja: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गृह जनपद गोरखपुर में छट की छटा चारों तरफ नजर आई। आम हो या खास सभी श्रद्धा की डुबकी लगाने को बेताब दिखे। महापौर सीताराम जायसवाल (Mayor Sitaram Jaiswal) और सांसद रवि किशन (Ravi Kishan) जहां खुद घाट पर दऊरा लेकर पहुंचे, वहीं पार्षदों ने घाट पर तैयारी में कोई कसर नहीं छोड़ी। छठ घाट पर पहुंचे सांसद रवि किशन (Ravi Kishan) के साथ महिलाओं और युवतियों में सेल्फी लेने की होड़ दिखी। सांसद ने भी किसी को निराश नहीं किया।

महापौर सीताराम जायसवाल (Mayor Sitaram Jaiswal) पत्नी देवमुन्ना देवी जायसवाल व परिवारीजनों के साथ राप्ती नदी के शंकर घाट पर दऊरा लेकर पहुंचे। परिवार की महिलाएं छठ गीत गाती हुई दिखीं। महापौर ने डूबते सूर्य को अर्घ दिया। गोरखनाथ मंदिर में नगर निगम और मंदिर प्रशासन की तरफ से पुख्ता व्यवस्था की गई थी। महिलाएं तीन बजने के साथ ही मंगलगान गाते हुए घाट पर पहुंचने लगी थीं। वहीं डोमिनगढ़, महेसरा और रामगढ़झील के घाट पर बड़ी संख्या में महिलाओं ने डूबते हुए सूर्य को अर्घ दिया।


कोरोना के खौफ के बीच कई परिवारों ने छत पर ही सूर्य भगवान की अराधना की। छठ पूजा के अवसर पर राजघाट स्थित रामघाट, तकिया घाट, हनुमानगढ़ी, डोमिनगढ़, सूर्यकुण्ड मानसरोवर एवं अन्य घाटों पर निगम के जिम्मेदार सक्रिय दिखे। नगर निगम द्वारा महानगर के प्रमुख 18 घाटों पर लाइटिंग की व्यवस्था भी की गई है। छठ घाटों पर अपर नगर आयुक्त आरबी सिंह, उप नगर आयुक्त संजय शुक्ला, मुख्य अभियन्ता सुरेश चन्द्र, नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मुकेश कुमार रस्तोगी, सहायक अभियन्ता नर्वदेश्वर पाण्डेय, कनिष्ट प्रभारी स्वास्थ्य अखिलेश कुमार श्रीवास्तव आदि सक्रिय रहे।


छतों पर बनाया कृतिम तालाब, भास्कर की हुई आराधना

अस्था के महापर्व पर मल्टीस्टोरी बिल्डिंगों में छठ की छटा दिखी। देवरिया बाईपास रोड पर कादंबनी हाइट में लोग पार्क में पोखरा बनाकर छठ पूजा की। अपार्टमेंट में रहने वाली डॉ.सीमा वर्मा ने डूबते हुए सूर्य को अर्घ दिया। मेडिकल रोड पर एक अपार्टमेंट में दर्जन भर से अधिक परिवारों ने छठ को लेकर विशेष तैयारी की थी। छठ गीतों के बीच महिलाओं ने डूबते सूर्य को अर्घ दिया। वहीं गोलघर, जनप्रिय विहार, बेतियाहाता, बिछिया में भी छठ की छटा देखी गई। कई स्थानों पर छठ माता की प्रतिमा स्थापित की गई है। वहां छठ गीतों से महौल भक्तिमय बना हुआ है।

गोरखपुर से पूर्णिमा श्रीवास्तव की रिपोर्ट

Sonbhadra Chhath Pooja: यूपी-झारखंड सीमा पर गंगा की तर्ज पर हुई महाआरती, अस्ताचलगामी सूर्य को दिया गया अर्घ्य


Sonbhadra Chhath Pooja: सूर्योपासना के चारदिनी महापर्व के अहम पड़ाव बुधवार की शाम अस्त होते सूर्य को अर्घ्य देकर पूरी रात चलने वाले सूर्योपासना की शुरुआत की गई। यूपी-झारखंड सीमा पर विंढमगंज स्थित प्रसिद्ध सूर्य मंदिर परिसर में गंगा की तर्ज पर महाआरती का आयोजन किया गया। वाराणसी से आए विद्वानों ने आरती पूरी की। इसमें उपस्थित हजारों श्रद्धालुओं ने सूर्यदेव को नमन कर सुख समृद्धि का वरदान मांगा।

बुधवार की शाम जैसे ही भगवान भास्कर अस्ताचल की तरफ बढ़े। व्रती महिलाएं उनके परिवारी जनों और श्रद्धालुओं के पांव जलाशय के तट की तरफ बढ़ते चले गए। जिले के करीब-करीब प्रत्येक जलाशयों पर छठ पूजन का नजारा दिखा। वहीं यूपी-झारखंड सीमा पर हर और श्रद्धालुओं के हुजूम और छठ मैया तथा सूर्य देव के जयकारे ने वहां से गुजर रहे प्रत्येक व्यक्ति को श्रद्धा से नत करके रख दिया।


दिगंबर अखाड़ा अयोध्या से संबंद्ध श्रीराम मंदिर के प्रांगण से सटे स्थित भव्य सूर्य मंदिर पर जैसे ही शाम के 5:15 बजे, अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को अर्घ्य देने के साथ गंगा की तर्ज पर महाआरती शुरू हो गई। वाराणसी से आए विद्वानों ने आरती की। इस महाआरती में झारखंड, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, बिहार और उत्तर प्रदेश के दर्जनों गांव से आए हजारों व्रती महिलाओं, उनके परिवारीजनों एवं अन्य श्रद्धालुओं ने भाग लिया। महाआरती में छठ मैया की जय, सूर्य भगवान की जय का गगनभेदी घोष इलाके को भक्ति भाव में डुबोए रहा। महाआरती के समय महंत मनमोहन दास के साथ मंदिर के पुजारी हृदयानंद शास्त्री और वेद मोहनदास ने भगवान सूर्य के मूर्ति के समक्ष खड़े होकर उनकी धूप-दीप से आरती की।


25 सालों से हो रहा आयोजन, पहली बार महज ₹245 में हुई थी पूरी व्यवस्था

महाआरती के पश्चात पिछले 25 वर्ष से छठ पूजा के भव्य आयोजन और महाआरती का माध्यम बन रही सन क्लब सोसाइटी की 25वीं वर्षगांठ मनाने के लिए छठ घाट पर विशेष कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया। विधायक हरिराम चेरो, उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति जनजाति आयोग के उपाध्यक्ष राम नरेश पासवान ने 25 दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। क्लब के संरक्षक, संयोजक, अध्यक्ष की तरफ से अतिथियों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।


सोसाइटी के अध्यक्ष संजय कुमार गुप्ता, रमेश चंद्र एडवोकेट, प्रभात कुमार, वीरेंद्र कुमार, अमित कुमार केसरी, नंदकिशोर गुप्ता, नीरज सर, सौरव कांसकार, विजय कुमार गुप्ता बिज्जू, सुमन कुमार गुप्ता, राकेश कुमार एडवोकेट, राजेश गुप्ता ,उदय जयसवाल, पंकज गुप्ता, राकेश कुमार केसरी उर्फ बुल्लू, उदय गुप्ता, महेंद्र गुप्ता, अजय गुप्ता, ओम प्रकाश रावत, हर्षित प्रकाश, ओम प्रकाश यादव, अमरेश केसरी, अमित चंद्रवंशी आदि ने आयोजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। क्लब से जुड़ी युवाओं की टोली को भी सम्मानित कर उत्साह बढ़ाया गया।

बताया गया कि सन क्लब की स्थापना 1997 में की गई थी। क्लब की स्थापना के पूर्व में भी क्लब के सदस्य छठ पूजा की व्यवस्था करवाने का काम करते थे। शुरुआती साल में महज ₹245 की सहयोग से पूरी व्यवस्था कराई गई थी। ₹18 की बचत भी हुई थी। उसके बाद से यह आयोजन लगातार भव्य रूप धारण करता जा रहा है।

सोनभद्र से कौशलेंद्र पांडे की रिपोर्ट


Prayagraj Chhath Pooja: संगम के तट पर डाला छठ की रौनक, श्रद्धालुओ का उमड़ा जन सैलाब


Prayagraj Chhath Pooja: सूर्य उपासना के सबसे बड़े पर्व डाला छठ में संगम नगरी प्रयागराज में भी श्रद्धालुओ का सैलाब उमड़ पड़ा। दोपहर से ही संगम में सुहागिन महिलाएं इकट्ठा होना शुरू हो गईं और शाम को डूबते सूर्य को अर्घ्य देकर अपने सुहाग और पुत्र की लम्बी उमर की कामना की। साथ महिलाओं ने कोरोना संक्रमण जल्द से जल्द दूर हो इसकी भी मनोकामना की।


व्रती महिलाओं ने दिनभर निर्जला व्रत रखकर शाम को गंगा और यमुना घाट पर आकर अस्ताचल (डूबते) सूर्य को अय्घ् दिया। संगम पर महिलाओं ने चारों ओर गन्ने का मंडप बनाया। उसके अंदर बैठकर पूजन करने के बाद मांगलिक गीत गाये गए। जिसके बाद महिलाओं ने पूजा पाठ किया और आखिरी में डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया। प्रयाग को सूर्य क्षेत्र माना गया है जहा सूर्य की पुत्री खुद यमुना और सूर्य देवता विद्यामान हैं जिसके चलते इस क्षेत्र में त्रिवेणी के जल से डूबता और उगते सूर्य को अर्ध्य देने का मौक़ा भाग्यवान सुहागिनों को ही मिलता है। संगम पर अर्ध्य देने के बाद निर्जला वृत्त रखने वाली ये सुहागिने घर वापस आकर व्रत का पारण करेंगी।


अब अगले दिन सुबह सभी महिलाएं उगते सूरज को अर्ध्य देंगी, इसके बाद ये कठिन व्रत खत्म हो जाएगा। छठ के समय कोसी भरने का भी रिवाज है। कोसी भरने से जो भी मन्नतें मांगते हैं पूरी होती है। छठ में सूप और डलिया प्रमुख रूप से पूजन सामग्री में शामिल है। कोसी भरने की पूजा में ईख का विशेष महत्व है। इस पूजन में मिट्टी से बना हाथी, ढपनीदीया रखा जाता है। अरवा चावल, चना ठेकुआ,लड्डू रखे जाते हैं। पत्तों लगे ईख को मंडपाकार में सजाया जाता है। ईख के पत्तों एक-दूसरे से बंधे होते हैं और उस पर लाल कपडा बांधा जाता है। शाम वाले अय्घ् ई के बाद घर के आंगन में कोसी भरा जाता है और कोसी के गीत गाए जाते हैं। जितनी सुहागिनें शामिल होती हैं, उनकी मांग में सिंदूर भरा जाता है।

प्रयागराज से सैयद रजा की रिपोर्ट

Ghazipur Chhath Pooja: गाजीपुर में धूमधाम से मनाया गया महापर्व छठ


Ghazipur Chhath Pooja: महा पर्व छठ बुधवार को धूमधाम के साथ शुरू हुआ। इस दौरान महिलाओं ने डूबते हुए सूर्य को अर्घ दे इस महापर्व की शुरुआत की। महापर्व छठ के अवसर पर जनपद के सभी घाट रोशनी से जगमगाते नजर आये तो पुलिस प्रशासन भी चौकन्नी थी कि कोई अप्रिय घटना ना घट सके।

बाराचवर शिव तालाब हुआ जगमग

गाजीपुर जनपद के बाराचवर ब्लाक के स्थानीय गांव बाराचवर शिव तालाब रौशनी से जगमगा उठा था। तालाब के हर तरफ बैठी व्रती महिलाएं ये नजारा देखते बनता था। मानों आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा था। तालाब के चारों तरफ मंगल गीत गूंज रहे थे। वहीं बच्चे आतिशबाजी करने में मशगूल थे। जैसे ही चार बजा सभी व्रती महिलाएं मंगल गीत गाते हुए अपने घरों से निकली कुछ देर में तालाब के चारों तरफ घाट महिलाओं से भर गया। जब व्रती महिलाएं अपने हाथों में सुपेली उसमें फल, पान सुपाड़ी ले पूजा अर्चना शुरू की तो ये नजारा इतना सुन्दर था कि स्वयं भगवान भास्कर धरती पर आ गए।


मंत्री संगीता बलवंत ने दिया सूर्य को अर्घ

सदर विधायक व मंत्री संगीता बलवंत ने भी सभी महिलाओं के साथ जनपद के महराजगंज स्थित अतिप्राचीन घाट सागर पोखरे पर पहुंच डुबते हुए सूर्य को अर्घ महापर्व की शुरूआत की व वहां मौजूद सभी महिलाओं को छठ की शुभकामनाएं भी दीं। मंत्री व विधायक संगीता बलवंत महिलाओं के साथ पैदल ही घाट तक गईं व महिलाओं के झुंड में बैठ पूजा अर्चना की।


नारायण घाट पर विधायक सुनीता सिंह ने दिया अर्घ

जमानियां विधायक सुनीता सिंह नारायण घाट पहुंची वहां मौजूद सभी व्रती महिलाओं को महापर्व छठ की शुभकामनाएं देते हुए पुजा अर्चना शुरू की। विधायक सुनीता सिंह सभी महिलाओं के साथ मंगल गीत गाते हुए चार बजे घर से निकलीं व नारायण घाट पहुंच सूर्य उपासना करने के साथ डुबते हुए सुर्य अर्घ दे महापर्व छठ की शुरुआत की ।

रिपोर्ट रजनीश मिश्र

Varanasi Chhath Pooja: काशी के गंगा घाटों पर दिखी छठ की छटा, महिलाओं ने दिया अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य

Varanasi Chhath Pooja: लोक आस्था के महापर्व छठ की छटा हर तरफ देखने को मिली। वाराणसी के प्रसिद्ध गंगा घाटों पर दोपहर से ही व्रती महिलाओं की भीड़ उमड़ पड़ी। महिलाओं ने अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया। कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष के षष्ठी के दिन अस्त होते हुए सूर्य को अर्घ्य देने के बाद छठ महापर्व शुरू हो गया। महिलाओं, पुरुषों ने गंगा, वरुणा, गोमती, कुंड, सरोवर, तालाब में अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया और इस इंतज़ार में अब पानी में खड़े होकर मंगलगीत गा रहे हैं कि कल का सवेरा उनके लिए एक नयी आशा की किरण लेकर आएगा।

भगवान सूर्य जिन्हें आदित्य भी कहा जाता है, जो वास्तव में एक मात्र प्रत्यक्ष देवता हैं। इनकी रोशनी से ही प्रकृति में जीवन चक्र चलता है। इनकी किरणों से ही धरती में प्राण का संचार होता है. कार्तिक मॉस के शुक्ल पक्ष के षष्ठी के दिन अस्त होते हुए सूर्य को अर्घ्य देने के बाद अब अगले दिन अर्घ्य देने के लिए गंगा की गोद में इंतज़ार करती इन महिलाओं की यही कामना है की अगले दिन सूर्य जब निकलेंगे तो एक नए तेज के साथ आयेंगे, जिसकी रौशनी इनके घर को खुशियों से भर देगी. इस पर्व में जल और सूर्य की महत्ता है, जिसके बिना जीवन की कल्पना नही की जा सकती।

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