Get Even More Visitors To Your Blog, Upgrade To A Business Listing >>

अनसुलझे रहस्यों से भरा “भानगढ़ किला” | Bhangarh Fort History

Bhangarh Fort – भानगढ़ किला भारत की सबसे डरावनी जगहों में से एक है और शायद इससे जुड़े हुए कई अनसुलझे रहस्य है। इस बात पर कोई शक नही है की यहाँ काफी मात्रा में अलौकिक शक्तियाँ पाई जाती है, जो लोगो को अपनी तरफ आकर्षित करती है। भानगढ़ किले से संबंधित बहुत सी डरावनी कहानियाँ भी है। यह किला राजस्थान घुमने आने वाले लोगो का यह मुख्य आकर्षण भी है। जिज्ञासु यात्री अक्सर यहाँ इस दुविधा की खोज करने के लिए आते है, ताकि वे भानगढ़ किले के रहस्य को सुलझा सके।

अनसुलझे रहस्यों से भरा “भानगढ़ किला” – Bhangarh Fort History

भानगढ़ किला अपने समृद्ध इतिहास के लिए भी जाना जाता है। और यह किला भारत की प्रसिद्ध टूरिज्म जगहों में से यह एक है।

भानगढ़ किला 17 शताब्दी में भारत के राजस्थान में बनाया गया एक किला है। इसे मान सिंह (अकबर के दरबार के नौरत्नो में से एक) ने अपने छोटे भाई माधो सिंह के लिए बनवाया था। उनके दादा मैन सिंह और भान सिंह के बाद इसका नाम माधो सिंह की रखा गया था। किले की सीमा के बाहर ही 1306 लोगो के 200 घरो का गाँव विकसित हो रहा था। यह और किला और उसके आस-पास रहने वाले लोग पहले काफी संरक्षित थे।

सूर्यास्त के बाद किले में जाना किसी बहादुरी भरे कार्य से कम नही, लेकिन भारतीय पुरातात्विक विभाग के अनुसार सूर्यास्त के बाद इस किले पर जाना जानलेवा भी साबित हो सकता है, इसीलिए सरकारों आदेशो के अनुसार यहाँ सूर्यास्त के बाद जाना वर्जित किया गया है।

स्थानिक लोगो के पास भानगढ़ किले से जुडी हुई बहुत सी कहानियाँ है, जिनमे से सबसे प्रसिद्ध कहानी बादशाह माधो सिंह की है, जिन्होंने गुरु बालुनाथ के अनुमोदन के बाद ही शहर का निर्माण करवाया था, गुरु बालुनाथ एक तपस्वी थे जो वहाँ तपस्या करते थे। उस तपस्वी ने इसी शर्त पर अनुमोदन दिया था की बादशाह के महल की परछाई कभी भी उनकी वापसी पर नही पड़ेगी। यदि ऐसा होता है, तो यह शहर खंडहर में उखड जाएगा। लेकिन जब निर्माण कार्य समाप्त हुआ, तब गुरु की वापसी पर दुर्भाग्य से महल की छाया पड़ ही गयी। और संत का कोप भी पूरा हुआ, इसके तुरंत बाद भानगढ़ एक शापित शहर में परिवर्तित हो चूका था और वहाँ किसी प्रकार का कोई निर्माण कार्य नही करवाया जा सकता था। लेकिन एक आश्चर्यजनक बात यह भी है की आज भी गुरु बालुनाथ की कब्र वहाँ हमें दिखाई देती है।

किले से जुडी कहानियाँ – Story of Bhangarh:

इस किले से जुडी मुख्यतः दो कहानियाँ है, जो असल में काफी डरावनी भी है पहली कहानी के अनुसार साधू बाबा बालक नाथ किले के क्षेत्र में रहता था। और कहा जाता है की उसी के आदेश पर ही यहाँ किले के आस-पास कोई भी घर किले के आकार से बड़ा नही बनाया जाता और यदि अगर किसी ने बनाया और यदि उसके घर की परछाई साधू के घर पर पड़ी और परिणामस्वरूप यह किला और पूरा गाँव ध्वस्त हो जाएगा और ऐसा ही हुआ था।

दूसरी कहावतो के अनुसार जादूगर एन.के. सिन्हाई जो काल जादू करना भी जानता था वह एक दिन भानगढ़ की राजकुमारी रत्नावती के प्रेम में पड़ गया, जो बहुत सुंदर थी और आस-पास के सभी शाही परिवार के लोग अपने बेटो की शादी उससे करवाना चाहते थे। एक दिन राजकुमारी 18 साल की उम्र में कुछ खरदीने अपनी सहेलियों के साथ बाजार गयी थी और वहाँ से राजकुमारी ने इत्तर ख़रीदा था। जादूगर ने उन्हें खरदते हुए देख लिया था और इसीलिए उसने इस इत्तर को प्यार की भावना उत्पन्न करने वाले द्रव्य में बदल दिया, ताकि राजकुमारी उसके प्रेम में पड़ जाए। जादूगर ने उसे वह द्रव्य इसलिए दिया था ताकि राजकुमारी के मन में उसके प्रति प्यार की भावना उत्पन्न हो और वह राजकुमारी से शादी कर सके।

लेकिन राजकुमारी ने लंगर से जादूगर को यह सब करते हुए देख लिया था और जब जादूगर ने राजकुमारी को वह द्रव्य दिया तो राजकुमारी ने उसे आस-पास के ही किसी गड्डे में फेक दिया। परिणामस्वरूप, बदले की आग में ही जादूगर की मृत्यु हो गयी। और मरने से पहले उसने भानगढ़ को श्राप दे दिया की पूरा गाँव और किला जल्द ही ध्वस्त हो जाएगा और यहाँ कोई भी किले के आस-पास नही रह पाएंगा। अंत में भानगढ़ किले पर मुघलो ने भी आक्रमण कर दिया था और पुरे किले को ध्वस्त कर दिया था, उस समय तक़रीबन 1000 लोग किले के अंदर रह रहे थे। उस समय राजकुमारी को मिलाकर किले में रहने वाली सभी लोग मारे गये। कहा जाता है की आज भी वह किला जादूगर के श्राप से प्रभावित है और लोगो का ऐसा मानना है की आज भी इस किले में राजकुमारी और उस जादूगर की आत्मा भटकती रहती है।

भूगोल :

भानगढ़ किला राजस्थान के अलवर जिले की अरावली पर्वत श्रुंखला पर सारिका रिज़र्व की बॉर्डर पर बना हुआ है। किले के सबसे पास का गाँव गोलाकबास है। यह किला पहाडियों के निचले भाग पर ढलानी इलाके में बना हुआ है। और विनाश हुए राजा का महल पहाडियों की निचली ढलान पर बना हुआ है, जो भाग तालाब और पेड़ो से घिरा हुआ है, इस तालाब में प्राकृतिक धाराए ही बहती है, कहा जाता है की यह तालाब राजा के महल के भीतर था।

यह किला दिल्ली से 235 किलोमीटर दूर है और किले का प्रवेश द्वार उबड़खाबड़ सड़क पर 2 किलोमीटर तक पैदल चलने के बाद आता है। यह किला थाना घाज़ी से 20 मील (32 किलोमीटर) दूर है।

सुविधा :

पूरी तरह से तबाह हो चुके किले के प्रवेश द्वार से प्रवेश करते समय, आपको मंदिर, छोटे-छोटे महल और हवेलियाँ देखने मिलेगी। इसके साथ-साथ किले के और भी दुसरे चार प्रवेश द्वार भी है – दी लाहोरी गेट, दी अजमेरी गेट, दी फुलबारी गेट और दिल्ली गेट। मुख्य द्वार के प्रवेश स्थान पर, बहुत से हिन्दू भगवान के मंदिर जैसे हनुमान मंदिर, गोपीनाथ मंदिर, सोमेश्वर मंदिर, केशवराय मंदिर, मंगला देवी मंदिर, गणेश मंदिर और नविन मंदिर भी है। इनमे से गोपीनाथ मंदिर 14 फीट ऊँची ईमारत पर पीले पत्थरो से बनाया गया है। साथ ही पुजारियों के रहने की हवेली भी मंदिर के विभाग में ही बनी हुई है। इसके बाद प्रवेश द्वार से अंदर जाने के बाद हमें नाचन की हवेली और जौहरी बाज़ार दिखाई देता है जिसके पास में गोपीनाथ मंदिर भी बना हुआ है। शाही किला किले के अंत में बना हुआ है।

कहा जाता है की यह मंदिर भगवान हनुमान और श्री महादेव को समर्पित है, क्योकि इस किले को स्मारकों के आकार में बनाया गया है। इस किले के निर्माण में झिर्री मार्बल्स का उपयोग किया गया है लेकिन वर्तमान में इसे सफ़ेद पत्थरो से ढँका गया है। किले के मुख्य द्वार के बाहर हमें मुस्लिम मकबरा भी दिखाई देता है। जानकारों के अनुसार यह मकबरा राजा के बेटे किंग हरी सिंह के लिए बनवाया था।

Read More:

  • History in Hindi

Hope you find this post about ”Bhangarh Fort History in Hindi” useful and inspiring. if you like this Article please share on facebook & whatsapp. and for latest update download : Gyani Pandit free android App.

The post अनसुलझे रहस्यों से भरा “भानगढ़ किला” | Bhangarh Fort History appeared first on ज्ञानी पण्डित - ज्ञान की अनमोल धारा.

Share the post

अनसुलझे रहस्यों से भरा “भानगढ़ किला” | Bhangarh Fort History

×

Subscribe to Gyanipandit - ज्ञानी पण्डित - ज्ञान की अनमोल धारा

Get updates delivered right to your inbox!

Thank you for your subscription

×