Aatma se baat karne ka mantra
दोस्तों आज हम आपको बताने जा रहे की कैसे आप किसी आत्मा से बात कर सकते है aatma se baat karne ka mantra
. आत्मा को गीता में नित्य और शाश्वत बताया गया है। यह एक शरीर से दूसरे शरीर को बदलते हुए जीव की कामना और भोग की इच्छा को पूरा करते हुए अपना अनंत सफर तय करता रहता है। यानी ऐसा नहीं है कि आत्मा ने एक व्यक्ति का शरीर छोड़ दिया तो उसके शरीर के साथ आत्मा की भी मृत्यु हो गई।
वेदांत के अनुसार किसी व्यक्ति की मृत्यु होने का मतलब है कि आत्मा ने शरीर को त्याग दिया है और नए शरीर की तलाश में चली गई है।
जिस शरीर से उसकी वासना, भोग और कामना की पूर्ति हो सकती है जब ऐसे शरीर मिल जाता है तो आत्मा पुनः शरीर में प्रवेश करके भौतिक जगत में अपनी नई पहचान के साथ चली आती है लेकिन यहां आत्मा की अपनी इच्छा नहीं चलती है उसे अपने पूर्व कर्मों के अनुसार कामना की aatma se Baat Karne ka mantra पूर्ति के लिए उचित शरीर में प्रवेश मिलता है। जब तक आत्मा को अपनी कामना के अनुसार शरीर नहीं मिलता है तब तक वह ब्रह्माण्ड में एक उर्जा के रूप में भ्रमण करती रहती है। यह उर्जा जीवित लोगों की दुनिया से दूर रहती है।
Aatma se baat karne ka mantra
लेकिन सदियों से आत्माओं से संपर्क करने की कोशिश लोग करते आए हैं और इसके लिए कई विधियों का प्रयोग किया जाता रहा है। पाश्चात्य जगत में इन विधियों से आत्माओं से संपर्क बनाने की बात अक्सर लोग करते हैं। तो आइये आत्माओं से संपर्क करने की पाश्चात्य विधियों के बारे में जानें.
इस विधि में एक तिपाए टेबल का इस्तेमाल किया जाता है aatma se baat karne ka mantra जो हल्का और गोल होता है. एक पाए के निचे लकड़ी का एक गुटका रखा जाता है. इसके बाद टेबल को चारो तरफ से घेर कर लोग बैठ जाते है. इसके बाद जिस व्यक्ति की आत्मा को बुलाना होता है उनका सभी मिलकर ध्यान करते है.
माना जाता है जब टेबल के पाए अपने आप खटकने लगते है तो आत्मा को प्रवेश वहां हो चुका होता है. इसके बाद आत्मा से प्रश्न किये जाते है तथा सांकेतिक तोर पर टेबल की खटखट से प्रश्नों के उत्तर दिए जाते है.
Aatma se baat karne ka mantra
भूतों से बात करने का एक जरिया है प्लेनचिट और ओइजा बोर्ड। यह एक दिल के आकार का दिखने वाला लकड़ी का टुकड़ा होता है। इसमें पीछे की ओर सभी aatma se baat karne ka mantra ओर घूमने वाले पहिये लगे होते हैं। इसकी नोक की तरफ एक छेद होता है जिसमें पेंसिल लगा दी जाती है. आत्मा को गीता में नित्य और शाश्वत बताया गया है। यह एक शरीर से दूसरे शरीर को बदलते हुए जीव की कामना और भोग की इच्छा को पूरा करते हुए अपना अनंत सफर तय करता रहता है। यानी ऐसा नहीं है कि आत्मा ने एक व्यक्ति का शरीर छोड़ दिया तो उसके शरीर के साथ आत्मा की भी मृत्यु हो गई।
वेदांत के अनुसार किसी व्यक्ति की मृत्यु होने का मतलब है कि आत्मा ने शरीर को त्याग दिया है और नए शरीर की तलाश में चली गई है। aatma se baat karne ka mantra जिस शरीर से उसकी वासना, भोग और कामना की पूर्ति हो सकती है जब ऐसे शरीर मिल जाता है तो आत्मा पुनः शरीर में प्रवेश करके भौतिक जगत में अपनी नई पहचान के साथ चली आती है।
लेकिन यहां आत्मा की अपनी इच्छा नहीं चलती है उसे अपने पूर्व कर्मों के अनुसार कामना की पूर्ति के लिए उचित शरीर में प्रवेश मिलता है। जब तक आत्मा को अपनी कामना के अनुसार शरीर नहीं मिलता है तब तक वह ब्रह्माण्ड में एक उर्जा के रूप में भ्रमण करती रहती है। यह उर्जा जीवित लोगों की दुनिया से दूर रहती है।
लेकिन सदियों से आत्माओं से संपर्क करने की कोशिश लोग करते आए हैं और इसके लिए कई विधियों का प्रयोग किया जाता रहा है। पाश्चात्य जगत में इन aatma se baat karne ka mantra विधियों से आत्माओं से संपर्क बनाने की बात अक्सर लोग करते हैं। तो आइये आत्माओं से संपर्क करने की पाश्चात्य विधियों के बारे में जानें।
Aatma se baat karne ka mantra :
इस टेबल से मिलता है आत्माओं के आने का संकेत
इस विधि में एक तिपाए टेबल का इस्तेमाल किया जाता है तो हल्का और गोल होता है। एक पाए के नीचे लकड़ी का एक गुटका रखा जाता है। इसके बाद टेबल को चारों तरफ से घेर कर लोग बैठ जाते हैं। इसके बाद जिस व्यक्ति की आत्मा को बुलाना होता है उनका सभी मिलकर ध्यान करते हैं।
माना जाता है कि जब अपने आप टेबल के पाए खटखटाने लगे तो इसका मतलब है कि आत्मा का आगमन हो चुका है। इसके बाद उनसे प्रश्न किया जाता है और संकेतिक तौर पर टेबल की खटखट से हर प्रश्न का उत्तर जाना जाता है।
भूतों से बात करने का एक जरिया है प्लेनचिट और ओइजा बोर्ड। यह एक दिल के आकार का दिखने वाला लकड़ी का टुकड़ा होता है। इसमें पीछे की ओर सभी ओर घूमने वाले पहिये लगे होते हैं। इसकी नोक की तरफ एक छेद होता है जिसमें पेंसिल लगा दी जाती है।
kisi ko vash me karne ka mantra aatma se baat karne ka mantra
आत्मा से संपर्क करने से पहले मेज पर एक सादा कागज रखकर उसके ऊपर ओइजा बोर्ड को रखा जाता है। इसके बाद जिस व्यक्ति की आत्मा को बुलाना होता है उसका एकाग्रता पूर्वक ध्यान किया जाता है।
ऐसा माना जाता है कि जैसे ही आत्मा aatma se baat karne ka mantra आ जाती है यंत्र अपने आप चलने लगता है। आमतौर पर इस यंत्र द्वारा अतृप्त आत्माओं को बुलाया जाता है। आत्मा जब आ जाती है तो ओइजा बोर्ड में में हरकत होने लगती है।
आत्मा से जब प्रश्न किया जाता है तो ओइजा बोर्ड अपने आप चलने लगता है तथा उसमे लगी पेन्सिल से अपने उत्तर लिखे जाने लगते है. इस तरीके से व्यक्ति ओइजा बोर्ड के माध्यम से अपने प्रश्न उत्तर आत्मा से पूछता है.
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