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'चैंबर 'आगरा की गिरती वाटर टेविल को थामने के लिये संकल्‍पित

 - सिकंदरा राजवाह की शास्त्रीपुरम स्‍थित टेल को जलाशय के रुप में किया जा सकता है विकसित

चैंबरअध्‍यक्ष राजेश  गोयल
 फोटो:असलम सलीमी

आगरा: जलसंरक्षण केवल औपचारिक्‍ता नहीं अपितु एक ऐसी अहम जरूरत  है जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।यहकहना है नेशनल चैंबर ऑफ इंडस्ट्रीज एंड कॉमर्स, यूपी,आगरा के अध्‍यक्ष राजेश गोयल का ,जो कि  चैंबर केअपने सहयोबियों के साथ जीवनी मंडी स्‍थित चैंबर भवन में आगरा की गिरती वाटरटेविल और भूगर्भ जल की अतिदोहित स्‍थितपर चर्चा कर रहेथे।  

श्री बोयल ने कहा कि जलसंरक्षण को लेकर काफी जागरूकता है,लेकिन अब कदम उठाये जानेका वक्‍त है।चैंबर की कोशिश रहेगी कि उपलब्‍ध जलसंसाधन स्‍त्रोतों

-संसाधन उ प्र शासन के आते हैं ,इसलिये चैंबर शासन एवं संबधित विभागों से संवाद करेगी। बतायेगीकि आगरा की प्यास बुझाने के लिए जल काफी मात्रा में उपलब्ध है किन्तु उसके प्रबंधन की कमी

है,जिसे कार्ययोजना बनाकर दूर किया जा सकता है।  

मीटिंग में पूर्वअध्यक्ष एवं जन सम्पर्क एवं समन्वय प्रकोष्ठ के चेयरमैन मनीश अग्रवाल ने बताया कि आगरा में प्रचुर जल उपलब्ध होते हुए भी यहां जल संकट बढ़ रहा है। इस पर चैम्बर द्वारा अवश्य  ही शासन  स्तर पर पत्राचार किया जायेगा। 

जोधपुर झाल जलाशय
चैम्‍बर अध्‍यक्ष राजेश गोयल के साथ चर्चारत सर्वश्रीसीता राम अग्रवाल,मनीष
अग्रवाल , जर्नलिस्‍ट राजीव सक्‍सेना एवं असलम सलीमी ।

पूर्व अध्यक्ष सीताराम अग्रवाल ने कहा कि गतवर्षों  में जोधपुर झाल जलाशय का चैम्बर द्वारा निरीक्षण किया गया था और यह 152 एकड़ क्षेत्रफल में फैला हुआ है। जो प्रतिवर्ष वर्षा के समय पूरी तरह भर जाता है किन्तु प्रबन्धन न होने के कारण इसका संचय एवं भूगर्भ रिचार्ज के लिये  उपयोग नहीं हो पाता है। अतः इस जलाशय का रखरखाव करना आवश्यक है। 

अध्यक्ष राजेष गोयल ने पुनः कहा कि जोधपुर झाल जलाशय आगरा मथुरा को जोड़ता है। अतः इसे पं. दीन दयाल उपाध्याय सरोवर के रुप में विकसित करने पर बड़े स्तर पर दोनों जनपदों को लाभ मिलेगा।

औपचारिक चर्चा में सहभागी वरिष्ठ पत्रकार राजीव सक्सेना ने कहा कि शासन प्रसाशन को जयालशाय की कार्ययोजना पर प्राथिमिकता से कार्य करना चाहिए।  जोधपुर झाल जलाशय 2 जनपदों से सम्बंधित है। इसका नाम भी पं. दीनदयाल उपाध्‍यायजीके नाम पररखाजाना प्रस्‍तावित है,लेकिन फिर भी शासन इसकेलिये कोयी प्रभावी कार्रवाही नहींकर सका है।

शास्‍त्री पुरम जलाशय

अध्यक्ष राजेश गोयल ने कहा कि आगरा कैनाल के सिकंदरा जो कभी भगवान टाकीज के बगल सेहोकर जीवनी मंडी जलकल के डाउन में यमुना नदीमें गिरता था,अब शास्‍त्रीपुरम में अन्त (टर्मनेट )शास्त्रीपुरम में होता है। इसकी  टेल से 1.5 किलोमीटर अपस्‍ट्रीम में (रुनकता की ओर) जलाशय बनाकर  पर्याप्त जल संचय किया जा सकता है। इस हेतु शासन को अमृत योजना के तहत क्रियान्वयन करने के लिए पत्र प्रेषित किया जायेगा। यह शहरवासियों के लिए सबसे हिट पर्यटक पाइंट होगा।

ड्रोन मैपिंग

पूर्व अध्यक्ष मनीष अग्रवाल ने कहा कि आगरा में गिरते जलस्तर के कारण अति दोहन की स्थिति आ गई है। समय रहते यदि कार्य नहीं हुए तो आगरा भीषण जल संकट की स्थिति में आ जायेगा। आगरा के समस्त जलाशयों की ड्रोन मैपिंग कराई जाये। चैम्बर इसके लिए अपने स्‍तर पर भी तैयार है।हालांकि कोशिश रहेगी कि मुख्‍य विकास अधिकारी या आगरा नगर निगम के स्‍तर से ही ड्रोन सर्वेक्षण का कार्यहो।   चैम्बर आगरा के निकटवर्ती जलाशयों की ड्रोन मैपिंग कराने के लिए जिलाधिकारी को पत्र लिखेगा और जिलाधिकारी से अनुमति मिलने पर चैम्बर जलाशयों की ड्रोन मैपिंग करायेगा।





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