साँची : बिजली उत्पादन से परे सौर पहल का विस्तार करते हुए, मध्यप्रदेश के सांची शहर ने कई बुनियादी ढांचागत संशोधनों को अपनाया है। साँची में करीब 300 से अधिक सौर स्ट्रीट लाइटों की स्थापना की गई है, जो न केवल सड़कों को रोशन करती हैं बल्कि नवीकरणीय ऊर्जा समाधानों की ओर बदलाव को भी दिखाती है ।
यह नहीं इस छोटे से शहर में सौर वृक्ष और सौर पेयजल कियोस्क जैसे अत्याधुनिक प्रतिष्ठान स्थापित किये गए हैं। ये न केवल शहर के ऊर्जा मैट्रिक्स में योगदान करते हैं बल्कि इसके निवासियों के जीवन की गुणवत्ता को बढ़ाने की भी क्षमता रखते हैं। सार्वजनिक परिवहन क्षेत्र ने भी हरित लहर लाई गई है, जिसमें बैटरी चालित ई-रिक्शा और इलेक्ट्रिक कचरा वैन शामिल हैं, इस प्रकार पारंपरिक गैसोलीन चालित वाहनों से जुड़े कार्बन पदचिह्न को कम किया गया है। इन कदमों से साँची के आर्थिक प्रभाव उल्लेखनीय हैं। इस बात का दावा भी किया गया है कि सौर परियोजना से सालाना 14,324 टन कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन में कमी आएगी। यह कमी 238,000 से अधिक पेड़ लगाने के पर्यावरणीय प्रभाव के बराबर है।
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