इटावा – तीन सौ वर्ष पुराना बताया जाने वाला बनयान का वृक्ष अभी कुछ समय पूर्व 22 सितंबर को मूसलाधार बारिश होने के कारण गिर गया था। इस बरगद के पेड़ को लोग ‘गांधी वटवृक्ष’ कहते हैं। यह बनयान का वृक्ष स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान, यह गांधीवादियों के लिए एक मिलन स्थल महत्वपूर्ण स्थान था। गांधी जयंती के अवसर पर इस स्थान पर एक नया बरगद के पौधे का बृक्षारोपण किया जायेगा।
भारत में बरगद का पेड़ अनंत जीवन का प्रतिनिधत्व करता है। क्योंकि इसकी शाखाएं हमेशा फैलती रहती हैं।बरगद की विशाल संरचना और इसकी गहरी जड़ें देश की एकता का प्रतीक हैं। भारत में बरगद को लोग कल्पवृक्ष भी कहते हैं , जिसका अर्थ है ‘इच्छा पूर्ण करने वाला वृक्ष’। इसे 1988 में भारत का राष्ट्रीय वृक्ष घोषित किया गया था। इसकी लंबी उम्र के कारण, इस पेड़ को भारत में अमर माना जाता है। बरगद का पेड़ आज भी ग्राम जीवन का केंद्र बिंदु है और इसी पेड़ की छाया में ग्राम परिषद की बैठक होती है।
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