हंगामा क्यों है बरपा
एक “दागी”जो भर लिया है
डाका तो नहीं डाला
भ्रस्टाचार तो नहीं किया है
माना कि ये कौवा
मोती था बटोर रहा
जनता को पांच साल से
“खिचड़ी” था परोस रहा
लेकिन ये भी जानो कि
“चारा” खानों वालों से छोटा है
“चारा” खानों वालों से छोटा है
वो तिनका ,दाड़ी में जो इसके पाया है
डाका तो................
माना कि ये बिल्ली
हजार चूहे खा कर आयी है
मलाई थी जो गायब
इसी ने चुराई है
गलत क्या है बोलो
जो संसार लूट के इसे
सतवंती बनाने का विचार आया है
डाका तो...............
सतवंती बनाने का विचार आया है
डाका तो...............
माना पूरे खेत की घास
इस गधे ने ही कटवाई थी
थोड़ी अपनी, ज्यादा
किसी और को खिलाई थी
ये आया है बताने कि
इस अकेले चने से
भाड़ किसने फुड़वाया है
और हमने स्वार्थ-वश अब ये गधा चरवाया है
और हमने स्वार्थ-वश अब ये गधा चरवाया है
डाका तो...............
हंगामा क्यों है बरपा
एक “दागी” जो भर लिया है