This is my first Gazhal. Don`t know whether I can call it a gazhal or not. I tried my best. Give me comments and tell me about my mistakes.
Radeef = हैं
Kafiya = अर
vajna = फायलातुन फाइलुन
कहने भर को शहर हैं |
पत्थरो का बसर हैं |
कामयाबी के सफ़र में,
हर अगर तो जहर हैं |
पार पा ले डर पे गर,
फिर तो आसा सफ़र हैं |
बोलता हूँ सच, तभी
दूर मुझसे ज़फर हैं |
गैर की तो बात क्या,
अपनों का ही कहर हैं |
कोहरा फैला तो क्या ,
होने को फिर भी सहर हैं |
लोग सब कल आएँगे,
आज `अंकुर` जिधर हैं |
Tell me about my mistakes...
Radeef = हैं
Kafiya = अर
vajna = फायलातुन फाइलुन
कहने भर को शहर हैं |
पत्थरो का बसर हैं |
कामयाबी के सफ़र में,
हर अगर तो जहर हैं |
पार पा ले डर पे गर,
फिर तो आसा सफ़र हैं |
बोलता हूँ सच, तभी
दूर मुझसे ज़फर हैं |
गैर की तो बात क्या,
अपनों का ही कहर हैं |
कोहरा फैला तो क्या ,
होने को फिर भी सहर हैं |
लोग सब कल आएँगे,
आज `अंकुर` जिधर हैं |
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