Uttarkashi Tunnel Accident
उत्तराखंड में यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग के एक हिस्से के ढहने से पिछले चार दिनों से उसके अंदर 40 मजदूर फंसे हुए हैं. श्रमिकों को बाहर निकालने की कोशिशें लगातार जारी हैं. बुधवार को युद्ध स्तर पर रेस्क्यू ऑपरेशन जारी रहा.
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चारधाम ऑल वेदर सड़क परियोजना के तहत निर्माणाधीन सुरंग का सिलक्यारा की तरफ से मुहाने से 270 मीटर अंदर करीब 30 मीटर का हिस्सा रविवार को भूस्खलन से ढह गया था और तब से श्रमिक उसके अंदर फंसे हुए हैं. उन्हें निकालने के लिए युद्वस्तर पर बचाव एवं राहत अभियान चलाया जा रहा है. सीएम पुष्कर सिंह धामी पूरे घटनाक्रम पर नजर बनाए हुए हैं.
सुरंग में फंसे सभी श्रमिक सुरक्षित बताए जा रहे हैं जिन्हें पाइप के जरिए लगातार ऑक्सीजन, पानी, सूखे मेवे सहित अन्य खाद्य सामग्री, बिजली, दवाइयां आदि पहुंचाई जा रही हैं. इस बीच अंदर फंसे श्रमिकों में से एक गब्बर सिंह नेगी से उनके पुत्र आकाश ने पाइप के जरिए मंगलवार को बातचीत की जिससे उसके साथ ही अन्य श्रमिकों के परिजनों को भी राहत मिली.
कोटद्वार के निकट बिशनपुर के रहने वाले नेगी के पुत्र आकाश ने पीटीआई को बताया, ‘‘मुझे कुछ सेकेंड के लिए उस पाइप के जरिए अपने पिता से बात करने की अनुमति मिली जिससे सुरंग में फंसे श्रमिकों को ऑक्सीजन भेजी जा रही है.’’
यह पूछे जाने पर कि उनके पिता ने उनसे क्या बातचीत की, इस पर आकाश ने कहा, ‘‘उन्होंने बताया कि वे सभी सुरक्षित हैं. उन्होंने हमसे कहा कि चिंता नहीं करें और बताया कि कंपनी उनके साथ है.’’
रविवार सुबह सुरंग के एक हिस्से के ढहने से उसमें अन्य श्रमिकों के साथ पिता के फंसने की सूचना मिलने पर आकाश अपने चाचा महाराज सिंह नेगी तथा तीन अन्य लोगों के साथ कोटद्वार से मौके पर पहुंचे हैं. फंसे श्रमिकों की सलामती के लिए एक स्थानीय पुजारी ने मौके पर पूजा भी संपन्न कराई गई है.
Uttarkashi Tunnel Accident
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