शिरोमणि अकाली दल (SAD) के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल (Sukhbir Singh Badal) ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री भगवंत मान (CM Bhagwant Mann) को चुनौती दी कि वे पंजाब कृषि विश्वविद्यालय लुधियाना (PAU Ludhiana) में आयोजित दिखावटी बहस के दौरान बादल परिवार के खिलाफ बोले गए दुर्भावनापूर्ण झूठ के लिए 10 दिन के भीतर माफी मांगें या आपराधिक मानहानि के मुकदमे का सामना करने के लिए तैयार रहें।
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सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि पीएयू लुधियाना में एक व्यक्ति का भाषण, जिसका पूरे विपक्ष ने बहिष्कार किया था, मुख्यमंत्री ने यह दावा करके चरित्र हनन किया कि पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बाददल ने हरियाणा के बालासर गांव में बादल फार्म (Balasar Farm House ) तक नहर का पानी पहुंचाने के लिए 1998 में भाखड़ा मेन लाइन नहर की ऊंचाई बढ़ाकर समझौता किया था।
Sukhbir Badal ने कहा कि देवीलाल 1977 में पहली बार हरियाणा के मुख्यमंत्री बने थे, जबकि बालासर ब्रांच 12 मार्च 1964 को बनाई गई थी। उन्होंने कहा कि बालासर ब्रांच बानी शाखा का हिस्सा थी, जो स्वयं भाखड़ा नहर प्रणाली पंजोआणा ब्रांच का हिस्सा थी।
शिअद अध्यक्ष (SAD Badal) ने मुख्यमंत्री को वह पत्र दिखाने की चुनौती भी दी कि वह पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल का पत्र दिखाएं, जो उन्होने इमरजेंसी के दौरान जेल में रहते हुए एसवाईएल नहर के शीघ्र निर्माण के लिए केंद्र को लिखा था। उन्होंने कहा कि यह उन सरदार बादल की छवि को खराब करने का प्रयास है, जिन्होंने इमरजेंसी का डटकर मुकाबला किया। इसे हरगिज बर्दाश्त नहीं किया जाएगा भगवंत मान को उनके दुर्भावनापूर्ण बयानों के लिए जिम्मेदार ठहराया जाएगा।
सुखबीर (Sukhbir Badal) ने कहा कि मुख्यमंत्री पहले भी यह आरोप लगाकर बादल परिवार को बदनाम करने की कोशिश करते रहे हैं कि उन्हें एसवाईएल के निर्माण के लिए सहमति देने के बदले गुड़गांव में एक होटल के लिए जमीन दी गई थी। सुखबीर ने कहा कि यह सफेद झूठ है। उन्होंने कहा कि गुड़गांव में होटल की जगह 1989 में राज्य की औद्योगिक नीति के तहत आवेदन करने पर बादल परिवार को दी गई, जबकि एसवाईएल नहर प्रोजेक्ट की शुरूआत पूर्व मुख्यमंत्री ज्ञानी जैल सिंह ने 1976 में सैद्धांतिक मंजूरी देकर की थी।
उन्होंने कहा कि मैं भगवंत मान को याद दिलाना चाहता हूं कि जहां देवीलाल ने 1979 में एसवाईएल के निर्माण की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, वहीं पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने पंजाब पुनर्गठन एक्ट की धारा 78 को चुनौती दी थी। उन्होंने कहा कि बादल ने यह सुनिश्चित करने के लिए कपूरी मोर्चे की अगुवाई की थी कि नहर का निर्माण न हो।
Sukhbir Singh Badal ने कहा कि मुख्यमंत्री ने अकाली सरकारों के दौरान किए गए विकास कार्यों के बारे में भी झूठ बोला है। उन्होंने कहा कि मैं मुख्यमंत्री को याद दिलाना चाहता हूं कि वे थर्मल प्लांट, हवाई अडडों, राजमार्गों, सिंचाई चैनलों और मंडियों सहित राज्य में सभी बुनियादी ढ़ांचा परियोजनाओं को देखें और जांचें कि वे कब शुरू हुए। ये सभी पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के कार्यकाल के दौरान ही स्थापित किए गए हैं। उन्होंने कहा कि आप सरकार के नाम एक भी उपलब्धि नहीं है, फिर भी उसने सरकार में पहले डेढ़ साल के दौरान 50 हजार करोड़ रूपये का कर्ज लिया है।
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