Haryana News : Haryana Air Quality दिवाली से पहले हरियाणा जहरीली हवा की चपेट में आ गया है। राज्य के 15 शहर रेड जोन की कैटेगिरी में पहुंच गए हैं, जबकि हरियाणा के सात शहरों की हवा गंभीर स्तर पर पहुंच गई है। इन शहरों का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 400 से ऊपर दर्ज किया गया है। पराली जलाने की घटनाओं व मौसम की बदलती परिस्थितयां की वजह से प्रदूषण के कण धरती के आसपास ही मंडरा रहे हैं। प्रदूषण का सबसे ज्यादा असर छोटे बच्चों पर होता है। इसे देखते हुए हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने प्रदूषण से प्रभावित शहरों में प्राइमरी स्कूलों को बंद करने की हरियाणा सरकार से सिफारिश की है।
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अब हरियाणा सरकार इस बारे में शिक्षा विभाग से राय मशविरा लेगा। इसके बाद प्रभावित शहरों के छोटे बच्चों के स्कूलों को बंद करने के संबंध में आदेश जारी हो सकते हैं। उधर, दिल्ली सरकार ने शुक्रवार व शनिवार को स्कूल को बंद करने का निर्देश जारी किया था। जानकार के मुताबिक दिवाली तक प्रदूषण से फिलहाल राहत के आसार नहीं है। ऐसे में लोगों की सांसों पर गंभीर संकट आ गया है।
प्रदूषण विभाग के मुताबिक हरियाणा में फरीदाबाद शहर प्रदूषित शहर दर्ज किया गया। इस शहर का औसत एक्यूआई 460 दर्ज किया गया। इस शहर के सेक्टर 16 में तो औसत एक्यूआई 492 रिकॉर्ड किया गया। वहीं, हिसार, जींद, फतेहाबाद, रोहतक, सोनीपत और बहादुरगढ़ का भी एक्यूआई 400 से ज्यादा रिकॉर्ड हुआ है।
खुले में कचरा जलाने वालों पर सख्ती बरतें उपायुक्त (Haryana Air Quality )
वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग के अध्यक्ष डॉ. एमएम कुट्टी की अध्यक्षता में एक वर्चुअल समीक्षा बैठक में हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड बोर्ड के अध्यक्ष राघवेंद्र राव ने उपायुक्तों को खुले में कचरा जलाने वालों के खिलाफ सख्ती बरतने का निर्देश दिया है। दरअसल, हरियाणा के कई शहरों में कचरा जलाने की शिकायत मिल रही हैं। वायु प्रदूषण में खुले में जलाए गए कचरे का भी काफी योगदान रहता है। वहीं, खनन और उत्खनन गतिविधियों की भी निगरानी करने का निर्देश दिया है।
पंजाब में 12 हजार से ज्यादा, हरियाणा में सिर्फ 1372 जली पराली
Haryana Air Quality – हरियाणा में इस बार पराली जलाने की घटनाओं में काफी कमी आई है। पिछले साल की तुलना में 2023 में पराली जलाने की घटनाओं में 38 फीसदी की कमी आई। वहीं, वर्ष 2021 की तुलना में 2023 में पराली जलाने की घटनाओं में 57 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है।
Punjab में इस साल अब तक 12813 पराली जलाने की घटनाएं सामने आ चुकी हैं। वहीं, Haryana में 1372 मामले दर्ज किए गए हैं। हालांकि शुरुआती दिनों में हरियाणा में भी पराली जलाने के मामले बढ़े थे, मगर हरियाणा सरकार के प्रयासों और सख्त निगरानी की वजह से इसमें कमी आई है।
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