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ऑनलाइन गेमिंग के विरोध में सचिन के घर के बाहर विरोध प्रदर्शन

सचिन तेंदुलकर के खिलाफ महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई के बांद्रा इलाके में उनके घर के बाहर विधायक बच्चू कडू ने अपने समर्थकों के साथ विरोध प्रदर्शन किया है। वें उनके द्वारा ऑनलाइन गेमिंग का विज्ञापन करने से नाराज थे। उनका कहना था कि इससे युवा बर्बाद हो रहा है। कडू ने तेंदुलकर से भारत रत्न पुरस्कार को भी वापस करने की मांग की। लेकिन सवाल यह है कि ऑनलाइन गेमिंग का मामला है क्या ? जिसके चक्कर में वे तेंदुलकर के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।

क्या है सचिन तेंदुलकर से जुड़ा पूरा मामला ?

दरअसल मामला ऑनलाइन गेमिंग से जुड़ा है। पूर्व क्रिकेटर के द्वारा इसका विज्ञापन करना विधायक कडू को ठीक नहीं लगा। वह अपने समर्थकों के साथ तेंदुलकर घर के बाहर पहुंच गए और फिर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। हालांकि पुलिस ने उन्हें बाद में वहां से हटा भी दिया। वह बैनर पोस्टर लेकर वहां पहुंचे थे और उनके खिलाफ नारेबाजी भी कर रहे थे। बच्चू कडू ने प्रदर्शन को लेकर फोटो ट्विटर पर शेयर भी किए और कई ट्वीट भी किए। उन्होंने प्रदर्शन की वजह भी बताई और सचिन से देश का सर्वोच्च पुरस्कार भारत रत्न लौटाने की मांग भी की।

कडू का कहना है कि वे ऑनलाइन गेमिंग का समर्थन करते हैं जो युवाओं को बर्बाद कर रहा है। विधायक ने पुलिस के द्वारा हिरासत में लिए जाने के दौरान कहा कि उनको अपना भारत रत्न पुरस्कार वापस लौटा देना चाहिए वह पूरे देश के भारत रत्न है यदि वह ऑनलाइन गेम्स का प्रचार करना नहीं बंद करेंगे तो हम आगे भी गणपति उत्सव के दौरान गणेश पंडाल के बाहर विरोध प्रदर्शन करेंगे और उन्हें हटाने की भी मांग करेंगे।

कौन हैं सचिन के खिलाफ प्रदर्शन करने वाले बच्चू कडू

बच्चू कडू प्रहार जनशक्ती पक्ष के नेता है, वे मुख्यमंत्री शिंदे के गुट का समर्थन भी करते हैं। ओमप्रकाश बाबा राव उर्फ बच्चू कडू महाराष्ट्र के अचलपुर विधानसभा से एक स्वतंत्र सदस्य हैं। अचलपुर विधानसभा क्षेत्र अमरावती लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र का एक हिस्सा है। वह वर्ष 2004 से 2019 तक लगातार चार बार महाराष्ट्र विधानसभा के लिए चुने भी गए हैं। वह पूर्व के महाराष्ट्र सरकार के मंत्री भी रह चुके हैं। बच्चू कडू वर्तमान में अपने खिलाफ एक मामले में 2 साल की सजा भी काट रहे हैं। लेकिन इस सबके बीच में चुनाव आयोग का मामला भी आता है। इससे पहले भी बच्चू कडू ने उन्हे ऑनलाइन गेमिंग को लेकर धमकाया था। उन्होंने सचिन को लीगल नोटिस भेजने की भी बात कही थी। यह विरोध उनके घर के बाहर ऐसे समय में हो रहा है जब चुनाव आयोग मतदान के प्रति शहरी लोगों और युवाओं को उदासीनता से जूझ रहे और उन्हें जागरूक करने के लिए नया प्लान बना रहा है। ऐसे में क्रिकेट के दिग्गज को चुनाव आयोग ने मतदाताओं की अधिक भागीदारी को लेकर प्रोत्साहित करने के लिए एक पैनल बनाया और पैनल को लेकर राष्ट्रीय आइकॉन ‘सचिन तेंदुलकर’ के नाम की घोषणा की गई। चुनाव आयोग अक्टूबर और नवंबर में पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव कराने जा रही है। वर्ष 2024 में लोकसभा चुनाव भी होने हैं और इस कड़ी में उन्हे राष्ट्रीय आइकॉन बनाया गया है, इस बीच उनको लेकर मुंबई में विरोध प्रदर्शन चल रहे हैं। सचिन और चुनाव पैनल के बीच में एक समझौते पर हस्ताक्षर भी किए गए हैं। 3 वर्षों के इस समझौते के तहत उन्हे मतदाताओं के मध्य में मतदान के लिए जागरूकता फैलाएंगे और सभा को संबोधित भी करेंगे।

तेंदुलकर ने सभा को संबोधित करते हुए एक बार यह भी कहा था कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है और अपने मताधिकार का प्रयोग करना हमारी प्रमुख जिम्मेदारी है। उन्होंने यह भी कहा था कि अपनी दूसरी पारी में भारत के लिए बल्लेबाजी करना जारी रखेंगे। ऐसा कहा जाता है कि भारत दुनिया में सबसे युवा औसत आयु वाला देश है लेकिन जब मतदान की बात आती है तो हम ईमानदारी पूर्वक खुद को जिम्मेदार राष्ट्र नहीं कह सकते। इसे स्वीकार करना थोड़ा कठिन है लेकिन सच्चाई यही है। उन्होंने आगे कहा कि मतदान एक जिम्मेदारी है और यह हमारे भीतर से आना चाहिए। हम सभी चाहते हैं देश में अच्छी चीज हो लेकिन इसके लिए प्रयास करना जरूरी है। अपना वोट डालने का प्रयास करें और हम उसे देश के बारे में सोचते रहे जिस पर हम चाहते हैं कि हमें वोट देना है और हर वोट एक मायने रखता है।

मुख्य आयोग आयुक्त राजीव कुमार ने यह भी कहा कि चुनाव पैनल ने उन निर्वाचन क्षेत्र और मतदान केदो की पहचान की है जहां मतदान प्रतिशत कम रहा है। वर्ष 2019 के लोकसभा मतदान चुनाव की बात करें तो सिर्फ 66% ही मतदान हुआ था और अब 2024 में लोकसभा चुनाव होना है और इसी वर्ष 2023 में विधानसभा चुनाव है जो दिसंबर के करीब होंगे ऐसे में चुनाव आयोग पर भी वोट प्रतिशत को बढ़ाने की जिम्मेदारी होगी।पिछले साल चुनाव आयोग ने अभिनेता पंकज त्रिपाठी को राष्ट्रीय आइकॉन बनाया था और इससे पहले वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान महेंद्र सिंह धोनी, आमिर खान और मैरी कॉम जैसे दिग्गज चुनाव आयोग के राष्ट्रीय आइकॉन रह चुके हैं। लेकिन अब राष्ट्रीय आइकॉन सचिन को बनाया गया है लेकिन इस बीच में उनके घर के बाहर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं।

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