बिलासपुर। बिलासपुर में कांग्रेस कमेटी बिल्हा के पूर्व ब्लॉक अध्यक्ष ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। उनके परिवार वालों ने जमीन विवाद के चलते प्रताड़ना से मौत का आरोप लगाया है। साथ ही दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर चक्काजाम कर जमकर हंगामा मचाया। बाद में पुलिस की समझाइश पर मामला शांत हुआ। घटना सरकंडा थाना क्षेत्र की है।
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जानकारी के अनुसार, सरकंडा क्षेत्र के चांटीडीह स्थित नगीना मस्जिद के पास रहने वाले पूर्व ब्लाक कांग्रेस अध्यक्ष रज्जब अली (52) बिल्डिंग मटेरियल सप्लाई का काम करते थे। बताया जा रहा है कि जिस जगह पर उनकी दुकान है, उसी जमीन को लेकर उनका विवाद चल रहा था। वे मानसिक तनाव में चल रहे थे। सोमवार की रात उन्होंने अपने घर के आंगन में पेड़ पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। मंगलवार की सुबह परिजनों को इस घटना की जानकारी हुई। इसके बाद आसपास के लोगों की भीड़ जुट गई। खबर मिलते ही पुलिस भी मौके पर पहुंच गई।
रज्जब अली की जेब से एक सुसाइड नोट भी मिला है। इसमें उन्होंने परिवार के सदस्यों से माफी मांगी है। इसके साथ ही उन्होंने अपने आपको को कांग्रेस कार्यकर्ता बताते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से अपने परिवार के सदस्यों की सुरक्षा की मांगी है। पुलिस ने सुसाइड नोट जब्त कर लिया है।
परिजनों ने दो कांग्रेस नेताओं पर लगाए प्रताड़ना के आरोप
इधर, व्यवसायी कांग्रेस नेता के बेटे हमाम अली और बेटी सबाना बेगम ने अपने पिता की मौत के लिए कांग्रेस नेता अकबर खान और तैय्यब हुसैन को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने बताया कि उनकी दुकान की जमीन में कब्जा करने और उसे तोड़ने की धमकी दी जा रही थी। उन्होंने बताया कि अकबर खान और तैय्यब हुसैन ने रज्जब की दुकान के बगल की जमीन का सौदा किया है। इसके बाद वे रज्जब की जमीन पर कब्जा करने की कोशिश कर रहे हैं, जिसके कारण वे मानसिक रूप से तनाव में आ गए थे।
CIMS में शव के पोस्टमॉर्टम के बाद परिजन शव को अपने घर के पास ले गए और गाड़ी में रखकर चक्काजाम कर दिया। बीच सड़क में शव रखकर परिजन हंगामा मचाने लगे और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की। चक्काजाम की सूचना मिलते ही सरकंडा के साथ ही कोतवाली पुलिस की टीम मौके पर पहुंच गई। इस दौरान पुलिस ने परिजनों को समझाइश दी। साथ ही कहा कि सुसाइड नोट में किसी का नाम नहीं है, तो पुलिस सीधे तौर पर कैसे कार्रवाई कर सकती है। पुलिस अफसरों ने परिजनों को लिखित शिकायत देने और जांच के बाद कार्रवाई करने का भरोसा दिलाया। तब जाकर करीब आधे घंटे बाद परिजन शांत हुए।