6 हजार से अधिक देश विदेश के गायनेकोलॉजिस्टों ने लिया भाग
आगरा। लगभग एक हजार से अधिक सेशन और 6 हजार देश विदेश के गायनेकोलॉजिस्ट आपस में मिले।
(मरीजों कोलाभ देने का लिया संकल्प) |
पांच दिन के कलाकृति में आयोजित डॉक्टरों के महाकुम्भ आइकोग (59th ऑल इंडिया कांग्रेस ऑफ ऑब्सटेट्रिइस एंड गायनेकोलॉजी 2016) का पांचवें दिन समापन हो गया। समापन कार्यक्रम में देश विदेश से आए डॉक्टरों को विभिन्न श्रेणियों में पुरस्कार प्रदान किए गए।
समापन कार्यक्रम में फोग्सी की 2016 की अध्यक्ष डॉ. अलका क्रिपलानी ने कहा कि इस कांफ्रेंस के माध्यम से डॉक्टरों ने जो कुछ भी सीखा है
भारत में जेस्टेशनल डायबिटीज के 15 फीसदी मामले ;
आगरा। भारत में जेस्टेशनल डायबिटीज (यानि गर्भावस्था के दौरान होने वाली डायबिटीज) के लगभग 15 फीसदी मामले हैं जबकि दुनिया में 7-10 फीसदी। यानि महिलाओं को उनकी बदलती जीवन शैली जेस्टेशनल डायबिटीज से न सिर्फ उन्हें बल्कि उनके गर्भस्त शिशु को भी खतरे में डाल सकती है।
आईकोग में डेस्टेशनल डायबिटीज पर हुए पैनल डिसकशन में डॉ. सुनील बंसल ने बताया कि डेस्टेशनल डायबिटीज गर्भधारण करने के 22 से 28 हफ्ते के बीच होती है। इसमें महिला को सिर्फ गर्भावस्था के दौरान ही डायबिटीज रहती है। ऐसे मामलों में शिशु का वजन 4 किलो से अधिक हो सकता है। जिसे मैक्रोमीनिया कहते हैं। जिसके कारण प्रसव के दौरान शिशु का कंधा करने से काम्पलीकेशन की सम्भावना बढ़ जाती हैं। इतना ही नहीं फीटल डेथ की सम्भावना भी ऐसे मामलों में 4-5 प्रतिशत होती है। ब्लीडिंग अधिक होने से मां को भी खतरा रहता है। सामान्य तौर पर खाली पेट डायबिटीज 96 से और भरे पेट 140 तक होनी चाहिए। लेकिन डिस्टेशनल डायबिटीज में खाली पेट 126 और भरे पेट 200 से अधिक होती है।