किन्तु यह सारस आरिफ घर के पास नियमित आकर खड़ा हो जाता था । और वह उसकी साइकिल तक का दौड़ कर पीछा करता था । यह जंगली सारस दिन में अपने परिवार के साथ जंगल में रहता है और शाम आरिफ के दरवाज़े पर लौट आता था। नहीं तो दोपहर में जब उसे भूख लगती तो वह उसके घर के दरवाजे पर इंतजार करता था । उसने अपने हाथ उसके हाथ से भी खाना भी खिलाया ।आज यह सारस मोहम्मद आरिफ अमेठी के घर से चार घंटे से अधिक दूर कानपुर के एक चिड़ियाघर में है। आरिफ जो अपने "दोस्त" को रिहा करने के लिए अधिकारियों से आग्रह कर रहा है।
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वह आखिरकार पक्षी से मिलने गया, जिसने अपने पंखों को फड़फड़ाने और अपने पुनर्मिलन के दौरान बड़ी छलांग लगाने के साथ अपनी खुशी को नहीं छिपाया और ऑनलाइन पोस्ट किया। मोहम्मद आरिफ कहते हैं, "पक्षी ने तुरंत मेरी आवाज पहचान ली। उसने मुड़कर मेरी तरफ देखा, वह मुझसे मिलने के लिए तड़प रहा था।"