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विकलांगता नियंत्रण को दबा से भी कहीं ज्‍यादा जरूरी है शुद्ध पानी की उपलब्धता

  -- आगरा की यादें सिमेटकर शिफ्ट होंगे पांडेचेरी

आगरा और यहां रही सक्रियता कपूर सहाब और मैं कैसे भूल
 सकते हैं 
से : श्रीमती प्रमिला कपूर । -फोटो:असलम सलीमी
आगरा: विकलांगों  के लिये ताजिंदगी सेवारत रहने को संकल्‍पित श्री विष्‍णू कपूर अब  आगरा छोडने की पूर्व वेला में हैं,उम्र के नौवें दशक के दौर में शिफ्टिंग अनिवार्य हो गयी है।वह यहां से पांडेचेरी  शिफ्ट हो रहे हैं। जहां इनकी पुत्री भी रहती हैं। आगरा में विकलांगता के खिलाफ पिछले चार दशक  से अनवरत अभियान चलाते रहे कपूर  सहाब हजारों विकलांगों को  कैलीपर और  ट्राइसिकिल दिलवाने का  माध्‍यम रहे। बडी संख्‍या में स्‍थानीय मित्रों एवं              राजस्‍थान के ट्रस्‍टों से  संपर्क कर आप्रेशन करवाये। अनेक को स्‍वाभिमान की ललक जाग्रत की और उनकी शारिक क्षमता के  अनुरूप  नौकरियां दिलवाईं । 

श्री कपूर अपने जीवन के नौंवे दशक को पूरा करने वाले है,इनमें से चार दशक विकलांगों की सेवा करते बिताये । हृदयाल विकलांग सेवा केन्‍द्र ,आगरा के साथ उन्‍होंने सेवा कार्य शुरू किया।उस समय वह माईथान मौहल्‍ले में रहते थे। जबतक उनका निवास शास्‍त्री नगर के गोपाल कुंज बहुमजिला अपार्टमेंट में शिफ्ट नहीं हुआ वह यथावत सेवाकार्य करते रहे।इसके बाद उनकी सहभागिता  दिल्‍ली गेट क्षेत्र में गुलाब राय मार्ग स्‍थित आगरा विकलांग उत्‍थान समिति के साथ रही।इसकी स्‍थापना प्रख्‍यात चिकित्‍सा शास्‍त्री प्रो. डा पी के श्रीवास्‍तव ने अपने जीवन काल में की थी। वर्तमान में इसका संचालन डा.श्रीवास्‍तव के परिवारी जन और सेवाभावी स्‍वजन कर रहे हैं।

गांवों का भ्रमण   
एक स्‍मृति : विष्‍णू कपूर जोधपुर झाल पर।
                                 -- फोटो असलम सलीमी
श्री कपूर दर्शनीय स्‍थलों केअलावा जनपद के ठेठ ग्रामीण क्षेत्रों में घूमने फिरने के शौकीन रहे हैं,इसलिये आगरा में विकलांगिता के बारे में उन्‍हें जानने समझने का खूब मौका मिला। प्रदूषित एवं डब्‍लू एचओ मानकों से कही निम्‍न स्‍तर के पानी का पेयजल के रूप में इस्‍तेमाल इसका मुख्‍य कारण माना।

इसी लिये पिछले बीस सालों से श्री कपूर  अन्‍य रुटीन सेवाकार्यों के साथ आगरा को मीठा पानी उपलब्‍ध करवाने की लडाई भी अपने चिरपरिचित गांधीवादी स्‍टाइल में शुरू किये हुए हैं।'सूरसरोवर लोअर लेक' प्रोजेक्‍ट  को जहां वह यमुना का प्रदूषण कम करने वाले प्रोजेक्‍ट केरूप में लेते हैं,वहीं आगरा केनाल के टर्मिनल प्रोजेक्‍ट को जह'जोधपुर झाल ' सरोवर प्रोजेक्‍ट को आगरा और मथुरा की भूजल गुणवत्‍ता में बदलाव लाये जाने वाले प्रोजेक्‍ट के रूप में लेते हैं।

जोधपुर झाल प्रोजेक्‍ट के लिये पेश कश

श्री कपूर की लक्ष्‍य के प्रति समर्पणता  का अंदाज इसी सेलगाया जा सकता है,कि  आगरा प्रशासन (अधिशासी अभियंता ,लोअर यमुना कैनाल सिंचाई )को वह इन प्रोजेक्‍टों के लिये स्‍वैच्‍छिक योगदान के रूप में कार्ययोजना केसापेक्ष  धन उपलब्‍धता संबधी एक  पत्र  मुलाकात कर भेंट किया।पता नहीं उसका क्‍या हुआ,एक धन्‍यवाद पत्र तक यह विभाग श्री कपूर को नहीं भेज सका।

राजनैतिक सक्रियता

श्री कपूर राजनीति मे भी अनेक साल सक्रिय रहे हैं।पूर्वप्रधानमंत्री स्‍व.मोरारजी देसाई ,दिल्‍ली से कई बार सांसद और केन्‍द्रीय मंत्री रहे सिंकंदर बख्‍त,स्‍व.रामकृष्‍ण हैगडे से उनके संबध रहे हैं।उनका मानना हैकिअगर स्‍व.देसाई को कुछ साल और प्रधानमंत्री बनेरहनेका मौका मिला होता तो भारत विकासशील हीनहीं बनारहता।हम शतप्रतिशत शिक्षित और विकसित देश के नागरिकहोते।अब श्री कपूर की बेटियां उनकेऊपर एककिताब लिखने जा रही हैं,शायद इसमें उनकी राजनैतिक गतविधियों का भी मूल्‍यांकन हो।

श्रमती कपूर ने लिखी किताब

श्री कपूर की पत्‍नी ,श्रीमती प्रमिला कपूर की व्‍यस्‍ता के समय में कपूर सहाब की गतविधियों के बारे में जानकारियां रखना और उनको सहेजना भी शामिल है।ढेरों कागजों में जरूरत का कागज ढूंढकर निकाना और उन्‍हें सहेजकररखना उनकी आदत में शामिल है।वैसे बीएचयू  में स्‍टूडैंट रही श्रीमती कपूर की  हिन्‍दी पर पकड काफी मजबूत है ।विकलांगता और जलसंरक्षण केबारे में उन्‍हें भरपूर जानकारियां हैं।अपनेअनुभवों और श्री कपूर के प्रयासों को लेकर उन्‍हों ने 'वर्षा जलसंचय कर जल संकट निवारण' संबधी एक किताब भी संपादित की है।संभवत: आगरा में जलउपलब्‍धता और उसके प्रबंधन की स्‍थितियों पर अपनेआप में यह महत्‍वपूर्ण साक्ष्‍य है।




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