-- 'रंगोदय -2022' में अनेक प्रांतो के सांस्कृतिक दलों की सहभागिता
प्रख्यात संस्कृति धर्मी के बी शर्मा और केशव प्रसाद सिंह ने किया असलम सलीमी को सम्मानित,साथ में पत्रकार डा.महेश धाकड। Related Articles |
आगरा:संस्कार भारती नाट्य केन्द्र के द्वारा आयोजित कार्यक्रम में प्रख्यात प्रेस फोटो ग्राफर असलम सलीमी को सांस्कृतिक क्षेत्र में रहे उनके योगदान के लिये प्रख्यात संस्कृति धर्मी श्री के बी शर्मा और श्री केशव प्रसाद सिंह द्वारा पं.दीन दयाल उपाध्याय अवार्ड से सम्मानित किया गया।।
श्री सलीमी प्रदेश के उन कुछ फोटो पत्रकारों में से हैं,जो कि फोटो ग्राफी की बरीकियों को तो समझते ही हैं,साथ ही प्रिंट एवं लाइव मीडिया की जरूरतों की भी उन्हें जानकरी है। आगरा मंडल के जनपदों की महत्वपूर्ण लोकेशनों में से शायद ही कोयी ऐसी हो जहां कैमरा लेकर वह न पहुंचे हों। बृंदावन , ताजगंज,सहित पुरातात्विक के स्थलों की लोकेशनों और फोटो -शूटों की दृष्टि से पृष्ठ भागों( backdrop,s)के बारे में खास अनुभव है। सांस्कृतिक कार्यक्रमों की कवरेज करना उन्हें हमेशा सुकून देने वाला लगा है।
दशरथ पुत्री राम ,लक्ष्मण ,शत्रुघ्न ,भरत की बडी बहन
एवं श्रंगी ऋषि पत्नी शांता के आगरा से संबद्ध के बारे में उन्हीं की विषय परक फोटो ग्राफी के कारण जानकारी प्रचारित हो सकी।बटेश्वर पूर्व प्रधानमंत्री स्व अटल बिहारी बजपेयी की ज्मस्थली है, क्षेतीय सांसद राजकुमार चाहर यहां पर्यटकों के लिये रुचिकर बाजपेयी जी की स्मृतियों को समर्पित दीर्घायुक्त राज्य सरकार से एक म्यूजियम बनवाना चाहते हैं। इसके विजन डौक्यूमेट के लिये उन्होंने दिल्ली के तीन मूर्ती भवन के प्रधानमंत्रकयों की दीर्घा का आगरा के चुनींदा पत्रकारों का एक विशेष अध्ययन भमण आयोजित करवाया था। श्री असलम सलीमी इस टीम में फोटो ग्राफर के रूप में शरीक थे। उनके द्वारा खींचे गये तमाम फोटुओं में से कई 'बटेश्वर म्यूजिम ' ,प्रसतवित प्रोजेक्ट के विजन डौक्यूमेट के लिये काफी उपयोगी माने गये।उल्लेखनीय है कि संस्कार भारती ना्टय केन्द्र उ प्र (आगरा) के द्वारा आयोजित 'रंगोदय -2022' ,रंगोदय श्रंखला का 18वां राष्ट्रीय नाट्य एवं नृत्य महोत्सव है। 50 साल से सांस्कृतिक क्षेत्र में सक्रिय नाट्य, नृत्य, एवं ललित कलाओं के लिए समर्पित संस्कार भारती का यह आयोजन अब देश के प्रमुख आयोजनों में से एक माना जाता है। राष्ट्रीय सम्मान से विभूषित कला मनीषी पदमश्री योगेंद्र जी वरिष्ठ रंगकर्मी पदमश्री बंसी कॉल की स्मृतियों को यह समर्पित है, संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार एवं मिल्टन पब्लिक स्कूल इसमें सहयोगी रहते आये हैं।
मिल्टन स्कूल के मैनेजिंग डायरैक्टर श्री राहुल राज ने आयोजन को सांस्कृतिक आयोजन की दृष्टि से महत्वपूर्ण बताते हुए इसके माध्यम से राष्ट्रीय एकीकरण,सकारात्मक संदेश तथा स्वस्थ मनोरंजन जैसे कई उद्धेश्य एक साथ पूरे होते हैं।
पूर्व में सोशल साइंस इंस्टिट्यूट के पूर्व निदेशक डॉ. बृजेश चंद्र ने द्वरप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। जिबकि प्रख्यात पत्रकार एवं रंगमंच समीक्षक डॉ. महेश धाकड़ ने श्री सलीमी का दिया।
सुश्री सीमा देवी के निर्देशन में मणिपुर के कलाकारों द्वारा एक कल मणिपुरी नृत्य एवं मणिपुरी की रासलीला नृत्य का नृत्य की प्रस्तुति दी गई आशीष पिल्ले जी के निर्देशन में एकल एवं सामूहिक भरतनाट्यम एवं कत्थक नृत्य तथा रीना दास के निर्देशन में सुरेंद्र संगीत विद्यालय आसाम गुवाहाटी के कलाकारों द्वारा कत्थक नृत्य शास्त्रीय नृत्य एवं बिहू का जावेद के निर्देशन में कला सवेरा विकास मंच के कलाकारों में शंभू लोक नृत्य का मनोहारी प्रदर्शन किया गया। अगले सत्र में नुक्कड़ नाटकों का मंचन मिल्टन पब्लिक स्कूल के प्रांगण में ही किया गया। कार्यक्रम का संचालन हेमंत टंकर ने किया चार नुक्कड़ नाटकों के मंचन में मंचडम, वाराणसी के कलाकारों द्वारा नुक्कड- कौन है जिम्मेदार, लेखक सफदर हाशमी और निर्देशन ज्योति अजय द्वारा प्रस्तुत किया गया।
शारदा नाट्य मंच धानवाद द्वारा अनिल सिंह के निर्देशन एवं लेखन में नशे से नाश का मंचन रितेश के निर्देशन में किया गया। कलाकृति जमशेदपुर द्वारा मोहम्मद निजाम के नाटक- मुझे जीने का अधिकार का मंचन। खुर्शीद आलम के निर्देशन में और अंत में कलाकृति जमशेद पुर का नाटक। अग्रगामी थिएटर एकेडमी रायपुर के कलाकारों द्वारा रोहित भूषण के नाटक ए भगत सिंह तुम जिंदा हो का मंचन भी किया गया। नुक्कड़ नाटक के निर्णायक की भूमिका में आगरा के चंद्रशेखर वहावर और बलिया से विवेकानंद सिंह जी। कार्यक्रमों का संचालन अजय दुबे ने किया। इस अवसर पर स्वामी दास अरोड़ा, संजीव वसिष्ठ, पंकज सक्सेना,संजय चतुर्वेदी,नीता तिवारी,मनु शर्मा आदि की उपस्थिति सराहनीय रही।