-- अगर परिंदे सुरक्षित किये जा सके तो प्रकृति स्वत ही संक्षित हो जायेगी
लोक स्वर ने निर्वना फार्म हाऊस पाईया घाट (दयाल बाग) पर आयोजित कार्यकम में किये घोंसले वितरित . |
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श्री बंसल ने टैक्सेशन बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष व वर्तमान में उत्तर प्रदेश कर अधिवक्ता संगठन के प्रांतीय उपाध्यक्ष बृजेंद्र बघेल को एक घोंसला देकर इस घोंसला वितरण का शुभारंभ किया। क्षेत्र के 12 लोगों ने घोंसला प्राप्त किया और सभी ने लोक स्वर की मुहिम की प्रशंसा की।
इस अवसर पर राकेश नारंग ने
अपने उद्बोधन में कहा कि पक्षी ही मनुष्य को एक जीवन देते हैं। पक्षियों की मधुर आवाज हमारी मानसिक परेशानी दूर करने में सहायक होती है। यही नहीं, पक्षियों के कारण हमारी जमीन भी उपजाऊ बनती है। उन्होंने कहा कि हम आभारी हैं कि लोक स्वर संस्था ने हमारी अपील पर इस क्षेत्र में कार्यक्रम आयोजित किया।रवि बंसल ने कहा कि 'सत्यमेव जयते' भी शहर में पक्षियों की कम होती संख्या के लिए चिंतित है। लोक स्वर संस्था के अध्यक्ष राजीव गुप्ता से निमंत्रण मिलने पर इस कार्यक्रम में शरीक होने पर मैं गर्व महसूस कर रहा हूं। बड़ा ही सुखद अनुभव हो रहा है। हम शहर में जल्दी ही पक्षियों को बचाने के लिए एक मुहिम शुरू करेंगे ताकि जल्द जलवायु, वातावरण और कोरोना जैसी महामारी से लड़ने के लिए हमें एक स्वस्थ वातावरण मिल सके।
कार्यक्रम के अंत में शिवाज नारंग ने मौजूद सभी पक्षी प्रेमियों का आभार जताया। कार्यक्रम के क्रियान्वयन में फार्म हाउस के सहयोगी विनोद सचिन और मानिकचंद बघेल का बड़ा सहयोग रहा।
लोक स्वर की मुहिम
आगरा ,प्रख्यात पक्षी प्रेमी श्री राजीव गुप्ता ने अपने गौरैया संरक्षण के अभयान को अनवरत जारी रखा है,सन 2010 से विश्व गौरैया दिवस को गौरैया के प्रति जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से मनाया जाता है। लेकिन श्री गुप्ता इससे कहीं पूर्व से गौरैया की चहचहाट घरों की चौखट और चौबारों पर पुन लाये जान के अभियान में जुटे हुए हैं.
20 मार्च गौरैया दिवस घाेेषित किये जाने को जनजारूकता की द्ष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण मानते हैं. नेचर फोरेवर सोसाइटी (भारत) और इको-सिस एक्शन फ़ाउंडेशन (फ्रांस) के मिले जुले प्रयास से मनाये जाने वाले गौरैया दिवस के प्रति श्री गुप्ता अपनी एक जुटता व्यक्त करते हैं. उनका कहना है कि मेरा कार्यक्षेत्र मुख्यत आगरा ही रहा है और इसे अब अपना समाज सेवा क्षेत्र भी मानते हैं. उनका मानना है कि गौरैया पक्षियों के संरक्षण के प्रति लोगों कााध्यान आकर्षित करने का माध्यम है,अगर गौरैया को हम बचा पाये तो तोते, नील कंठ,मोर,बुल बुल,सुर्खाव आदि स्वत ही सुरक्षित हो जायेंगे.