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त्रेता युग में परुषुराम जी के पुरर्षाथ का साक्षी, रुनकता धार्मिक पर्यटन गांव घोषित हो

 --जनपद के ब्राह्मणों ने  रूणुका धाम  के विकास को जतायी एक जुटता

आगरा, त्रेता युग की घटनाओं से संबधित जनपद के सबसे अधिक पौराणिक महत्‍ता वाले गांव की स्‍थिति को लेकर आगरा के ब्राह्मणों ने गंभीर चिंता जतायी है औी इसे धार्मिक गांव घोषित करने का मुद्दा उठाया है. संजय प्‍लेस स्‍थित होटल पी एल पैलेस में जनपद के प्रमुख ब्राह्मण संगठन ब्राह्मण प्रोफेशनल एसोसिएशन,  अखिल भारतीय ब्राह्मण एकता परिषद,  अखिल भारतवर्षीय ब्राह्मण महासभा, महिला प्रकोष्ठ ( जिला आगरा) आदि की संयुक्त ब्राह्मण समिति के तत्‍वावधन में हुई बैठक में एक प्रस्‍ताव पारित कर शासन से मांग की गयी. रुनकता गांव

  हिन्‍दुओं के धार्मिक स्‍थल के रूप में सदियों से मान्‍यता रही है ,ब्राह्मण तो इसे अपना पिवत्र धाम ही मानते हैं. अत: इसका धार्मिक  पर्यटन गांव के रूप में नोटिफिकेशन हो  . यहां जरूरी नागरिक अवस्‍थापना सुविधायें उपलब्‍ध करवायी जायें. द्विज जनों के समागम में सरकार से कहा गया कि उप्र पर्यटन निदेशालय इसे अपने प्रचार साहित्य में शामिल करें. रेणुका मंदिर, हनुमान मंदिर , रेणुका घाट, शनि मंदिर, कुबेर प्रतिमा,परशुराम मंदिर ,जगदम्बिका ऋषि मंदिर आदि का इसमें उल्लेख हो.

प्रख्‍यात इतिहास विद् एवं सैंटजोंस कॉलेज के इतिहास विभाग के पूर्वाध्‍यक्ष डा आर सी शर्मा  यह तपस्वियों की भूमि रहा है ,यह तो सहज स्वीकार किया जाता है, लेकिन इन स्थानों के संबंध में आधिकारिक जानकारी देने की व्यवस्था अब तक न तो पर्यटन विभाग ने की है और नहीं पुरातत्व सर्वेक्षण भारत सरकार के द्वारा ही. ब्राह्मण सभा चाहती है कि आगरा के पवित्र ऋषियों की तपस्या स्‍थलों की पहचान एक तपस्वी परिपथ(सर्किट ) के रूप हो जिससे कि आस्‍था और धार्मिक भावना वाले आगरा भ्रमणार्थी इन तक पहुंच सकें. राज्य पुरातत्व विभाग को इसका दायित्व सौंपा जाये ,

प्रख्‍यात हिन्‍दी विद्वान एवं साहित्‍यकार डा श्री भगवान शर्मा ने कहा कि रुनकता के पवित्र स्‍थलों का भ्रमण वह अपने युवाकाल से कर रहे हैं, यहां कई खंडित प्रतिमाओं के स्‍थान पर नयी प्रतिमाओं को स्‍थापित  करने का सुयोग उन्‍हे रहा है. अगर यहां कुछ नया होता है तो उसके लेये वह आर्थिक योगदान देने को तत्‍पर हैं.

भारतीय जनता पार्टी के नेता सुश्री बीना लवानियां ने कहा कि उत्‍तर प्रदेश शासन को उन्‍हों ने एक कार्ययोजना बनाकर धार्मिक परिपथ संबधी प्रस्‍ताव प्रेषित किया हुआ है,जो वर्तमान में डी जी पर्यटन के पास पहुंच चुका है,वह लखनऊ में उनसे मुलाकात भी कर आयी हैं.रुनकता गांव खास कर शनिदेव मंदिर को लेकर लम्‍बे समय से सक्रिय रहे श्री गजेन्‍द्र शर्मा ने उम्‍मीद जतायी कि शासन शीघ्र ही रुनका को लेकर बडा कदम उठायेगा. उन्‍होंने यहां के सभी पवित्र स्‍थल जिनमें सूर कुटी और गऊ घाट भी शामिल है तक जनपहुंच सहज  करवायी जायेंगी.

आगरा पब्‍लिक स्‍कूल के डायरैक्‍टर डा महेश शर्मा ने कहा कि अगर यहां ग्रंथालय को बनाये जाने की योजना का क्रियान्‍वयन होता है तो वह इसमें अपना भरपूर योगदान देंगे. उन्‍होंने रुनकता गांव में नागरिक सुविधाओं में सुधार के लिये कई महत्‍वपूर्ण सुझाव दिये.

हिन्‍दी साहित्‍यकार डा मधु भारद्वाज ने कहा कि अब जब द्विज जन संगठित हो गये हैं तो निश्‍चित रूप रुनकता पवित्र धाम के रूप में विकसित होगा. उन्‍हों ने कहा कि यहां पहचान की समस्‍या नहीं विकास के काम करवाये जाने की जरूरत है.

 रुनकता के नागरिक के रूप में मौजूद पत्रकार श्री नारायन ने कहा कि सूरदास जी की कुटी और गऊ घाट गांव की संस्‍कृति का अभिन्‍न भाग हैं, बनसेंचुरी प्रबंधन ने इन्‍हें अनावश्‍यक रूप से अपने नियंत्रण में लिया हुआ है, इसके लिये आवाज उठायी जानी चाहिये. उन्‍होंने कहा कि वन विभाग की सेंचुरी की सीमा और इसके सेंस्‍टिव जोन का रिनोटिफिकेशन होना है. इसमें सूर कुटी और गऊघाट को सैंचुरी सीमा से बाहर कियाजाना चाहिये.   यह बात अलग है कि वर्तमान में भी ग्राम सभा अपने सीमित साधानों से अनेक .लेकिन विकसित धार्मिक धाम रूप दिये जाने के लिये मार्गों  के डामरीकरण , नालियों और नालों का तंत्र कीचड ,गंदगी मुक्त करने के लिये उपयुक्‍त क्षमता युक्त करना तथा यमुना नदी में गावं ड्रेनजे सीध जाने से रोक कर शोधन हेतु एक एम एल डी क्षमता का सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट लगवाना जरूरी है. खुशी की बात है कि उपरोक्‍त  ब्राह्मणों की मांग में  शामिल है.

पूर्व में सम्‍मेलन आयोजन की जरूरत के  बारे में बोलते हुए  डा पंकज नागाइच ने प्रकाश डाला ,उन्‍हों ने कहा अब वक्‍त संयुक्‍त रूप से कार्यकरने का है,संगठित समूहो की बात जल्‍दी सुनने का प्रचलन है.उन्‍होंने कहा कि संयुक्‍त रूप से शुरू हुए इस प्रयास को शासन के द्वारा भी गंभीरता से लिया गया है. इस लिये जल्‍दी ही सकारात्‍म परिणामों की उम्‍मीद की जानी चाहिये.सचिव अनिल शर्मा ने कहा कि रुनकता का अपना महत्‍व है, उन्‍होंने वहां जाकर काफी कुछ समझा है और अब इसे राजनीतिज्ञों व सरकारी तंत्र को समझाने में कोयी कसर नहीं छोडेंगे.

सम्‍मेलन को सम्‍बोधित करने वालों में श्री प्रकाश शर्मा, श्री आनंद शर्मा, डॉ श्री भगवान शर्मा, सुश्री मनोज दीक्षित,श्री नरोत्तम शर्मा यमुना एक्‍टिविस्‍ट अश्‍वनी मिश्रा भी शामिल थे.



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