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न्यायालयों में वर्चुअल सुनवाई चलाये रखने की व्यवस्था पर विचार करेंगे- विधि राज्य मंत्री

 -- कोर्ट आर्डस की जानकारी के लिये निशुल्क आफ लाइन एप की मांग भी उठायी

केन्‍द्रीय मंत्री प्रो.एस पी सिंह बघेल साथ में
हैं सीनियर एड. के सी जैन एवं सुश्री प्रमिला शर्मा.
वरआगराकेन्द्रीय राज्यमंत्री विधि एवं न्याय प्रो0 एस0पी0 सिंह बघेल ने उच्चतम न्यायलय और उच्च न्यायलयों में बर्चुअल सुनवायी की प्रक्रिया को कोरोना संक्रमण काल के बाद भी जारी रखने के  बारे में  द्वारा इस पर सकारात्मक प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा गया कि कोरोना महामारी के दौरान न्यायालयों में वर्चुअल सुनवाई का प्रयोग सफल रहा था जिसे बरकरार रखना चाहिए.वह विधि सेवा दिवस के अवसर पर आगरा में आयोजित एक  कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे.  उन्होंने इस सम्बन्ध में आवश्यक कदम उठाने के लिए  आश्वस्त किया।

 वरिष्ठ अधिवक्ता श्री के सी जैन एडवोकेट ने कोरोना काल में विधिक प्रक्रिया को अनवरत जारी रखने के लिये सर्वोच्च न्यायालय व उच्च न्यायालयों में शुरू हुई वर्चुअल सुनवाई

को स्थायी रूप से चलाते रहने  के मुद्दे को उठाया. उन्हों कहा कि जो वादकारी अपना मुकदमा वर्चुअल ढंग से रखना चाहते हैं उन्हें इसकी अनुमति होनी चाहिए .  उन्होंने कहा कि बर्चुअल सुनवायी का प्रयोग और उपयोग देश की न्याय व्यवस्था प्रभावी बनाये जाने वाला साबित हुआ है.  दूरस्थ वादकारी व अधिवक्ता अपनी बात को सुगमता के साथ बिना यात्रा या बिना किसी अन्य बडे  व्यय के न्यायालय के समक्ष रख सके।

श्री जैन के द्वारा मंत्री के समक्ष यह बात भी रखी गयी कि केन्द्र सरकार द्वारा एक इस प्रकार का ऑफलाइन एप बनाया जाये जिसमें सर्वोच्च न्यायालय व उच्च न्यायालयों के समस्त निर्णय उपलब्ध हों। ऐसा किये जाने से बिना इन्टरनेट सुविधा के भी न्यायालयों के निर्णय वादकारी व अधिवक्तागण आसानी से ढूंढ सकेंगे। वर्तमान में अलग-अलग वेबसाइट पर जाकर निर्णयों को ढूंढना बहुत ही कठिन कार्य है। इस प्रकार का एप निःशुल्क होना चाहिए ताकि कमजोर वर्ग के लोग भी कानून की नयी व्यवस्थाओं और निर्णयों को जानकर अपने अधिकारों के लिए मजबूती से लड़ाई लड़ सकें। नये निर्णयों के बारे में अधिवक्ताओं को भी जानकारी नहीं हो पाती है जिससे उनके मुवक्किलों को भी नुकसान हो जाता है। मंत्री बघेल ने इस सम्बन्ध में भी आवश्यक कार्यवाही किये जाने के लिए कहा।

अखिल भारतीय कोल्ड स्टोरेज फेडरेशन के अध्यक्ष राजेश गोयल ने कहा कि इंटरनेट अब देश भर में सहज स्वीकार्य माध्यम हो चुका है, कोरोना संक्रमण काल में इसने न्यायिक प्रक्रिया में व्यवधान नहीं आने दिया. इसकी उपयोगिता को दृष्टिगत बर्चुअल सुनवायी को अब न्यायिक प्रक्रिया के एक माध्यम के रूप में स्वीकार किया जाना चाहिये.

इस अवसर पर प्रमिला शर्मा ने भी अपने संगठन की गतिविधियों से मंत्री को अवगत कराया और विधिक सेवा दिवस के विषय में चर्चा की।   

विधिक सेवा प्राधिकरण 

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण आगरा के अध्यक्ष जनपद न्यायाधीश  निर्देशानुसार आयोजित एक अन्य कार्यक्रम में सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण  सुश्री मुक्ता त्यागी ने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत विधिक सेवा सप्ताह  8 नवंबर से 14 नवंबर तक मनाया जा रहा है। जिस के उपलक्ष में विधिक सेवा दिवस पर जिला कारागार, आगरा में विधिक सेवा शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में जिला कारागार के डिप्टी जेलर उपस्थित रहे।

 विधिक सेवा सेवा दिवस पर जिला जेल में आयोजितशिविर 
 में सचिव सुश्री मुक्‍ता त्‍यागी एवं डि.जेलर.
 शिविर में उपस्थित सचिव मुक्ता त्यागी जिला विधिक सेवा प्राधिकरण आगरा द्वारा महिलाओं बच्चों गरीबों और कमजोर वर्ग के व्यक्तियों के लिए निशुल्क विधिक सहायता तथा सलाह दी गई। सुश्री त्यागी ने कहा कि इसके तहत विधिक साक्षरता शिविर चलेगा और इसके  माध्यम से तथा घर घर जाकर प्रचार-प्रसार के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जा रहा है . उन्हों ने कहा कि कोशिश है कि अधिक से अधिक लोगों को विधिक सहायता के बारे में अवगत कराया जाये  जिससे उन्हें कानूनी सहायता प्राप्त होने का मार्ग प्रशस्त हो साथ ही वह अधिक जानकारी होने पर योजनाओं का लाभ ले सके।

 सुश्री  त्यागी  ने  यह भी बताया गया कि इस आजादी अमृत महोत्सव को मनाने का मुख्य उद्देश्य आम जनमानस को अधिक से अधिक प्रचार प्रसार कर जागरूक किया जाना ही है।



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