-- जब भी पयर्टन सत्र शुरू होगा ,एयरपोर्ट की रौनक रहा 'महाराजा' जरूर याद आयेगा
( राजीव सक्सेना ) आगरा: 'ऐ मलिहाबाद के रंगीं गुलिस्तां
अलविदा', जी हां सेंटपीटर्स कॉलेज के स्टूडैंट रहे प्रख्यात शायर जोश मलिहाबदी ने कभी अपने गांव 'मलिहाबाद'(लखनऊ ) से हमेशा के लिये रूखसत लेते हुए यही कहा था।
'जोश' ने अपने गांव से अलविदा की बेला में कहा था 'जज्बाती कुंज-ए-रंगीं में पुकारेंगी हवाएँ'जोश जोश',सुन के मेरा नाम मौसम ग़मज़दा हो जाएगा' समय बदला, हालात तब्दील हुए लेकिन नहीं बदला तो
तो जोश का यादगारी फसाना। अब आगरा से 'महाराजा ' अलविदा
हो रहा है,रिटायर्ड तो वह पहले से ही किया हुआ था । यानि सबको सफर करवाते रहने वाली एयर इंडिया का 67 साल पहले1953 में शुरू हुआ सफर पूरा हो रहा है। हालात ऐसे हैं,जिनके चलते सिर्फ यादें ही रह जानी है। सिविल एयरपोर्ट आगरा पर एयर इंडिया के पैसिंजर हैंडलिंग को बना साइट आफिस बन्द हो गया है। एयरपोर्ट अथार्टी आफ इंडिया (ए ए आई) ने इस आफिस के लिये इस्तेमाल किये जाने वाले कमरों की चाभियां एयर इंडिया मुख्यालय से मांग ली है। इसके लिये जितना जल्दी हो सके करने को कहा गया है,क्यों कि जब तक कार्यालय के लिये इस्तेमाल किये जाने वाले स्थान की सुपुर्दगी नहीं होगी तब तक एयर इंडिया के नाम किराया लगाया जाता रहेगा।
पजेशन हैंडओवर करने को कहा गया
सिविल एयरपोर्ट आगरा के डायैरेक्टर श्री ए ए अंसारी ने एयर इंडिया