मुलायम कह चुके हैं कि उम्मीदवारों की लिस्ट में कोई भी बदलाव नहीं होगा। जारी की गई लिस्ट ही फाइनल है। उधर अखिलेश के लिए परेशानियां बढ़ती जा रही हैं। उनके गुट के सारे मुलायम और शिवपाल से नाराज़ नेता इंतज़ार में हैं कि वो कुछ न कुछ करें। सपा के भीतर शिवपाल की ताकत बढ़ती जा रही है। यदि सपा उत्तर प्रदेश चुनावों में जीतती है तो सवाल उठता है कि क्या अखिलेश यादव फिर से मुख्यमंत्री बन पाएंगे। बात साफ है अखिलेश की तुलना में शिवपाल के ज्यादा विधायक होंगे। एक बार दोनों फिर से आमने सामने खड़े हुए हैं। अखिलेश नोजवान हैं। नरेद्र मोदी की तरह उत्तर प्रदेश को डिजटल प्रदेश बना सकते हैं। प्रदेश के युवाओं को उनसे काफी उम्मीदें हैं। देखना है कि वह अपने समर्थकों के साथ क्या निर्णय लेते हैं।