चार दिनों से समूचा उत्तर भारत भीषण गर्मी की चपेट में है। हालांकि उत्तर भारत के राज्यों में हर साल गर्मी अपना प्रचंड रूप दिखाती है। लेकिन इस बार उत्तराखंड में गर्मी कहर बरपा रही है। राजधानी देहरादून, हरिद्वार, ऋषिकेश, उधम सिंह नगर, रुड़की और हल्द्वानी आदि मैदानी शहरों में हीटवेव जैसे हालात बने हुए हैं। अपने अच्छे क्लाइमेट के लिए पूरे देश में मशहूर देहरादून भी इस बार झुलस रहा है। शनिवार को सुबह आठ बजे ही दून का तापमान 34.9 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया। दोपहर 12 बजे तापमान बढ़कर 39.3 डिग्री सेल्सियस हो गया। दोपहर ढाई बजे तापमान 41.0 डिग्री पर पहुंच गया। भीषण गर्मी के कारण राहगीर छाया में रुककर गर्मी से बचते देखे गए। शनिवार को दून का तापमान 12 साल बाद सबसे अधिक रिकॉर्ड किया गया। वर्ष 2012 में मई महीने का अधिकतम तापमान 43.1 डिग्री सेल्सियस रहा था। शनिवार को यहां अधिकतम तापमान सामान्य से छह डिग्री सेल्सियस अधिक 41.0 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह ने अनुसार आने वाले सप्ताह में मैदानी क्षेत्रों में कहीं-कहीं लू चलने की संभावना है। अधिकतम तापमान सामान्य से पांच से सात डिग्री अधिक पहुंच सकता है। धार्मिक नगरी हरिद्वार में भी गर्मी से बुरा हाल है। यहां पर अधिकतम और न्यूनतम तापमान क्रमश: 41.5 और 25 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। मई मध्य से पारा लगातार चढ़ रहा है। बीते दो दिनों से यह 40 डिग्री और इससे अधिक दर्ज किया जा रहा है। तन झुलसाने वाली गर्मी ने जीना मुहाल कर दिया है। दोपहर में लू के थपेड़ों के चलते गली मोहल्लों में सन्नाटा पसर रहा है। बाजारों में भी शाम के वक्त ही चहल पहल दिख रही है। इधर गर्मी से निजात पाने को लोग गंगा घाटों का रुख कर रहे हैं। ऐसे ही ऋषिकेश में गर्मी से बुरा हाल है। यहां भी अधिकतम 41 डिग्री पहुंच चुका है। वहीं मौसम विभाग ने 5 दिन तक 9 राज्यों में हीटवेव का अलर्ट जारी किया है। इनमें दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, मध्य प्रदेश, यूपी, बिहार, पश्चिम बंगाल और गुजरात शामिल हैं। इन राज्यों में 20 जगहों पर शनिवार को अधिकतम तापमान 45 डिग्री सेल्सियस या उससे ऊपर दर्ज किया गया। दिल्ली के मुंगेशपुर में अधिकतम तापमान 46.8 डिग्री सेल्सियस था। हीट वेव क्या है। यह सबसे गर्म मौसम की अवधि है जो आमतौर पर दो या उससे अधिक दिन तक रहती है। जब किसी मैदानी इलाके का अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस या उससे ज्यादा और पहाड़ी इलाके का तापमान 30 डिग्री सेल्सियस या उससे ज्यादा हो जाता है, तो इसे हीटवेव (लू) माना जाता है। अगर तापमान 47 डिग्री या उससे ज्यादा हो जाता है। अगर तापमान 47 डिग्री या उससे ज्यादा हो जाता है तो यह हीटवेव की गंभीर कैटेगरी मानी जाती है।
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