बिहार में शिक्षक भर्ती परीक्षा (BPSC) के पेपर लीक मामले में आर्थिक अपराधी इकाई ने इस मामले के मास्टरमाइंड सहित पांच आरोपियों को गिरफ्तारकर लिया है। यह गिरफ्तारी मध्य प्रदेश के उज्जैन जिला से की गई है। यह गिरफ्तारी बीपीएससी शिक्षक भर्ती परीक्षा के तीसरे चरण TRE-3.0 के पेपर लीक मामले में हुई है। गिरफ्तार आरोपियों में मास्टरमाइंड डॉक्टर शिवकुमार उर्फ शिव उर्फ बिट्टू सहित बल्ली उर्फ संदीप कुमार, प्रदीप कुमार, तेज प्रकाश और सौम्या कुमारी नाम के अभियुक्त शामिल हैं।
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बिहार सहित अन्य राज्यों में भी करते हैं पेपर लीक जैसे कांड
इस मामले में आर्थिक अपराधी इकाई का कहना है कि इस पूरे मामले में घटना का मास्टरमाइंड डॉक्टर शिवकुमार उर्फ शिव उर्फ बिट्टू के गिरोह के द्वारा प्रश्न पत्र लिखकर कांड को अंजाम दिया गया है। ईओयू का कहना है कि डॉ शिव पूर्व में भी 2017 में NEET UG के परीक्षा पत्र लीक कांड का अभियुक्त रहा है। इस मामले में पत्रकार नगर थाना में कांड संख्या 224/17 के तहत 7 मई 2017 को उसके खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। इस मामले में उसके साथ उसका सहयोगी शुभम मंडल उर्फ शिवम मंडल भी था। शुभम मंडल उर्फ शिवम मंडल खगौल थाना क्षेत्र के अफसर कॉलोनी निवासी सुशील मंडल का पुत्र है। यह दोनों मिलकर कई महत्वपूर्ण सरकारी संस्थाओं की प्रतियोगिता परीक्षाओं में प्रश्न पत्र लीक/ फर्जीवाड़ा के कांडों को अंजाम देते थे। इसी वर्ष उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती परीक्षा के प्रश्न पत्र लीक काण्ड में इन दोनों की संलिप्त सामने आई है। इस अंतरराज्यीय गिरोह के तार उत्तर प्रदेश, झारखंड, उड़ीसा, पश्चिम बंगाल और बिहार सहित अन्य कई राज्यों से जुड़े हुए हैं।
ऐसे होता है प्रश्नपत्र लीक का खेल
पुलिस द्वारा पूछताछ में इन्होंने बताया कि ये लोग कई वर्षों से प्रश्न पत्र लीक करने के धंधे में लगे हुए हैं, जिससे इनको मोटी कमाई होती है। येलोग लगातार इस टोह में लगे रहते हैं कि किस राज्य के किस प्रिंटिंग प्रेस में प्रश्नपत्र छप रहा है। फिर उन प्रश्नपत्रों का ट्रांसपोर्टेशन किस प्रकार किया जाता है। यह सब जानकारी हासिल करने के बाद ये माफिया वहां के कर्मचारियों से मोटी राशि पर सौदा कर प्रश्न पत्र प्राप्त करते हैं। प्रश्नपत्र मिलने के बाद वह अभ्यर्थियों को परीक्षा से पूर्ण निर्धारित स्थानों जैसे होटल रेस्टोरेंट आदि जगहों पर बुलाकर उन सवालों क उत्तर याद करवाते हैं और फिर उन्हें अपनी ही निगरानी में सीधे परीक्षा केंद्र तक पहुंचाते हैं।
प्रश्नपत्र लीक की पहली कड़ी
बीपीएससी 3.0 की परीक्षा में उन्हें पता चल गया था कि प्रश्न पत्र के ट्रांसपोर्टेशन का कार्य डीटीडीसी कोरियर कंपनी द्वारा किया जाना है, जिनमें कुछ गाड़ियां एक प्राइवेट व्यक्ति श्री निवास चौधरी से भी हायर किया जाना है। श्रीनिवास चौधरी अक्सर कई कंपनियों को अपनी गाड़ियां उपलब्ध करवाते हैं। यह जानकारी मिलते हीं इन्होंने पटना के बायपास थाना क्षेत्र के मिर्चामिर्ची मोहल्ला निवासी राहुल पासवान को मोटी रकम का लालच देकर अपने पक्ष में कर लिया।
ऐसे दिया काम को अंजाम
दरअसल में 12 मार्च को राहुल पासवान ने श्रीनिवास चौधरी को अपने साथ मिलकर पटना से नवादा ले जाने के क्रम में पेटी से निकालकर उन्हें स्कैन करने की योजना बना ली। जैसे ही डीटीडीसी पटना से श्रीनिवास चौधरी के वाहनों पर प्रश्न पत्र की पेटियां लोड होने के बाद निकली, श्रीनिवास और राहुल ने मिलकर गाड़ी के चालक राम भवन पासवान को भी मोटे रकम का लालच देकर अपने में मिला लिया। फिर जैसे ही नियत समय पर गाड़ी बुद्धा फैमिली रेस्टोरेंट नगरनौसी पहुंची, चालक ने योजना के अनुसार रेस्टोरेंट में गाड़ी खड़ी कर दी। फिर वहां पूर्व के योजना के अनुसार पूर्व से ही डॉक्टर शिव और उसके पिता संजीव कुमार उर्फ़ संजीव मुखिया एवं उनके गिरोह के कई सदस्य पहले से वहां मौजूद थे। इस खेल में एक और किरदार होटल मालिक अवधेश कुमार था जिसकी जानकारी में प्रश्न पत्र की पेटी को स्पेशलाइज्ड टूल्स के माध्यम से खोलकर प्रश्न पत्र को स्कैन कर लिया गया। विशेष टीम ने इस गिरोह के कुछ स्पेशलाइज्ड टूल्स भी जप्त किए हैं।
इसके बाद गिरोह को प्रश्न पत्र प्राप्त होते ही विभिन्न माध्यमों से गिरोह के अन्य सदस्यों के पास प्रश्नपत्र पहुंचा दिया गया, जिसे वह पूर्व से तय राशि 10 लाख से 12 लाख रुपए प्रति अभ्यर्थी पर हजारीबाग के कोहिनूर बैंक्विट हॉल में सैकड़ों अभ्यर्थियों को प्रश्नों के उत्तर याद करवा दिए गए।
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