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रेप के मामले में आज गुजरात की गांधीनगर कोर्ट ने आसाराम बापू को कठोर सजा सुनाई। करीब 10 साल बाद पीड़िता को न्याय मिला है। कोर्ट ने आसाराम बापू को दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। ये मामला साल 2013 का है, जिसमें सूरत की दो बहनों से आसाराम बापू पर रेप का आरोप लगाया था। इस मामले में आसाराम का बेटा नारायण साईं भी आरोपी था। गांधीनगर सेशन कोर्ट ने इस मामले में आसाराम बापू के खिलाफ सजा सुनाई। इस मामले में आसाराम की पत्नी लक्ष्मी, बेटी भारती और चार महिला अनुयायियों को भी आरोपी बनाया गया था। लेकिन इन सभी को सबूतों के अभाव में गांधीनगर कोर्ट ने बरी कर दिया था। बता दें कि कल गांधीनगर सेसन्स कोर्ट ने आसाराम को दोषी करार दिया था, वहीं अन्य आरोपी को कोर्ट ने निर्दोष बता दिया था। केस की बात करें तो 2 बहनों ने आसाराम और उसके बेटे के खिलाफ बलात्कार का आरोप लगाया था। जिसमें छोटी बहन के आरोप पर नारायण साई को आजीवन कारावास की सजा मिल चुकी है, वहीं बड़ी बहन के आरोपी आसाराम को आज कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। अब आसाराम को ये झटका तो मिल गया है, लेकिन वकील अब हाई कोर्ट का रुख करने जा रहे हैं। आसाराम के वकील ने कहा है कि हम इस फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती देंगे। यहां ये समझना जरूरी है कि अभी तक आसाराम को कोर्ट की तरफ से कोई राहत नहीं मिली है। जो दूसरा रेप केस उस पर चल रहा है, उसमें सुप्रीम कोर्ट द्वारा पिछले साल नंवबर में उसकी जमानत याचिका खारिज की जा चुकी है। तब आसाराम की तरफ से दलील दी गई थी कि उसकी उम्र हो चुकी है, कई तरह की बीमारियां भी हैं, ऐसे में उसे जमानत का अधिकार है। लेकिन तब कोर्ट ने कोई राहत नहीं दी थी और सुनवाई आगे टाल दी गई। बता दें कि साल 2013 में सूरत की दो बहनों ने नारायण साईं और उसके पिता आसाराम के खिलाफ रेप की शिकायत दर्ज कराई थी। अहमदाबाद के चांदखेड़ा थाने में दर्ज एफआईआर के मुताबिक, आसाराम ने 2001 से 2006 के बीच महिला से कई बार बलात्कार किया था, जब वह शहर के बाहरी इलाके में स्थित उसके आश्रम में रहती थी। छोटी बहन ने शिकायत में कहा था कि नारायण साईं ने 2002 से 2005 के बीच उसके साथ बार-बार रेप किया।
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