इंडियन गोल्डन बॉय नीरज चोपड़ा ने एक और गोल्ड किया अपने नाम, डायमंड लीग जितने वाले पहले भारतीय बने
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नीरज चोपड़ा बोले तो भारत के गोल्डन बॉय। अब हर टूर्नामेंट में उनसे भारत की उम्मीदें बढ़ती जा रही है। विश्व चैंपियनशिप के बाद चोटिल होने के बाद जब नीरज चोपड़ा ने बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों में हिस्सा लेने से मना कर दिया तो भारतीय निराश जरूर हुए थे लेकिन इस निराशा को नीरज चोपड़ा ने ज्यादा देर तक का इंतजार नहीं करवाया और गुरुवार को ज्यूरिख में डायमंड लीग फाइनल में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया।
नीरज चोपड़ा डायमंड लीग ट्रॉफी जीतने वाले पहले भारतीय बन गए हैं। उन्होंने 88.44 मीटर भाला फेंक चेक गणराज्य के जैकब वादलेच्चो को पछाड़ा। उन्होंने पांचवें प्रयास में 86.94 मीटर भाला फेंका। हालांकि उन्होंने दूसरे ही थ्रो में भारत को गोल्ड दिला दिया था। ये वही जैकब हैं जिन्होंने नीरज के साथ ओलंपिक में पदक जीता था। नीरज की पहली थ्रो फाउल गई, जबकि दूसरी थ्रो ने 88.44 मीटर की दूरी नापी, जो उन्हें खिताब दिलाने के लिए काफी थी। नीरज ने तीसरी थ्रो 88, चौथी 86.11, पांचवीं 87 और छठी अंतिम थ्रो 83.6 मीटर फेंकी।
बात अगर ओवरआल टूर्नामेंट की करें तो जर्मनी के जूलियन वेबर 83.73 मीटर के साथ तीसरे स्थान पर रहे। डायमंड लीग जीतकर नीरज चोपड़ा ने 23.98 लाख रुपये की पुरस्कार राशि हासिल की साथ ही डायमंड ट्रॉफी पर भी कब्जा जमाया। जीत के बाद नीरज ने ट्रॉफी के साथ तिरंगे को ओढ़ लिया।जो उनका जीत के बाद का एक सिग्नेचर स्टाइल बन चुका है। इसके बाद सभी विजेताओं को डायमंड ट्रॉफी के साथ ट्रैक पर कार से घुमाया गया, जिसमें नीरज भी शामिल थे।
हालांकि फाइनल में नीरज ने स्वर्ण जितने के लिए जो थ्रो किया वह 88.44मीटर ही था जबकि नीरज इस सत्र में 89.94 मीटर भाला फेंक राष्ट्रीय रिकॉर्ड बना चुके हैं। उपविजेता जैकब 86.94 मीटर के साथ दूसरे स्थान पर रहे। नीरज ने दोहा में हुई पहली और सिलेसिया में हुई तीसरी डायमंड लीग में हिस्सा नहीं लिया था। स्टॉकहोम में उन्होंने 89.94 मीटर भाला फेंक कर राष्ट्रीय कीर्तिमान बनाया था, लेकिन उन्होंने इस दूरी के बावजूद यहां रजत पदक जीता। लुसान में वह विजेता बने और अब फाइनल्स में भी उन्होंने स्वर्ण पदक हासिल कर लिया। पानीपत के 24 वर्षीय नीरज ने 2017 और 2018 में डायमंड लीग के फाइनल के लिए क्वालिफाई किया था, लेकिन तब वह सातवें और चौथे स्थान पर रहे थे।
अमन पांडेय
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