प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह लाख कोशिशों के बावजूद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (दीदी) के दुर्ग को नहीं हिला सके। बंगाल में तृणमूल की मजबूतजड़ आखिरकार और मजबूत होकर सामने आई। हालांकि नंदीग्राम में भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी के हाथों ममता बनर्जी को हार का मुंह देखना पड़ा। इसके साथ ही भाजपा के लिए सबसे बड़ी राहत की बात यह रही कि 2016 में तीन सीटें जीतने वाली भाजपा 78 सीटों पर बढ़त बनाए हुए। वहीं कांग्रेस और वाममोर्चा का बंगाल से सफाया हो गया। ममता की सुनामी ऐसी चली कि केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो, भाजपा सांसद लॉकेट चटर्जी, स्वपन दासगुप्ता जैसे नेता हार गए। दूसरी ओर सिंगुर में भी तृणमूल प्रत्याशी जीत गए।
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नंदीग्राम में बड़ा उलटफेर
बंगाल विधानसभा की सबसे हॉट सीट नंदीग्राम में कांटे की टक्कर के बीच बड़ा उलटफेर हुआ है। पहले खबर आई थी कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 1,200वोटों से भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी को हरा दिया है। लेकिन, इस बीच अब खबर है कि सुवेंदु ने उन्हें 1957 वोटों से हरा दिया है। हालांकि, चुनाव आयोग नेअब तक इसकी आधिकारिक घोषणा नहीं की है। इससे पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान नंदीग्राम को लेकर सवाल पर ममता ने खुद कहा कि उन्हें नंदीग्राम के लोगों का फैसला मंजूर है। हालांकि, साफ तौर पर उन्होंने नहीं कहा कि वह हार गई हैं। ममता ने कहा- भूल जाइए, नंदीग्राम। हम पूरे बंगाल में जीते हैं। वोटो की गिनती शुरू होने के बाद से इस सीट पर कांटे का मुकाबला देखने को मिल रहा था। कभी ममता तो कभी सुवेंदु आगे चल रहे थे।
कांग्रेस के गढ़ में भाजपा
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अधीर चौधरी का गढ़ और संसदीय क्षेत्र की बहरमपुर विधानसभा सीट पर भाजपा जीत गई। शाम छह बजे तक तृणमूल जहां दो सीटें जीत चुकी है और 209 सीटों पर आगे है तो भाजपा अपने सहयोगी आजसू के साथ 79 सीटों पर आगे है। हालांकि तृणमूल व भाजपा के बीच करीब 40-50 सीटों पर कड़ी टक्कर चल रही है जहां जीत का अंतर दो हजार से कम है। इस चुनाव परिणाम से ऐसा लग रहा है कि ममता बनर्जी को बंगाल में मात देना आसाननहीं है। भाजपा नेताओं को उम्मीद थी कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के संस्थापक श्याम प्रसाद मुखर्जी की जन्मभूमि पर 2021 में भाजपा का शासन होगा।
बंगाल विधानसभा चुनाव के लिए वोटों की गिनती रविवार सुबह 8 बजे से राज्य के सभी 108 मतगणना केंद्रों पर जारी है। इस दौरान विधानसभा चुनाव मेंकिस्मत आजमा रहे कुल 2,116 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला होगा। तृणमूल कांग्रेस धीरे-धीरे हैट्रिक की ओर बढ़ रही है। यानी लगातार तीसरी बार सत्ता मेंआती दिखाई दे रही है। चुनाव आयोग के अनुसार 292 में से 115 सीटों के नतीजे आ गए हैं। टीएमसी 93 सीट जीत गई है। 123 पर आगे चल रही है। वहींभाजपा 21 सीटों पर जीत दर्ज कर चुकी है। 53 पर आगे चल रही है। अन्य को एक सीट पर जीत मिली है। चुनाव के दौरान ममता बनर्जी ने ‘खेला होबे’ का नारा दिया था। इसका मतलब है कि खेला होगा और नतीजों को देखकर लग रहा है कि बंगाल में ‘खेला होये गेछे’ यानी खेला हो गया है। खेला भी ऐसा हुआ कि ममता ने चुनावी दंगल में अकेले भाजपा समेत अन्य दलों के धुरंधरों को चित कर दिया। बता दें कि बंगाल विधानसभा चुनाव के लिए 27 मार्च से 29 अप्रैल के बीच आठ चरणों में मतदान कराए गए।
बंगाली अस्मिता व बाहरी जैसे मुद्दे बने कारगर
परंतु, ममता के बाहरी और बंगाल की बेटी, बंगाली अस्मिता जैसे मुद्दों ने भाजपा की उम्मीद पर पानी फेर दिया। तृणमूल इस भारी जीत पर खुश जरूर हैलेकिन एक टीस भी रह गई कि ममता ने सुवेंदु अधिकारी को नंदीग्राम में बड़े अंतर से नहीं हरा सकीं। दूसरी ओर तृणमूल के इस जीत के साथ ममता बनर्जीने खुद को केंद्रीय राजनीति में भाजपा विरोधी विपक्ष के सबसे बड़े नेता के रूप में स्थापित कर लिया।