चैतन्य भारत न्यूज
यमुनानगर. सड़क किनारे खड़े होकर फास्टफूड खाना कई बार सेहत के लिए खतरनाक भी साबित हो सकता है। यह न सिर्फ आपको बीमार करता है बल्कि जानलेवा भी होता है। इसका एक उदाहरण हाल ही में हरियाणा के यमुनानगर से सामने आया है। यहां चाउमीन खाने से एक साढ़े तीन साल के बच्चे की जान पर बन आई।
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मदीपुर निवासी मंजूर हसन के दो बेटे हैं। 31 मई को उनका छोटा बेटा उस्मान चाउमीन खाने की जिद कर रहा था। फिर पास में लगी रेहड़ी पर वह बच्चे को चाउमीन खिलाने ले गए। बच्चे ने चाउमीन में सॉस डाला। साथ ही वह सॉस पीने भी लगा। इस दौरान सॉस उसके पैरों पर गिर गया। कुछ देर बाद उसकी तबीयत बिगड़ गई। फिर उस्मान को गांव में ही एक डॉक्टर के पास लेकर गए, लेकिन हालत में सुधार नहीं हुआ और शरीर काला पड़ने लगा। फिर परिजन बच्चे को लेकर गाबा अस्पताल पहुंचे। हालत गंभीर होने के कारण डॉक्टर ने बच्चे को भर्ती करने से इनकार कर दिया। परिजनों द्वारा बहुत अनुरोध करने पर वहां के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. निखिल बंसल ने उस्मान को भर्ती कर लिया और उसका ऑपरेशन किया।
जानकारी के मुताबिक, उस सॉस में एसिटिक एसिड अधिक मात्रा में मिला हुआ था जिससे उसके अंदरूनी अंगों पर असर पड़ा और शरीर पर गिरने से वह झुलस गया। बच्चे की हालत इतनी ज्यादा खराब हो गई कि उसे वेंटिलेटर पर रखा गया है। पिछले 20 दिनों में तीन बार बच्चे का हार्ट बंद हो चुका है और उसका फेफड़ा भी फट चुका है। इस केस को देखकर डॉक्टर्स भी हैरान हैं। बच्चे का इलाज आयुष्मान भारत योजना के तहत हो रहा है। डॉ. निखिल ने बताया कि, जब बच्चा हमारे पास आया, तो उसका ब्लड प्रेशर डाउन था और नब्ज भी नहीं मिल रही थी। फेफड़े फट गए थे। ट्यूब लगाकर उसमें फंसा मल निकाला गया।’
डॉक्टर ने फेफड़ा फटने के दो कारण बताए और कहा कि, ‘मेरे पास आने से पहले परिजन बच्चे को लेकर और भी कई डॉक्टरों के पास गए थे। हो सकता है कि उन्होंने ज्यादा ऑक्सीजन दे दिया हो। अधिक हवा भरने से खाने के साथ अंदर गया एसिड सीधे फेफड़े में चला गया और इससे वह फट गया। कई बार सांस फंसने पर ज्यादा जोर लगाकर तेजी से सांस लेते हैं तब भी फेफड़ा फट जाता है।’ उस्मान के दिल ने भी काम करना बंद कर दिया। इसके बाद अस्पताल के ही हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. बीएस गाबा ने उसे कृत्रिम सांस देकर बचाया।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, एसिटिक एसिड के कारण उस्मान के कई अंग अंदर से जल चुके थे इसलिए उसके दिल ने भी काम करना बंद कर दिया था। हालांकि, अब उसकी हालत में सुधार हो रहा है। न सिर्फ उस्मान बल्कि सॉस गिरने के कारण उसके पिता का भी हाथ जला हुआ है। इस मामले में यमुनानगर के सिविल सर्जन डॉ. कुलदीप सिंह का कहना है कि, ‘यह इस तरह का पहला मामला है। सॉस खाने से बाहरी या आंतरिक हिस्सा नहीं झुलस सकता। इसकी जांच कराएंगे।’