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हज़ारों दावों के बीच कुछ ऐसी बात सामने आती है जिसे सुनकर यकीन नहीं होता कि जिस India में रहकर हम खुद के मॉडर्न होने का दावा करते हैं उसी देश में आज भी जबरन शादी और आधुनिक गुलामी के आंकड़े सबसे ज़्यादा हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया के सबसे अमीर 20 देशों में करीब 5 करोड़ की आबादी आधुनिक गुलामी और जबरन श्रम का शिकार है। रिपोर्ट में कहा गया है कि 20 देशों में 6 देश ऐसे हैं जहां जबरन श्रम और जबरन विवाह चरम पर हैं। इस लिस्ट में India टॉप पर है। वहीं दूसरे नंबर पर चीन है।
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वॉक फ्री फाउंडेशन की रिपोर्ट में कहा गया है कि India में 1.1 करोड़ की आबादी से जबरदस्ती काम लिया जाता है या फिर मर्जी के खिलाफ शादी की गई है। वहीं इस मामले में चीन 58 लाख के साथ दूसरे नंबर पर है और रूस तीसरे नंबर पर। इसके बाद इंडोनेशिया, तुर्की और यूएस का नंबर है। रिपोर्ट में कहा गया है, जिन देशों में सबसे कम आधुनिक गुलामी है उनमें स्विट्जरलैंड, नॉर्वे, जर्मनी, नीदरलैंड्स, स्वीडन, डेनमार्क, बेल्जियम, आयरलैंड. जापान और फिनलैंड शामिल हैं।
रिपोर्ट में कहा गया कि जी20 देशों में भी बड़ी संख्या में होने वाला उत्पादन जबरन श्रम के जरिए हो रहा है। इसमें इलेक्ट्रॉनिक्स, कपड़े, जैतून का तेल, सोलर पैनल आदि का काम शामिल है। ऑस्ट्रेलिया के वॉक फ्री के मुताबिक महिलाओं से जबरन काम ज्यादा लिया जाता है। महिलाएं ज्यादा आधुनिक गुलामी की शिकार हैं। इससे असुरक्षित माइग्रेशन भी बढ़ता है और शिक्षा भी प्रभावित होती है। 2015 में यूएन के लक्ष्यों में इसे शामिल किया था और दुनियाभर के लीडर्स ने 2030 तक आधुनिक गुलामी, जबरन श्रम और मानव तस्करी खत्म करने शपथ ली थी। हालांकि रिपोर्ट से पता चलता है कि अब लक्ष्य बहुत दूर है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि इन देशों में आर्थिक विकास, लैंगिक समानता, सामाजिक विकास और राजनीतिक स्थिरता के बावजूद आधुनिक गुलामी ज्यादा है। बीते सितंबर में यूएन इंटरनेशनल लेबर ऑर्गेनाइजेशन और इंटरनेशनल ऑर्गनाइजेशन फॉर लेबर ने अनुमान लगाया था कि 5 करोड़ की आबादी आधुनिक गुलामी की शिकार है। इसमें से 2.2 करोड़ लोगों का जबरन विवाह करवाया गया है वहीं 2.8 करोड़ लोग जबरन श्रम करते हैं। बीते पांच साल में इसमें 1 करोड़ की वृद्धि हो गई है।