गहलौत सरकार विपक्ष के निशाने पर आ गई है। बच्चों की मौत के बाद सियासी बयानबाजी भी जारी है।
राजस्थान के कोटा में हुई बच्चों की मौत पर राजनीति शुरू हो गई है। 100 से ज्यादा बच्चों की मौत के बाद राजस्थान सरकार को चारों तरफ से विरोध का सामना करना पड़ रहा है। गहलौत सरकार विपक्ष के निशाने पर आ गई है। बच्चों की मौत के बाद सियासी बयानबाजी भी जारी है। JK लोन अस्पताल के सुपरिंटेंडेंट डॉ. सुरेश दुलारा का कहना है कि बच्चों की मौत का कारण कम वजन है। मीडिया में खबर ये भी है कि बच्चों की कई अलग-अलग वजहों के कारण मौत हुई है। बच्चों की मौत का कारण सांस की तकलीफ, सेप्टिसिमिया, निमोनिया जैसी वजहें हैं।
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वहीं दूसरी ओर नैशनल कमिशन फॉर प्रॉटेक्शन ऑफ चाइल्ड राइट्स ( NCPCR) ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि अस्पताल के दरवाजे टूटे हुए हैं और वहां अस्पताल की खिड़कियों के शीशे भी टूटे हुए हैं। जिस वजह से बच्चों को ठंड लग गई। NCPCR ने अस्पताल के दौरे के दौरान बताया अस्पताल का रखरखाव भी सही नहीं है। अस्तपात में हुई बच्चों की मौत पर सियासत भी शुरू है। बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पद से हटाये जाने की मांग की है। मायावती ने ट्वीट करते हुए लिखा कि राजस्थान में 100 माताओं की कोख उजड़ने के मामले में कांग्रेस को केवल अपनी नाराजगी जताना ही काफी नहीं है। मायावती ने आगे कहा कि कांग्रेस कांग्रेस को राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को उनके पद से हटा दें और वहां अपने किसी सही व्यक्ति को सत्ता में बैठाए।