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अपराध बना धंधा, ठगी की दे रहे ट्रेनिंग जानिए कैसे…

हाल ही में पुलिस द्वारा गिरफ्तार किये गये दोषियों ने इसका पर्दाफाश किया है।

झारखंड से हैरान कर देने वाली खबर सामने आई है। आपने शिक्षा से संबंधित ट्रेनिंग सेंटर तो बहुत से देखे होंगे पर ये पहला ऐसा ट्रेनिंग सेंटर है जो अपराध करना सिखा रहा है। दरअसल गिरिडीह, जामताड़ा और देवघर के साइबर अपराधियों ने अपराध को कारोबार बना लिया है। वह अब कंपनी के रुप में काम कर रहे हैं। इसके लिए उन्होंने झारखंड, दिल्ली और पंजाब समेत पूरे देश में ठेके पर कमीशन एजेंट काम पर लगा दिये हैं। इनको अपराध करने की ट्रेनिंग दी जाती है। अपराध में मददगार बैंक खाते खुलवाए जाते हैं। मिली जानकारी के मुताबिक हाल ही में पुलिस द्वारा गिरफ्तार किये गये दोषियों ने इसका पर्दाफाश किया है। इनका एक साथी दिल्ली में सक्रिय है। उन्होंने बताया कि तीनों को डेढ़ साल में कमीशन के तौर पर करीब 14 लाख और मुखिया को डेढ़ करोड़ रुपये तक मिले हैं। ये सारी रकम साइबर अपराध के जरिये जुटाई गई थी। साथ ही दोषियों ने यह भी बताया कि ये जिस मुखिया के लिए काम करते हैं, उसको उन्होंने आज तक देखा भी नहीं है। उनके गिरोह में करीब चौदह लोग हैं। यह उनकी तरह कई जिलों में कमीशन पर काम कर रहे हैं।

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बता दें कि गिरोह के लोगों को साइबर ठगी के तरीके सिखाने के लिए गिरिडीह, देवघर व जामताड़ा में ट्रेनिंग सेंटर चलाए जा रहे हैं। इतना ही नहीं लोगों को झांसे में लेने से लेकर अलग-अलग नाम से मोबाइल सिम जारी करवाने और अलगअलग बैंक खातों में पैसे मंगवाने तक सब कुछ उन्हें सिखाया जाता है।

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मिली जानकारी के मुताबिक 13 अक्टूबर को गिरिडीह पुलिस द्वारा अहिल्यापुर थाना क्षेत्र के कोलडीहा गांव के रहने वाले उपेंद्र राणा एवं रंजीत राणा को गिरफ्तार किया गया था। पुलिस के पास खबर आई थी कि इनके खातों में लगातार रकम जमा होने के बाद निकाल ली जाती है। जब पूछताछ हुई तो सारी परते खुली और पूरे मामले का खुलासा हो गया। साथ ही पुलिस द्वारा रंजीत राणा से पांच मोबाइल व अलग-अलग बैंकों की छह पासबुक बरामद की गईं हैं। उनके पास से सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया की दिल्ली की शाखा का एटीएम कार्ड भी मिला है। दोषियों ने बताया कि पीड़ित के खाते में सेंध लगाकर रकम एजेंटों के बैंक खाते में ऑनलाइन भेज दी जाती है। एजेंट अपना 15 फीसदी कमीशन काटकर बची हुई रकम मुखिया से मिले निर्देश पर संबंधित व्यक्ति को सौंप दिया करते हैं। पुलिस ने बताया कि साइबर अपराधियों के मंसूबों को ध्वस्त करने के लिए हम हर संभव उपाय कर रहे हैं। इसमें सफलता भी मिल रही है। पकड़े गए दोनों अपराधियों से कई सबूत मिले हैं। उसके सहारे उनके नेटवर्क को ध्वस्त किया जा रहा है।



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