Author: Sumit Sapra
आज धर्म पूछोगे, कल जात पूछोगेकितने तरीक़ों से मेरी औक़ात पूछोगे मैं हर बार कह दूँगा, यही वतन तो मेरा हैघुमा फिरा के तुम भी तो वही बात पूछोगे सच थोड़े ही बदलेगा पूछने के सलीकों सेथमा के क़ुरान या फिर जमा के लात पूछोगे मेरी नीयत को तो तुम कपड़ों से समझते होलहू का […]
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