सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) से आए टे्रनर विश्वदीप शर्मा मुख्य वक्ता रहे। कॉलेज प्रिंसिपल डा. सुषमा आर्य व वाणिज्य विभागाध्यक्षा डा.सुरेंद्र कौर ने संयुक्त रूप से कार्यक्रम की अध्यक्षता की।
विश्वदीप शर्मा ने छात्राओं को वित्तीय नियोजन के महत्व के बारे में विस्तार से जानकारी दी। साथ ही उन्होंने निवेश से ज्यादा से ज्यादा रिर्टन प्राप्त करने के टिप्स भी दिए। उन्होंने कहा कि जब तक हमें मॉर्केट में उपलब्ध फाइनेशियल प्रोडक्ट्स के बारे में जानकारी नहीं होगी, तब तक निवेश नहीं कर पाएंगे। उन्होंने सेविंग (बचत) व इनवेस्टमेंट (निवेश) के अंतर के बारे में विस्तार से प्रकाश डाला। शर्मा के मुताबिक कई कंपनियां निवेशकों को पैसा दोगुना करने या ज्यादा से ज्यादा लाभ देने का झांसा देकर स्वयं द्वारा संचालित योजनाओं में उनका पैसा लगवा लेती है। लेकिन बाद में वे निर्धारित लाभ नहीं देती। जिस कारण निवेशकों को उम्रभर की कमाई डूब जाती है। निवेशक सेबी की मदद से ऐसी कंपनियों के खिलाफ नि:शुल्क कानूनी लड़ाई लड़ सकते हैं। साथ ही उन्होंने रूल ७२ के बारे में जानकारी दी। निवेशक इस रूल के जरिए पता लगा सकता है कि कितने समय में उसका कितना पैसा डबल होगा। कंपनी उसे कितनी ब्याज दर दे रही है, इसकी भी उसे जानकारी मिल सकती है। साथ ही उन्होंने बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज व नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के बारे में विस्तार से जानकारी दी। इसके अलावा उन्होंने कहा कि भविष्य को सुरक्षित रखने के लिहाज से बचत करनी बहुत जरूरी है। इसके लिए उपभोक्ता शेयर मॉर्केट, बैंक की एफडी, बीमा पॉलिसी, म्यूचवल फंड इत्यादि में निवेश कर सकते हैं। जितनी जल्दी निवेश शुरू करेंगे, भविष्य में उतना ही ज्यादा दीर्घ कालीन लाभ मिलेगा।
कॉलेज प्रिंसिपल डा. सुषमा आर्य व वाणिज्य विभागाध्यक्षा डा. सुरेंद्र कौर ने कहा कि एक्सटेंशन लेक्चर का मुख्य उद्देश्य छात्राओं को निवेश व उससे होने वाले फायदों से अवगत कराना रहा। साथ ही उन्हें बताया गया कि वे फ्रॉड कंपनियों से स्वयं को कैसे बचा सकते हैं। ताकि वे अपने निवेश को सुरक्षित रख सकें।
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