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किस केलिए ये गीत

दिल कबी ये सोचा नहीं करता 
जो सोचकर हो वो प्यार नहीं होता 
फिर मैं इतना क्यों सोचता हुँ 
की अगर तुम्हारा साथ नहीं होता 
तो मेरा क्या होता 
                                 


तुझसे ये दूरिया 
रक नहीं पाते हम 
तेरे करीब आते ही 
रोक अपने को नहीं पाते हम 

कहते है  प्यार में 
हर दर्द है जायज़ 
फिर क्यों इस तड़प 
को छुड़ाने की है  ख्वाइश 
                                  


इस प्यार के सिवा 
कुछ जीने की वजह नहीं 
तड़प के बिना 
प्यार में कुछ मज़ा नहीं 

एसे ही कई गीत 
हम लिकते है नये हर बार 
' किस परी केलिए है ये गीत '
सब पूछते है बार बार 
                                      


सपनो की है वो रानी 
बस चलती है उसकी मनमानी 
चेहरा अब तक दिखा नहीं 
बस रोज़ दिखाती है नयी कहानी 
                                                   


आयेगी सामने कब 
इसका कुछ पता नहीं 
तब तक सोने के सिवा 
और कुछ रास्ता हमें दिखता नहीं


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