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जीवन में अनुशासन कैसे अपनाएं ?

 हेलो दोस्तों, स्वागत है आपका आपके अपने ब्लॉग पर जिसका नाम है - आपकी उड़ान |

 दोस्तों, पिछली पोस्ट में हमने जानी थी   आत्मविश्वास की पूरी कहानी यानी सेल्फ कॉन्फिडेंस की पूरी कहानी 

 आज हम चर्चा करने जा रहे हैं-  अनुशासन की ; जिसे हम डिसिप्लिन कहते हैं |


 दोस्तों, हमारे जीवन में मानवीय गुणों का बहुत ज्यादा रोल रहता है हालांकि आज कलयुग में मानवीय गुण गिरते जा रहे हैं फिर भी यह पूरी तरह खत्म नहीं हुए हैं | आज भी ऐसे लोग मौजूद हैं जो मानवीय गुणों को अपनी जिंदगी में पूरी ईमानदारी के साथ अपनाए हुए हैं | ऐसे लोगों में मेरा खुद का नाम भी शामिल है |

 

आत्मविश्वास की तरह अनुशासन का रोल भी कुछ कम नहीं है जिस प्रकार आत्मविश्वास का जीवन के प्रत्येक मोड  पर महत्व होता है | उसी प्रकार  अनुशासन  का भी  जीवन के प्रत्येक मोड पर महत्व होता है |

 प्यारे दोस्तों , शुरू करते हैं आज के हमारे बहुत ही महत्वपूर्ण topic को जिसका नाम है अनुशासन यानी discipline





 अनुशासन किसे कहते हैं ?


जब हम management के लिए बनाए गए  rules को follow करते हैं उन्हें तोड़ते नहीं है तो इसे discipline कहते हैं | यह भी हमारे जीवन में important रोल अदा करता है अनुशासन को discipline के नाम से जाना जाता है |

 वास्तव में अनुशासन किसी committee, organisation या family में व्यवस्था बनाए रखने का effective formulae है | सच कहा जाए तो आज पूरी दुनिया की व्यवस्था इसी  के कारण बनी हुई है |




 student life में discipline की क्या भूमिका है ?


 जिस दिन से हमारी पढ़ाई शुरू होती है उसी दिन से discipline की training भी शुरू हो जाती है | यही वह समय है जब अनुशासन का बीज बोया जाता है | स्कूल की पूरी व्यवस्था अनुशासन के बल पर चलती है | इसी जगह पर इसका importance भी बहुत ज्यादा होता है |

 यदि सीधे शब्दों में कहा जाए तो education और discipline के बीच भाई-बहन का रिश्ता है जिनकी माता school होती है | यहां स्टूडेंट को सलाह दी जाती है--

  •  हमेशा अनुशासन में रहना चाहिए |
  •  सुबह उठते ही धरती मां और माता-पिता के चरण स्पर्श करना चाहिए |
  •  रोजाना ब्रश करना चाहिए, नहा धोकर स्कूल आना चाहिए |
  •  uniform को समय पर धोना चाहिए |
  • अपने नाखूनों और बालों को समय पर काटना चाहिए |
  •  कमीज की understanding हमेशा  रहनी चाहिए |
  •  हमेशा uniform पहनकर स्कूल आना चाहिए |
  •  लौटते समय रास्ते में कहीं भी नहीं रुकना चाहिए |
  •  homework , सुलेख जैसे काम समय पर पूरे करने चाहिए |
  •  class में teacher ना हो तो भी बातचीत नहीं करनी चाहिए |
  • स्कूल समय पर आना और जाना चाहिए |
  • रोजाना स्कूल आना चाहिए |

यह सभी नियम हमें अक्सर प्रार्थना-स्थल पर बताए जाते थे | यही नियम discipline को बनाने के लिए तैयार किए जाते हैं  और आज भी लागू होते हैं लेकिन पहले की बात ही कुछ और थी |


teacher का rules बताना और students का  rules को follow करना ही डिसीप्लिन है |

 

 दो-चार को छोड़कर बाकी सभी स्टूडेंट स्कूल से ही डिसिप्लिन में रहने लग जाते हैं और अपने future लिए एक महत्वपूर्ण गुण को develop कर लेते हैं | In future इनको life में  discipline अपनाने में कोई दिक्कत नहीं  होती है क्योंकि यह इनकी habit बन जाती है |


 इस प्रकार स्कूल में सिखाया गया discipline life में अपना एक अलग रोल निभाता है | पढ़ाई करना भी डिसिप्लिन का ही एक पार्ट है जिसने discipline अपनाया वह पढ़ाई भी करेगा और आगे चलकर पढ़ाई करने वाले के एक अच्छे नागरिक बनने की chances ज्यादा होते हैं |

 अब आप समझ चुके हैं कि school से ही students को discipline में रहना सिखाया जाता है


क्या डिसिप्लिन आर्मी फोर्स में जरूरी है ?


 जी हां , किसी भी army force में discipline का बहुत रोल होता है army force में discipline के बिना service कर  ही नहीं सकते | किसी स्टूडेंट  का स्कूल में  disciplined नहीं होने पर ज्यादा से ज्यादा class या school से कुछ समय के लिए बाहर किया जा सकता है लेकिन आर्मी फोर्स में without discipline service बिल्कुल नहीं की जा सकती है

 जब किसी नए soldier को सेना में लिया जाता है तो उसे 100% disciplined रहना जरूरी है अन्यथा उसे training छोड़कर घर लौटना होता है

फौज में भी discipline routine का एक भाग है |  सुबह जल्दी उठना और दी गई exercise पूरी करना round लगाना, दंड मारना, march करना आदि involve है | उच्च अधिकारियों के आदेश का पालन करना भी compulsory होता है जोकि discipline है |

 


आर्मी और स्कूल के डिसिप्लिन में क्या डिफरेंस है ?


 आप समझ गए हैं कि चाहे school हो या army, दोनों में ही discipline का बहुत ज्यादा और important रोल होता है दोनों के लिए यह compulsory condition है |

 और भी सीधे शब्दों में कहा जाए तो बिना discipline के student, student नहीं है और सोल्जर, सोल्जर नहीं  है |

 सवाल यह उठता है कि क्या आर्मी और स्कूल के डिसिप्लिन में डिफरेंस होता है ? जी हां, आर्मी और स्कूल के डिफरेंस होता है |

 इन दोनों जगहों पर एक बात तो common है कि discipline द्वारा students और soldiers control में रहते हैं |

यहां main difference है-- सहनशीलता का यानी school में discipline student के physically control तक ही सीमित रहता लेकिन आर्मी में discipline physically control के साथ-साथ सहनशीलता भी सिखाता है |

 सहनशीलता का अर्थ है सहन करने की क्षमता |  एक उदाहरण से समझाता हूं

 soldier को order दिया जाता है कि उसे 400 dips लगानी है तो उसे लगानी हीं पड़ती है | यहां discipline physically control करता है | माना कि soldier की  क्षमता 200 dips लगाने की है but वह दर्द को सहन करते हुए अपनी 400 dips पूरी करता है | यहाँ डिसिप्लिन सहनशीलता सिखा रहा है, सहनशीलता की क्षमता बढ़ा रहा है | दोस्तों यह था school और army life में इसकी भूमिका और अंतर |


 क्या डिसिप्लिन सोशल लाइफ में जरूरी है ?


 बिल्कुल हां , discipline social life में भी बड़ी भूमिका निभाता है  मेरी positive thinking के हिसाब से ऐसा कोई field नहीं, पेशा नहीं जिसमें discipline की भूमिका नहीं हो |


 सोसाइटी में डिसिप्लिन क्या होता है ?

  •  अच्छा घर बना कर रहना |
  •  सभी के साथ भाईचारा अपना कर रहना |
  •  समाज के कार्यक्रमों में जाना और खुद भी आयोजन करना |
  •  त्यौहार व विशेष दिनों पर सभी को बधाई देना |
  •  समय पर बच्चों की शिक्षा शादी भरण पोषण भी discipline के examples है |

 सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि यदि हम social discipline अपनाते हैं तो हम अपनी society में एक family की तरह रहते हैं | यह एक बहुत ही  important discipline है | यदि आप समाज को अपनाना चाहते हैं या समाज को अपना बनाना चाहते है |

 अगर किसी कारणवश हम सामाजिक अनुशासन नहीं रख पाते हैं तो समाज अपना साथ छोड़ देता है | एक और important बात यह है कि समाज में नौकरी पेशा,   खास तौर पर government employees को social discipliner माना जाता है क्योंकि गवर्नमेंट एंप्लोई discipline अच्छी तरह अपनाते है | वह  अच्छी तरह डिसीप्लिन का महत्व समझते हैं |

 इसलिए समाज भी यही कहता है कि ये सोसाइटी में भी डिसिप्लिन बनाए रखेंगे | इसका एक बहुत ही अच्छा example है कि जब unmarried boy या girl government job करते हैं तो उन्हें relationship करने में किसी guarantee की जरूरत नहीं होती है | इनके लिए  इनकी job ही गवाह दे देती है कि यह already disciplined है |



 डिसिप्लिन का किसी ऑर्गनाइजेशन में क्या रोल है ?


discipline का सभी organisations में important role सभी ऑर्गेनाइजेशन में employees , officers के लिए conditions रखी जाती है किसी भी हालात में discipline follow करने की |

 organisations में अलग-अलग level में employees , officers होते हैं | high level के officer और निचले level के officers को  किसी काम के लिए order देते हैं और lower-level के officers ,employees से दिए गए task को पूरा करवाते हैं क्योंकि order follow करना discipline है और डिसिप्लिन नहीं तोड़ना ऑर्गनाइजेशन में काम करने के लिए   compulsory condition है | इसके बिना ऑर्गनाइजेशन में काम करना संभव नहीं है |

 यही कारण है कि job security को बनाए रखने के लिए employee discipline में रहकर दिए गए task को complete करके अपने seniors को सौंपते  हैं |

 तो आपने जाना कि discipline एक व्यवस्था है जो किसी भी बड़े से बड़े संगठन को manage कर सकती है |

 

 success and discipline


 success कोई हंसी मजाक नहीं है | हर किसी को life में success नहीं मिल पाती कुछ गिने चुने लोग होते हैं जिन्हें सक्सेस मिलती है  ऐसा क्या होता है successful लोगों में ऐसा क्या होता है जिसे follow कर  success तक पहुंचे हैं  ऐसी कौन सी चीज है जो लोगों को सक्सेस बनाती है ?

 इसका जवाब है-- successful लोग ऐसे unique formulae को follow करते हैं | कुछ ऐसी unique चीजें होती हैं जिन्हें फॉलो करके सक्सेस तक पहुंचते हैं | ऐसी चीजों में से ही एक है---- discipline |


बिल्कुल successful people discipline को अपनाते हैं जोकि सक्सेस के लिए important है जिस तरह organisations discipline की help लेकर manage किए जाते हैं उसी तरह success की चाह रखने वाले लोग discipline की help लेकर अपनी routine life को manage करते हैं |



 इस मैनेजमेंट से बहुत फायदा होता है ; जैसे-

  •  TIME बचाया जा सकता है |
  •  exercise के लिए टाइम मिल पाता है |
  •  दिमाग को fresh रखा जा सकता है |
  • social connectivity बनी रहती है |
  •  अपने काम के लिए टाइम मिल पाता है |
  •  अनुशासन में रहने से concentration बनी रहती है |

 कहने का मतलब है success पाने वाले अपनी daily routine में केवल और केवल important tasks को जगह देते हैं फालतू के कामों को list से हटा देते हैं | चुने गई important work वह होते हैं जिनसे

  •  mind fresh हो सके |
  •  TIME बच सके |
  •  social connectivity रह सके |
  •  Body-exercise हो सके |

 सभी कार्यों के लिए time-period होता है जिसको सिर्फ और सिर्फ discipline के जरिए maintain किया जा सकता है अब आप समझ चुके हैं कि discipline में रहकर success की राह को सरल  बनाया जा सकता है |

अगर आप success की राह पर चल रहे हैं तो आप भी time management को नोटिस कर discipline को जरूर देखिएगा |

 

मैं disciplined हूं या नहीं

 

आपके दिमाग में भी यह सवाल उठ रहे होंगे कि मैं डिसिप्लिन हूं या नहीं

 क्या मेरी life disciplined है ?

 मेरी life में discipline का कैसे पता करूं ?

 मैं discipline को कैसे पहचानूँ ?

 दोस्तों आप आसानी से पता कर सकते हैं कि आपकी लाइफ में discipline है या नहीं |

 

 मोटे तौर पर आपको बता देना चाहिए कि यदि आपकी life या daily routine में बेकार के काम शाम



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