सरकार ने देश में एमएसएमई तक ऋण की पहुंच को सुविधाजनक बनाने के लिए कई योजनाओं की शुरुआत की है। इनमें से कुछ मुख्य योजनाएं निम्नलिखित हैं:
Related Articles
- प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी): यह एक प्रमुख क्रेडिट-लिंक्ड सब्सिडी कार्यक्रम है जिसका उद्देश्य स्व-रोज़गार को प्रोत्साहित करना है।
- प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाई): यह योजना गैर-कॉर्पोरेट, गैर-कृषि लघु/सूक्ष्म उद्यमों को 10 लाख रुपये तक के ऋण प्रदान करती है।
- पीएम विश्वकर्मा योजना: यह योजना 2023-24 से 2027-28 तक चलने वाली एक केंद्रीय क्षेत्र की योजना है जिसमें शिल्पकारों को ऋण सहायता प्रदान की जाती है।
- क्रेडिट गारंटी योजना: इस योजना के माध्यम से सूक्ष्म और लघु उद्यमों को बिना कोलेटरल और थर्ड पार्टी की गारंटी के बिना ऋण प्रदान किया जाता है।
- उदयम असिस्ट प्लेटफॉर्म: इसका उद्देश्य अनौपचारिक सूक्ष्म उद्यमों को आईएमई के औपचारिक दायरे में लाना है।
- आत्मनिर्भर भारत फंड: यह फंड एमएसएमई में इक्विटी निवेश के लिए है।
- इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी योजना: इस योजना के तहत कोविड-19 महामारी के दौरान व्यवसायों को आर्थिक सहायता प्रदान की गई है।
इन योजनाओं के माध्यम से सरकार ने एमएसएमई के लिए एक शक्तिशाली और सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित किया है।
The post सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों के लिए ऋण प्रदान करने के लिए उठाए गए कदम appeared first on National Thoughts.