नई दिल्ली,(नेशनल थॉट्स ) : सर्दियों में चिलब्लेन एक आम समस्या है, जिससे कई लोग प्रभावित होते हैं। यह बीमारी विशेषकर सर्दियों के मौसम में होने वाली ठंडक के कारण उत्पन्न होती है और इसमें मरीज को हाथ-पैरों में तकलीफ होती है। इसके लक्षणों में हाथों की उंगलियों का रंग बदलना, पैरों पर चकत्ते होना, और तेज दर्द शामिल हो सकते हैं। चलिए, इस बीमारी के लक्षण, कारण, और बचाव के तरीके जानते हैं:
चिलब्लेन का कारण
- सर्दी के सीजन में नंगे पैर न रहें और ठंडे पानी का इस्तेमाल कम करें.
- छोटे साइज के जूते और भीगे हुए मोजे का इस्तेमाल कम करें. जिसके कारण पैर की उंगलियों का ब्लड सर्कुलेशन ठीक से काम नहीं करता है.
- ठंड में शरीर को गर्म रखें.
- सर्दियों में त्वचा का खास ख्याल रखें. ताकि आप इस बीमारी से बचे रहें. सर्दियों में यह बीमारी तेजी से फैलती है. उंगलियों में सूजन और दर्द होने लगता है.
- सर्दियों में टाइट-फिटिंग कपड़े या जूते न पहनने इससे चिलब्लेन का खतरा बढ़ता है.
चिलब्लेन के लक्षण
- हाथ-पैर में खुजली और दाने निकलना
- घाव या छाले का पड़ना
- पैरों और हाथों में सूजन
- पैर या हाथ में तेज दर्द या चुभन
- स्किन के रंग में बदलाव
कैसे चिलब्लेन की बीमारी से बच सकते हैं?
चिलब्लेन्स 2-3 सप्ताह में ठीक हो जाता है. अगर मौसम गर्मी का तो जल्दी ही ठीक हो जाता है. गर्मियों में आप कुछ खास बातों का ध्यान रखें. ठंड से बचें और पूरे कपड़े पहनें. इसे ढककर रखेंगे तो यह जल्दी ही ठीक हो जाएगा.
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