Get Even More Visitors To Your Blog, Upgrade To A Business Listing >>

क्या 15 अगस्त को मिल पाएगा देश का पहला कोरोना वैक्सीन

नैशनल थॉट्स  / आलोक गौड़:- कोरोना वायरस की महामारी से आज भारत ही नहीं बल्कि पूरा विश्व जूझ रहा है। जानलेवा इस बीमारी की कारगर दवा बनाने में दुनिया भर के वैज्ञानिक जुटे हुए हैं। मगर अभी तक किसी को भी इसमें सफलता नहीं मिली है। ऐसे में भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के महानिदेशक बलराम भार्गव ने जिस प्रकार से भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड को पत्र लिखकर 15 अगस्त से पहले कोविड-19 की स्वदेशी टीका कोवाक्सिन तैयार करने के निर्देश दिए हैं, उसे लेकर सरकार और खासकर आईसीएमआर की इस जल्दबाजी पर कई तरह के सवाल खड़े हो गए हैं।

विशेषकर जब खुद भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड ने आईसीएमआर के महानिदेशक के पत्र के जवाब में यह कहा है कि कोरोना वायरस की दवा बनाने में उसे अभी कम से कम 13 महीने का समय और लग जाएगा। इतना ही नहीं अभी तक तो इस दवा कोवाक्सिन का मानवीय परीक्षण भी शुरू नहीं हुआ। उससे पहले ही यह दावा कर दिया गया है कि यह 15 अगस्त को लांच कर दी जाएगी।भारत में एचआईवी पॉजिटिव मरीजों के इलाज में मदद करने वाली संस्था एड्स हैल्थकेयर फाउंडेशन एएचए‌फ के दक्षिणी एशिया के हेड डॉ वी सैम प्रसाद के मुताबिक किसी भी बीमारी से निपटने के लिए उसका कारगर टीका बनाने के काम में सालों लग जाते हैं और इसके लिए कई तरह के परीक्षण किए जाते हैं।

दुनिया भर के वैज्ञानिक अभी भी एचआईवी का टीका बनाने में जुटे हुए हैं। मगर अभी तक कोई सफलता नहीं मिली है। हां ऐसी कुछ एडवांस दवाएं बन गई हैं, जिनके नियमित सेवन से एचआईवी पॉजिटिव पाए गए मरीजों की मृत्यु होने की प्रक्रिया को धीमा करने में मदद मिलती है। लेकिन टीका अभी तक नहीं बना है।ऐसे में यह कहना कि एक निश्चित समय और तारीख पर किसी बीमारी का टीका उपलब्ध हो जाएगा सही नहीं है।उन्हीं की बात को आगे बढ़ाते हुए महाराजा अग्रसेन सुपरस्पेशलिटी अस्पताल के पूर्व अध्यक्ष एवं आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद डॉ सुशील गुप्ता कहते हैं कि किसी भी बीमारी की दवा बनाने में सालों लग जाते हैं और इसके लिए काफी लंबी प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है।

उन्होंने कहा कि अभी तक चिकित्सा के क्षेत्र में हमारे देश से काफी आगे बढ़ चुके देश जैसे चीन, अमेरिका, इटली, जर्मनी और यूरोप के दूसरे देशों में भी कोरोना वायरस की कारगर दवा बनाने का काम चल रहा है। ऐसे में आईसीएमआर की ओर यह दावा करना आसानी से गले नहीं उतरता है कि भारत ने कोरोना वायरस से निपटने की वैक्सीन बना ली है और उसे एक निश्चित तारीख पर लांच कर दिया जाएगा।
डॉ सुशील गुप्ता ने कहा कि अगर भारत के वैज्ञानिक और हमारी कंपनी कोरोना वायरस की वैक्सीन बनाती है तो उन्हें इस बात की बेहद खुशी होगी लेकिन इसमें किसी भी प्रकार की जल्दबाजी करना ठीक नहीं होगा।

इसी मुद्दे पर डा श्याम सुंदर नागपाल ने कहा कि हमारे देश में आपदा को भी अवसर में बदलने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने इस बारे में पातंजलि का नाम लिए बिना कहा कि हाल ही में आयुर्वेदिक दवा बनाने वाली एक कंपनी की ओर से कोरोना की दवा बनाने का दावा किया गया था। बाद में जब इस बारे में विवाद पैदा हुआ तो कंपनी की ओर से कहा गया कि उसने रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाली दवा बनाई है,जिसका सेवन करने से कोरोना नहीं होगा।

दवा बनाने वाली एक बहुराष्ट्रीय कंपनी में काम करने वाले एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि किसी भी बीमारी की दवा बनाने के लिए उस पर काफी लंबे समय तक अनुसंधान किया जाता है और परीक्षणों के कई दौर से गुजरना पड़ता है। इतना ही नहीं उन परीक्षण के परिणाम को वैज्ञानिकों के सामने साबित भी करना पड़ता है। उसके बाद ही उसे लांच किया जाता है।

The post क्या 15 अगस्त को मिल पाएगा देश का पहला कोरोना वैक्सीन appeared first on Hindi News, हिंदी समाचार, Samachar, Breaking News, Latest Khabar.



This post first appeared on Hyderabadrep Encounter, please read the originial post: here

Share the post

क्या 15 अगस्त को मिल पाएगा देश का पहला कोरोना वैक्सीन

×

Subscribe to Hyderabadrep Encounter

Get updates delivered right to your inbox!

Thank you for your subscription

×