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एक खौफनाक कहानी, वास्तविक घटना पर आधारित Real Life Horror Story

दिशा के परिवार में अक्सर झगड़े होते रहते थे। दिशा गर्भ से थी। उसके सास और ससुर उसको बहुत कुछ सुनाते थे और उसके पति को भी काफी कुछ सहन करना पड़ता था। परिवार में ऐसे अक्सर झगड़े होने की वजह से दिशा के पति ने सोचा की जब तक बच्चे का जन्म नहीं हो जाता, तब तक हम कही बाहर रहेंगे। यह सोचकर उन्होंने शहर से दूर विरानपुर गांव में, किराए के मकान में रहने लगे। दिशा बहुत खुश थी,क्योंकि कुछ दिनों में उसके घर पे एक नया मेहमान जो आनेवाला था। दिशा के पति को भी इस नए मेहमान का बेसब्री से इंतज़ार था। दिशा के पति का नाम, सूरज था। दिशा की मम्मी भी कुछ दिनों के लिए अपनी बच्ची की देखभाल करने के लिए विरानपुर आ गई और उसका ध्यान रखने लगी।

दिशा का ८ वा महीना पूरा हो चुका था और ९ वा महीना शुरू हो गया था। कुछ दिनों के बाद दिशा को पेट में बहुत दर्द होने लगा। सूरज ने जरा भी देरी किए बिना उसको अस्पताल पहुंचाया।

दिशा की मम्मी भी साथ में अस्पताल गई। बाहर तेज़ बारिश हो रही थी। जोर से बिजली कड़कने की आवाज आ रही थी। तेज़ बारिश के बीच एक प्यारी सी आवाज सुनाई दी, जो दिशा के प्यारे बेटे की थी, जिसने इस दुनिया में पहला कदम रखा। सूरज, दिशा की मम्मी सब बहुत खुश हुए। दिशा ने अपने प्यारे हाथों से अपने बेटे को गोद में लिया और उसकी आंखे ममता से भर आई। उसके साथ कुछ खुशी के पल बिताए। दिशा और सूरज की खुशी का ठिकाना ही नहीं रहा। उनको मानो इस बच्चे के रूप में संसार का सारा सुख मिल गया, ऐसा महसूस होने लगा। 3 दिन अस्पताल में रहने के बाद, दिशा वापस विरानपुर में आ गई और रहने लगी। इस नए मेहमान के आगमन से सब खुश थे, लेकिन उनको नही पता था की उनकी खुशी ज्यादा वक्त तक नहीं टिकनेवाली थी। दिन से शाम हो गई और धीरे – धीरे रात होने लगी। उस रात को कुछ ऐसा होनेवाला था, जिसकी दिशा ने कभी कल्पना भी नही की होगी। सबको नींद आ गई, लेकिन दिशा को नींद नहीं आ रही थी। वो न चैन से सो पा रही थी, न चैन से जाग पा रही थी। उसको बहुत ही अजीब महसूस हो रहा था। वह पूरी रात सो न पाई।

सुबह सूरज काम पर चला गया और उसकी मम्मी भी घर के काम में लग गई। दिशा रातभर सो नहीं पाई थी, इसलिए वह अपने कमरे में चली गई और बच्चे को लेकर बिस्तर पर लेट गई। जैसे ही आंख लगी, तब उसको एहसास हुआ की कोई उसको थप्पड़ मार रहा हो, लेकिन जैसी ही वह अपनी आंखे खोलती, उसको लगता की शायद उसने कोई सपना देख लिया होगा। फिर उसने दोबारा से हिम्मत करके अपनी आंखे बंद की और सोने का प्रयास करने लगी। जैसे ही उसकी आंखे लगी, उसको एहसास हुआ की कोई उसे थप्पड़ मार रहा है और उसको बर्तन गिरने की आवाजे भी आने लगी। यह बहुत डरावना था। दिशा की नींद उड़ गई, वह बहुत डर गई थी। उसने अपनी मम्मी को बुलाया और उनको सारी बातें बताई। दिशा की बातें सुनकर, उसकी मम्मी को एहसास होने लगा की दिशा के ऊपर जरूर कोई बुरी आत्मा ने प्रवेश किया है और वो उसको परेशान कर रही है। अपनी बच्ची डर न जाए, इसलिए उन्होंने दिशा को, यह एक भ्रम होगा, तुमने कोई बुरा सपना देखा होगा, कहकर इन सब बातो को भूल जाने के लिए कहा। मम्मी के समझाने से दिशा को थोडी हिम्मत जरूर मिली, लेकिन अंदर से उसको बहुत डर लग रहा था।

धीरे – धीरे रात हो गई और दिशा, सूरज, दिशा की मम्मी सभी ने खाना खाया और फिर सब सो गए। जैसे ही दिशा ने अपनी आंखे बंद की, उसको एहसास हुआ की किसी ने कसकर उसको थप्पड़ मारा। यह देखकर दिशा घबरा गई और वह थोड़ी देर के लिए अपने बिस्तर पर बैठ गई। उसने आसपास देखा, तो कोई भी नही था। उसको ऐसा लग रहा था की कोई तो बुरी आत्मा की शक्ति है, जो उसको थप्पड़ मारकर परेशान कर रही है। उस रात को भी वह चैन से सो नहीं पाई। अगले दिन उसने अपनी मम्मी और अपने पति को सारी बाते विस्तार से बताई। उसकी यह बातें सुनकर वो दोनों बहुत डर गए। सब सोचने लगे कि अब क्या करे ? सूरज की मामी नजदीक ही रहती थी, तो सुरज ने जरा भी देरी किए बिना, उनको अपने घर पे बुलाया। कुछ समय में ही उसकी मामी घर पे आ गई। जैसी ही मामी ने उनके घर में पहला कदम रखा, वैसे ही दिशा जोर – जोर से चिल्लाने लगी, जैसे की मानो उसने किसी चुड़ैल को देख लिया हो! वह आत्मा दिशा के शरीर पे हावी हो चुकी थी। दिशा को बिलकुल भी होश नही था की वह क्या कर रही है। सूरज ने हिम्मत करके,दिशा को जोर से पकड़ा और पूछा, “ कौन है तू? कहां से आई है ?” दिशा पूरी तरह से बुरी आत्मा के वश में थी, उसमें बसी हुई आत्मा ने जोर से हंसते हुए कहा,“ नहीं बताऊंगी। ” दिशा का यह डरावना रूप देखकर सब डर गए। थोड़ी देर में दिशा बेहोश हो गई।

फिर वे सब तुरंत ही वहां से निकलकर रातों – रात एक बाबा के पास गए। बाबा ने एक शक्तिशाली ताबीज दिए और वापस घर लौट जाने के लिए कहा। वे सब इतना डर गए की की वापस घर लौटने से उनको घबराहट होने लगी। सारी रात उन्होंने बाहर ही बिताई। सुबह होते ही वे सब घर वापस आ गए। दिशा रात को तो डरती ही थी, लेकिन अब वह दिन में भी डरने लगी। उस ताबीज से भी कोई असर नहीं हुआ। इस परिवार को अब कुछ भी समझ नही आ रहा था की आगे क्या करे ? उन्होंने उस घर के बारे में नजदीकी कुछ लोगो से पूछा, तो उनको जानने को मिला की, “ बहुत सालों पहले, एक खुशी से भरा परिवार रहता था। उस परिवार में एक युवान लड़की थी, जो एक दूसरे धर्म के लड़के से प्रेम करती थी। जब लड़के ने विवाह करने से इनकार कर दिया। लड़की यह पीड़ा बर्दाश्त नही कर पाई और उसने उस घर में अपने गले में रस्सी बांधकर, पंखे से लटक गई और खुदकुशी कर ली। तब से उस घर में उसकी आत्मा भटक रही है।” ये सब सुनकर, वे सब डर गए और फिर उन्होंने सोचा की वह अपनी नानी के घर चले जायेंगे। सबकी सहमति मिलने के बाद, वे सब अपनी नानी के घर जाकर रखने लगे। नानी के घर पे जाकर सबको सुकून मिला। बच्चे के पांच दिन हो गए थे और छट्ठे दिन, छट्ठी की विधि थी। सब अब सही चल रहा था, तो वे सब अपने घर वापस आने के बारे में सोचने लगे। वे जैसे ही अपने घर से निकले, तो एक काली बिल्ली ने रास्ता काटा। यह सब देखकर सब डर गए और वापस नानी के घर लौट गए।

इसके दूसरे दिन, वे सब अपने घर जाने के लिए निकल गए और सारी तैयारियां करके मेहमानो को बुलाया। फिर बच्चे की नामकरण की विधि पूर्ण की। विधि के बाद सब मेहमानो ने खाना खाया और रात होने लगी। सबके लिए सोने की व्यवस्था की गई, ताकि सब अच्छे से आराम कर सके ; लेकिन बुरी शक्ति ने उनको ठीक से सोने भी नही दिया।अचानक बिजली चली गई । सब मेहमान डर गए। वापस बिजली आई, लेकिन बिजली आ – जा कर रही थी। सबकी घबराहट बढ़ गई। धीरे – धीरे सबको कुछ डरावनी आवाजे भी सुनाई पड़ी। सबने डर के मारे सोने की कोशिश भी की, लेकिन कोई ठीक से सो न पाया। सुबह होते ही सब मेहमान वापस अपने घर लौट गए। सुबह सबके जाने के बाद, दिशा फिर से डरने लगे। उसकी मां ने उसको कहा, “ बेटी कुछ खा लो।” दिशा ने अपनी मां की तरफ डरावनी नजरो से देखा और हंसने लगी। उसकी यह डरावनी हसी देखकर, उसकी मां डर गई, जैसे वो अपनी बेटी को नहीं, किसी बुरी आत्मा को देख रही हो ! तुरंत उसने सूरज को बुलाया और सारी घटना बताई, फिर कहा की वे सब अब इस घर में नही रहेंगे और वापस नानी के घर चले जायेंगे। उन्होंने फ़ैसला किया की जब तक कोई नया घर नहीं मिल जाता, तब तक अपनी नानी के घर में ही रहेंगे। धीरे – धीरे पंद्रह दिन बीत गए। आखिरकार उनको एक दूसरा घर मिल गया। दिशा, उसकी मम्मी, सूरज ने उस घर में प्रवेश किया।

नए घर में दो – तीन दिन ठीक से बीत जाने के बाद, वे सब सोचने लगे कि अब बला टल गई ; लेकिन उनको क्या पता था, की बुरी आत्मा इतनी जल्दी थोड़ी जाती है। एक दिन दिशा और सूरज का किसी वजह से झगड़ा हो जाता है और सूरज गुस्से में आकर घर से बाहर चला गया और कुछ वक्त घर से बाहर ही रहा। धीरे – धीरे रात होने लगी। ये रात दिशा के लिए के लिए सबसे भयानक होने वाली थी, जो दिशा कभी भुला न सकी। उस काली रात को दिशा अपने बेटे और मम्मी के साथ सोई हुई थी। बाहर से डरावनी – डरावनी आवाजे आ रही थी। दिशा बहुत डर गई थी। अगले पलों में जो दिशा ने देखा,जिससे उसके पैरो तले जमीन खिसक गई। दिशा के शरीर पर खून की बूंदे गिरने लगी। यह बहुत ही खौफ़नाक था। दिशा ने ऊपर छत पर देखा तो, वहां से बारिश की बूंदों के समान खून के बूंदों की वर्षा हो रही थी। वो वही काली शक्ति थी, वही चुड़ैल थी, जो दिशा के ऊपर खून की बारिश बरसा रही थी। यह दृश्य दिशा की मम्मी ने भी देखा और दोनों ही बहुत डर गए। कुछ पलों के लिए, दिशा को यही लगा की वह अब जिंदा नहीं बचेगी और वह मर जाएगी। थोड़ी देर बाद, दिशा को एहसास हुआ की कोई उसको थप्पड़ मार रहा है। भोजकक्ष से बर्तन गिरने की आवाजें आने लगी। दिशा बहुत डर गई और उसके पसीने छूट गए। दिशा की मम्मी ने सूरज को कॉल किया, लेकिन उसने कॉल नहीं उठाया।

दिशा ने तय किया की अब वह अपनी मम्मी के घर ही रहेगी। कुछ दिनों वह अपनी मां के घर रही, लेकिन वह दुष्ट आत्मा वहां पर भी उसका पीछा नहीं छोड़ रही थी। वहां पे उसके भाई ने निर्णय लिया की दिशा को अब हनुमानजी ही ठीक कर सकते है। दिशा का भाई हनुमानजी में बहुत विश्वास रखता था। उसी दिन दिशा के भाई ने एक गाड़ी बुक की और दिशा को बिठाकर हनुमानजी के एक भव्य मंदिर में जाने के लिए रवाना हुए। रास्ते में दिशा के भाई ने दिशा के अंदर हिम्मत भरी और उसको भगवान का स्मरण करने को कहा। दिशा अभी भी बहुत डरी हुई थी, लेकिन उसने अपने भाई की बात मानते हुए, ईश्वर का स्मरण चालू रखा। कुछ देर में वह मंदिर आ गया। मंदिर पहुंचकर दिशा ने हनुमानजी के दर्शन किए। दर्शन करके दिशा को थोड़ी हिम्मत मिली। दर्शन करने के बाद, हनुमानजी के पावन कुंड में स्नान किया। स्नान करते वक्त, दिशा को बहुत पीड़ा होने लगी। उसको एहसास हुआ की कोई बुरी शक्ति, उसके शरीर से अलग हो रही है। जब तक वो शक्ति अलग नहीं हुई, दिशा को अच्छा महसूस नहीं हुआ। जैसे ही वह शक्ति, दिशा के शरीर को छोड़कर चली गई, दिशा ने चैन की सांस ली। दिशा ने हनुमानजी का जय जयकार करते हुए अपने घर वापस गई। उसके बाद कोई भी बुरी शक्ति, दिशा पर हावी नहीं हुई। दिशा की ईश्वर के ऊपर की श्रद्धा भी बढ़ गई और वह आनंद की जिंदगी जीने लगी।

समाप्त।

Credits –
लेखक का नाम – आशीष पटेल
सहभागी लेखक – सीमा नीरज
Content Provider – सीमा नीरज
( सूचना – यह कहानी वास्तविक घटना पर आधारित हैं। कहानी में दिए गए पात्र के नाम और जगह ही काल्पनिक है, घटनाएं वास्तविक है।)
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