Get Even More Visitors To Your Blog, Upgrade To A Business Listing >>

मैं मेरी तन्हायी और रात का वो सूनापन alone shayari ,

मैं मेरी तन्हायी और रात का वो सूनापन alone shayari ,

मैं मेरी तन्हायी और रात का वो सूनापन ,

फ्लैट पर से होकर गुज़रती गाड़ियों के हेड लाइट्स की रोशनी ।

रोशनी से परेशान परिंदों के परों का फड़फड़ाना ,

जिसकी आवाज़ से अक्सर मेरा आँख मीचते उठ जाना ।

पंखों की फड़फड़ाहट से कमरे में उठती धूल ,

हाल ए दिल बयान करती है ।

alone shayari

गर्द बस जिस्म तक नहीं ,

ज़हन तक घर कर गयी है ।

रात की तन्हाई में रंग ए महफ़िल जमती है ,

दिन के उजालों में भीड़ मुझे नागिन बनकर डसती है ।

रात का हर पलछिन मेरा अपना होता है ,

मेरी तन्हाईयों में अक्सर मेरे साथ हँसता रोता है ।

alone shayari

दिन में धूप है धूल है मिटटी है चिपचिपा पसीना है ,

रात शीतल है कोमल है सुनहरी यादों का नगीना है ।

काश की इस रात की कभी सुबह ही न हो ,

न खोना पड़े कारोबार ए जहान की रानाईयों में ,

बस रात की कालिख़ सा श्याम श्वेत सहज सरल सा जीवन हो ।

ये ज़मीन से फ्लैट की ओर ऊपर सीढ़ियां जो जाती हैं ,

क्यों नहीं सीधा आसमान से मिल जाती हैं ।

hindi poetry on loneliness,
ताकता हूँ रोज़ फ्लैट की खिड़की से शब् माहताब को ,

कभी तो हो रूबरू जमाल ए यार हर मंज़र ख़ूबरू ओ शानदार हो ।

साल दर साल बीतते गए ,

हम चश्म निगाहों के फूल चुनते गए ।

ये सामने की सड़क टूटती उखड़ती बनती रही ,

और हम यादों का बवण्डर लिए उसी में चलते गए ।

hindi poetry on loneliness,

इस भरे इमारतों के शहर में कोई अपना नहीं मिलता ,

ग़ैर मिलते हैं बहुत हमसाया नहीं मिलता ।

तभी दिन से ज़्यादा रातें हसीन लगने लगी ,

अपने वजूद को हमसाया भी समझने लगी ।

रात का कोई गिला शिकवा नहीं होता ,

रात खामोशियों में बात करती है ।

hindi poetry on loneliness,

रात का कोई कहकशां नहीं होता ,

मैं अक्सर काट लेता हूँ तन्हा रातें जाग कर ।

कुछ तो मुब्तला होगा इसके मुतल्लिक़,

मेरा भी जहान भर का हिस्सा काटकर ।

ये वही देती है जो मैं चाहता हूँ ,

दिन के उजालों में लोगों की मनमर्ज़ियाँ मिल जाती है ।

hindi poetry on loneliness,

मैं और मेरी तन्हाई होती है,

रात के दरमियाँ बारहां दूसरा कोई नहीं होता ।

one line sad status 

pix taken by google

The post मैं मेरी तन्हायी और रात का वो सूनापन alone shayari , appeared first on Pushpendra Dwivedi.



This post first appeared on Thoughts And Shayari, please read the originial post: here

Share the post

मैं मेरी तन्हायी और रात का वो सूनापन alone shayari ,

×

Subscribe to Thoughts And Shayari

Get updates delivered right to your inbox!

Thank you for your subscription

×