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नकली दवाओं से हर साल होती है 2,50,000 बच्चों की मौत, रिपोर्ट में खुलासा

Fake Drugs Kill Children : ये बच्चे अपराधियों द्वारा वितरित नकली और घटिया क्वालिटी की दवाओं से मरे हैं.

Fake Drugs Kill Children : हाल ही में एक रिसर्च से इस बात का खुलासा हुआ है कि कुछ संगीन बीमारियाँ जैसे मलेरिया, निमोनिया, इत्यादि बिमारियों के इलाज़ के लिए नकली, घटिया और जानलेवा दवाओं का इस्तेमाल किया जाता है.

इन दवाओं की वजह से हर साल तकरीबन 2,50,000 से 3,00,000 बच्चे मौत की गोद में समा जाते हैं.
इस बारे में (CNN) सीएनएन ने सोमवार को अपनी एक रिपोर्ट में एक शोध का हवाला देते हुए बताया है कि,”खराब क्वालिटी या नकली दवाओं से हर साल हजारों-लाखों बच्चे मर रहे हैं.”
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इस मुद्दे पर रिपोर्ट के को-ऑथर और अमेरिका के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ का फोगार्टी इंटरनेशनल सेंटर में सीनियर वैज्ञानिक सलाहकार जोएल ब्रेमन ने कहा कि, “हम 300,000 ऐसे बच्चों के बारे में जानते हैं, जो अपराधियों द्वारा वितरित की गई नकली और घटिया क्वालिटी की दवाओं से मरे हैं.”
क्या होती हैं घटिया दवाएं? हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने तीन तरह की गलत और घटिया मेडिकल प्रोडक्ट्स को परिभाषित किया है.
पहला, ‘गलत मेडिकल प्रोडक्ट‘ इन दवाओं में जानबूझकर अपनी पहचान यानी सोर्स या कम्पोजीशन को गलत तरीके से प्रस्तुत किया जाता है.
दूसरा, ‘घटिया मेडिकल प्रोडक्ट‘ ये वो रेगुलेटेड दवाएं होती हैं, जो किसी तरह गुणवत्ता मानकों को पूरा करने में सफल नहीं रहती हैं.
उदाहरण के लिए, इन दवाओं के अंदर निर्धारित दवाओं की मात्रा कम होती हैं, इसलिए ये बेअसर होने के साथ मानकों पर खरा नहीं उतरती हैं और कई मामलों में खतरनाक भी साबित होती हैं.
तीसरी, ‘अनरजिस्टर्ड  या बिना लाइसेंस की दवाएं‘, ये वो दवाएं जो अनटेस्टेड और किसी संस्था द्वारा अप्रूव नहीं होते हैं.
लगातार बढ़ रही है घटिया दवाओं की संख्या
रिपोर्ट में ब्रेमेन और उनके सह-लेखकों ने इस बात का भी दावा किया है कि, “बाज़ार में इस तरह की गलत और घटिया दवाओं की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है.”
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CNN ने ब्रेमेन के हवाले से बताया है कि, ‘2008 में, नकली दवाओं पर नकेल कसने वाले ड्रगमेकर की टीम ‘फाइजर ग्लोबल सिक्योरिटी‘ ने लगभग 75 देशों में अपने 29 उत्पादों की गलत मेडिकल प्रोडक्ट के रूप में पहचान की थी.
हालाँकि इसके बावजूद 10 साल बाद फाइजर ने जब 113 देशों में दोबारा शिनाख्त की तो उन्हें 95 फेक प्रोडक्ट्स मिले, जो काफी बड़े खतरे का संकेत देते हैं.

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