Discovery Of Ice Cream : एक रेगिस्तानी शहर में हुई थी आइसक्रीम की खोज,हजारों सालों का है इतिहास
Discovery Of Ice Cream : अगर हम आपसे आपके जन्मस्थान के बारे में पूछे तो आप तपाक से उसका जवाब दे देंगे लेकिन अगर हम आपसे आइसक्रीम के जन्मस्थान के बारे में पूछे तो आपका जवाब क्या होगा?
Related Articles
अब आप ये सोच रहे होंगे कि हम ये क्या बहकी-बहकी बातें कर रहे हैं, है ना? लेकिन असल में हमारे इस सवाल के पीछे एक मज़ेदार जवाब भी छुपा है.
दरअसल आज हम बात करने जा रहे हैं हम सबकी पसंदीदा आइसक्रीम के जन्मस्थान के बारे में, की आखिर आइसक्रीम की शुरुआत किस देश से हुई थी और कैसे?
ये देश है आइसक्रीम का जन्मस्थान
वैसे अगर आप भी ये सवाल चार लोगों से पूछेंगे तो आपको भी अलग-अलग जवाब के मिलने की संभावना है.
कोई आपको बताएगा कि सबसे पहले आइसक्रीम न्यूयॉर्क में बनी थी तो कोई कहेगा नहीं इटली में, लेकिन हम आपको बताएं तो ये दोनों ही जवाब एकदम गलत हैं.
पढ़ें – Income Tax बचाने के लिए इन स्कीमों में करें निवेश नहीं रहेंगे परेशान
असल में आइसक्रीम का जन्मस्थान ईरान है, सिर्फ इतना ही नहीं आपको यहाँ ये जानकर ज्यादा अचरज होगा कि ईरानी लोग तो ये भी दावा करते हैं कि उन्होंने आइसक्रीम बनाने की कला में आज से तकरीबन दो हज़ार साल पहले ही महारत हासिल कर ली थी.
ऐसे में सवाल उठता है कि भाई आइसक्रीम बनाने के लिए फ्रिज भी तो ज़रूरी है और आज से दो हज़ार साल पहले तो फ्रिज का नामोनिशान तक नहीं था.
ऐसे में ईरानी लोगों ने आइसक्रीम कैसे बनायीं होगी? तो हम आपको बताते दें कि यहां जिस समय में इंसानों के पास फ्रिज का सहारा नहीं था उस समय में आइसक्रीम बनाने के लिए उन्होंने यख़चल का प्रयोग किया था.
जानकारी: यखचल असल में एक नुकीली छत वाली इमारत होती है. ऐसा माना जाता है कि यही यखचल ही आइसक्रीम बनाने का पहला ठिकाना हुआ करती थी. इसे फ़ारस के बाशिंदों ने प्राचीन काल में ईज़ाद किया था.
जानकारी के लिए हम आपको ये भी बताते चलें की ईरान के रेगिस्तानी यज़्द इलाक़े में प्राचीन काल की इन इमारतों के खंडहर आज भी मौजूद हैं.
बताया जाता है कि इन नुकीली छत वाली इमारतों के अंदर काफी गहराई में जाने के बाद एक तहखाना हुआ करता था.
आमतौर पर इस तहखाने का इस्तेमाल बर्फ ज़माने के लिए किया जाता था, ये तहख़ाने ईसा से भी 400 साल पहले यानी क़रीब 2400 साल पुराने हैं.
बताया जाता है कि इन तहखानों को ऐसी चीज़ों से बनाया जाता था जिससे ये तपते हुए रेगिस्तान में भी गर्म नहीं होते थे.
यहाँ बर्फ जमाकर पूरे-पूरे साल तक रखी जा सकती थी, हाँ लेकिन सिर्फ बर्फ से तो आप आइसक्रीम नहीं बना सकते हैं ना? तो इसके लिए ईरानी लोगों ने क्या जुगत लगायी ये पढ़िए आगे.
पढ़ें – सरकार के नए नियम के बाद अब जल्द बंद हो जायेगा WhatsApp?
बड़ी स्वादिष्ट है फ़ालूदा की कहानी
शायद ही ऐसा कोई हो जिसे फ़ालूदा के बारे में नहीं पता हो. जी हाँ वही नूडल्स जैसी पतली-पतली ठंडी स्वादिष्ट सी चीज़.
आपको जानकर अचरज होगा कि असल में ये फ़ालूदा भी ईरान से आया है.गौर कीजिये तो पता चलेगा कि इसका नाम भी असल में फ़ारसी है जिसे हम हिन्दुस्तानी ने तहेदिल से अपना लिया है.
दरअसल ईरान के लोग इसी फ़ालूदा को 2 हज़ार साल से भी ज़्यादा पुरानी आइसक्रीम कहते हैं.
जानकारी: इस फ़ालूदा को स्टार्च, शीरे और बर्फ़ को मिलाकर बनाया जाता है. ईरान के यज़्द इलाक़े में आज भी बहुत सी दुकानें हैं, जो परंपरागत तरीक़े से आइसक्रीम यानी फ़ालूदा बनाते हैं.
ईरान के इस्फ़हान इलाक़े में भी परंपरागत तरीक़े से आइसक्रीम बनाई जाती है. स्थानीय दुकानदार आइसक्रीम बनाने की मशीनों के आने से पहले का क़िस्सा सुनाते हैं.
आप भी जानिए ये मज़ेदार किस्सा…
ईरान में पुराने ज़माने में, पहले बड़े से बर्तन में बर्फ़ रखी जाती थी और छोटे से बर्तन में दूध. फिर उस दूध को मथा जाता था और इसी दौरान उस दूध में बर्फ डालकर उसे जमाया जाता था.
धीरे-धीरे दूध टुकड़ों में जमने लगता था फिर पूरा दूध जम जाता था ये बहुत ही लम्बी और थका देने वाली प्रक्रिया थी.
पढ़ें – देश में 2,454 हाथी बंधक, पढ़ें क्या कहती है रिपोर्ट
इसी लम्बी और थका देने वाली प्रक्रिया की वजह से धीरे-धीरे ईरान के लोगों ने इसे करना छोड़ दिया, लेकिन मज़ेदार बात ये रही कि जहाँ ईरान के लोगों ने इसे छोड़ दिया वहीँ दुनियाभर के लोगों ने इसे सीख लिया और अपनाने लगे.
इसी ईरानी तरीक़े से आइसक्रीम बनाकर इटली में इसका कारोबार शुरू किया गया. शायद यही वजह है कि आज भी कुछ लोग यही मानते हैं कि आइसक्रीम का जन्मस्थान इटली है.
जानकारी: ईरान में आज मशीनों से ही आइसक्रीम बनाई जाती है. ईरानी लोग भी आइसक्रीम बनाने के पुराने तरीके को छोड़ चुके हैं.
The post दो हज़ार साल पहले इस देश में सबसे पहले बनायी गयी थी आइसक्रीम appeared first on HumanJunction.
This post first appeared on Positive News India | Hindi Positive News | हिंदी समाचार | HumanJunction, please read the originial post: here