सीबीआई बनाम सीबीआई की लड़ाई में अब कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे भी कूद पड़े हैं. मल्लिकार्जुन खड़गे ने सीबीआई के डायरेक्टर आलोक वर्मा के समर्थन में शनिवार को सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. उन्होंने कहा कि वर्मा को इस तरह नहीं हटाया जा सकता है.
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मल्लिकार्जुन खड़गे ने आलोक वर्मा को छुट्टी पर भेजने के फैसले पर सवाल उठाए हैं. अपनी अर्जी में खड़गे ने कहा है कि न तो सीवीवी और न ही सरकार को अधिकार है कि वो वर्मा को हटा सके. कानून के मुताबिक शर्मा को 2 साल का कार्यकाल मिलना चाहिए.
खड़गे ने अपनी अर्जी में सरकार के इस कदम को “मनमानी और अवैध” करार दिया है. इससे पहले कांग्रेस ने सरकार पर आरोप लगाए थे कि आलोक वर्मा को इसलिए हटा दिया गया क्योंकि वो राफेल डील की जांच करना चाहते थे.
अब तक क्या हुआ है सुप्रीम कोर्ट में?
सुप्रीम कोर्ट ने इस विवाद पर केंद्र सरकार को नोटिस भेजते हुए कहा है कि सीवीसी आलोक वर्मा के खिलाफ दो हफ्तों में जांच पूरी करे. सर्वोच्च अदालत ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के एक रिटायर्ड जज के सुपरविजन में इस मामले की जांच होगी. वहीं ऐक्टिंग सीबीआई चीफ पर भी बड़ा निर्देश देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह इस दौरान कोई बड़ा (नीतिगत) फैसला नहीं लें. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि नागेश्वर राव ने अबतक जो फैसले लिए हैं, उसे सीलबंद लिफाफे में पेश किया जाए. अब इस मामले की अगली सुनवाई 12 नवंबर को होगी.