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स्वाति मालीवाल विवाद पर क्या बोले प्रमोद कृष्णम?

हाल ही में प्रमोद कृष्णम ने स्वाति मालीवाल विवाद पर एक बयान दिया है! दिल्ली महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल से दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के पीए बिभव कुमार द्वारा मारपीट और बदसलूकी मामले में पूर्व कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने प्रतिक्रिया दी है।उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच चल रही है और दूध का दूध, पानी का पानी हो जाएगा। यह एक गंभीर और संवेदनशील विषय है। मुझे लगता है कि जांच सही दिशा में हो रही है। जांच के बाद कुछ तथ्य सामने आएंगे तो फिर कुछ कहा जा सकता है। मैं दिल्ली पुलिस से अनुरोध करूंगा कि इस मामले की निष्पक्ष से जांच करें। राज्यसभा सांसद मालीवाल से सीएम केजरीवाल के घर में हुई मारपीट मामले में शनिवार को दिल्ली पुलिस ने बिभव कुमार को गिरफ्तार किया। इसके बाद बिभव ने दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर की, जिस पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया।आचार्य प्रमोद कृष्णम ने आगे कहा कि सोनिया गांधी ने अमेठी की जनता से भी यही कहा था कि अपने बेटे (राहुल गांधी) को तुम्हें सौंप रही हूं।

उन्होंने दावा किया राहुल गांधी जिस तरह अमेठी छोड़कर वायनाड चले गए, उसी तरह एक दिन रायबरेली भी छोड़ देंगे। दरअसल, कांग्रेस नेता और राज्यसभा सांसद सोनिया गांधी ने रायबरेली में चुनावी रैली में भावुक अपील करते हुए कहा कि मैं आपको अपना बेटा सौंप रही हूं। जैसे आपने मुझे अपना माना, वैसे ही राहुल गांधी को अपना मानकर रखना। वह आपको निराश नहीं करेंगे।

राहुल गांधी और अखिलेश यादव के अमरोहा और रायबरेली में चुनाव प्रचार करने पर आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि उन्हें अपनी-अपनी सीट और जान बचानी है। इंडिया गठबंधन का कोई भी नेता एक-दूसरे के साथ नहीं है। यह दिल्ली के सिंहासन पर कब्जा करने के लिए देश की जनता को धोखा दे रहे हैं। पीएम नरेंद्र मोदी को हटाना चाहते हैं क्योंकि वह भ्रष्टाचार उजागर कर रहे हैं। सारे लोग हजारों-करोड़ों की लूट में लिप्त हैं, इसलिए इनकी दुश्मनी पीएम मोदी से है।उन्होंने यह भी दावा किया कि पूर्ण बहुमत से नरेंद्र मोदी की सरकार बन रही है।

पीएम मोदी के खिलाफ सभी दल इकट्ठा हो गए हैं। पीएम मोदी अकेले अर्जुन की तरह इस महाभारत को जीतकर जैसे हस्तिनापुर का सिंहासन युधिष्ठिर को सौंप दिया था, उसी तरह नरेंद्र मोदी तीसरी बार खुद विजेता बनकर निकलेंगे। सभी दल अपने-अपने स्वार्थों के लिए एक-दूसरे का साथ दे रहे हैं। जबकि, सच बात है कि यह सभी एक-दूसरे के खिलाफ हैं। छात्र जीवन से ही कांग्रेस का दामन आचार्य प्रमोद कृष्णम ने पकड़ लिया था। 1993 में संभल विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ने के लिए नामांकन भी किया था लेकिन किसी कारण नामांकन वापस लेना पड़ा था।आपको बता दें कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व प्रियंका गांधी के करीबियों में शामिल आचार्य प्रमोद कृष्णम का कांग्रेस से साथ छूट गया। कई महीने से कांग्रेस छोड़ने की अटकलों पर भी शनिवार को विराम लग गया है। उनकी अब भाजपा के साथ राजनीतिक पारी की नई शुरूआत हो सकती है। हालांकि अभी तक भाजपा में जाने की बात पर आचार्य प्रमोद कृष्णम ने स्पष्ट नहीं किया है लेकिन अब उम्मीद है कि वह खुलकर सामने आ सकते हैं। छात्र जीवन से ही कांग्रेस का दामन आचार्य प्रमोद कृष्णम ने पकड़ लिया था। 1993 में संभल विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ने के लिए नामांकन भी किया था लेकिन किसी कारण नामांकन वापस लेना पड़ा था।

वर्षों से ऐंचोड़ा कंबोह में श्री कल्कि धाम का महोत्सव आयोजित होता है। कांग्रेस पार्टी के कई मुख्यमंत्री और अन्य बड़े नेताओं का सभी महोत्सव में आना-जाना रहा है। लेकिन शिलान्यास कार्यक्रम का निमंत्रण पत्र इन नेताओं को दिया गया या नहीं इस पर आचार्य प्रमोद कृष्णम ने खुलकर बात नहीं की। ऐसी भी कोई जानकारी सामने नहीं आई जिससे यह जानकारी मिल पाती कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं को निमंत्रण पत्र दिया गया है या नहीं।आचार्य प्रमोद कृष्णम कांग्रेस के नेताओं पर लगातार निशाना साध रहे थे। वह उनके बयानों से खफा थे और इसलिए ही उन्होंने कांग्रेस के कई नेताओं को हिंदू विरोधी भी बताया था। अयोध्या में श्री राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह का निमंत्रण पत्र ठुकराने वाले नेताओं पर भी भड़के थे। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता होने के बाद भी अपनी ही पार्टी का खुलकर विरोध शुरू किया तो कयास लगाए जाने लगे थे कि अब वह भाजपा में शामिल हो सकते हैं।

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