हाल ही में ओवैसी ने देश के मुस्लिम प्रधानमंत्री के बारे में एक बयान दे दिया है! देश में लोकसभा चुनाव का दौर चल रहा है। सात चरण में होने वाले इस चुनाव में चौथे दौर के लिए सोमवार को वोट डाले जाएंगे। अब तक चुनाव प्रचार में मुस्लिम तुष्टिकरण, मुस्लिम आरक्षण से लेकर पाकिस्तान का मुद्दा प्रमुखता से छाया हुआ है। इस बीच एक रिपोर्ट भी सामने आई है कि भारत में मुस्लिमों की आबादी में आजादी के बाद से 2015 तक करीब 8 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। इस रिपोर्ट को लेकर भी राजनीतिक दलों ने खूब एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाए। इन सब के बीच देश की राजनीति में मुस्लिम चेहरों में एक असदउद्दी ओवैसी भी इस चुनाव में सक्रिय हिस्सेदारी निभा रहे हैं। ओवैसी का कहना है कि इस देश में पहला मुस्लिम प्रधानमंत्री एक हिजाब पहने वाली महिला होगी। असदउद्दीन ओवैसी हैदराबाद लोकसभा क्षेत्र से चुनाव में उतरे हैं। बीजेपी ने ओवैसी के खिलाफ माधवी लता को उम्मीदवार बनाया है। ओवैसी चार बार के सांसद रह चुके हैं। AIMIM चीफ के अनुसार उनकी पार्टी ने मुसलमानों, पिछड़े वर्गों और अन्य अल्पसंख्यकों के एक समूह को एकजुट किया है। बता दें कि मुसलमानों को चुनाव लड़ने के लिए उम्मीदवार भी नहीं बनाया जा रहा है, तो निश्चित रूप से संसद के निचले सदन में उनका प्रतिनिधित्व कम हो जाएगा। ऐसे में क्या यह इस देश के बहुलवाद और विविधता का प्रतिनिधित्व करेगा? मुझे ऐसा नहीं लगता। ये बहुत गंभीर बात है। ओवैसी ने कहा कि दूसरे दल भी बीजेपी की ही नकल कर रहे हैं। ओवैसी की पार्टी यूपी में 20, बिहार में 11, महाराष्ट्र में पांच और झारखंड में एक या दो सीट पर चुनाव लड़ रह रही है। यह समूह बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए के खिलाफ मुकाबले में है, भारत में मुस्लिम प्रधानमंत्री को लेकर सवाल के जवाब में ओवैसी ने कहा कि इंशाअल्लाह, यह हिजाब पहनने वाली और इस महान राष्ट्र का नेतृत्व करने वाली एक महिला के रूप में होगा। उन्होंने कहा कि समय आएगा। शायद मैं वह दिन देखने के लिए जिंदा नहीं रहूंगा, लेकिन इंशाअल्लाह ऐसा होगा।लेकिन विपक्षी इंडिया गठबंधन का हिस्सा नहीं है। पीएम मोदी ने इस चुनाव में मु्स्लिम आरक्षण और मुस्लिम तुष्टिकरण का मुद्दा जोरशोर से उठाया है। हिंदुस्तान टाइम्स को दिए इंटरव्यू में ओवैसी ने पीएम मोदी की रिटायरमेंट, देश के पहले मुस्लिम प्रधानमंत्री, मुसलमानों की स्थिति से लेकर इस चुनाव में अपनी पार्टी की रणनीति को लेकर अपनी बात कही।
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ओवैसी ने कहा कि देश के मुसलमान इस बात को मानते हैं कि बीजेपी के लिए वो कुछ भी नहीं हैं। वहीं तथाकथित धर्मनिरपेक्ष भारत गठबंधन मुस्लिम अल्पसंख्यकों को टिकट देने में बहुत अनिच्छुक है। महाराष्ट्र में 48 सीटे होने के बावजूद एक भी मुसलमान को चुनाव में टिकट नहीं मिला है। राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ से लेकर दिल्ली तक यही स्थिति हैं। ओवैसी का कहना है कि यह चिंता का एक बड़ा कारण है इसलिए भी है क्योंकि लोकतंत्र के प्रतिनिधि रूप में, यदि मुसलमानों को चुनाव लड़ने के लिए उम्मीदवार भी नहीं बनाया जा रहा है, तो निश्चित रूप से संसद के निचले सदन में उनका प्रतिनिधित्व कम हो जाएगा। ऐसे में क्या यह इस देश के बहुलवाद और विविधता का प्रतिनिधित्व करेगा? मुझे ऐसा नहीं लगता। ये बहुत गंभीर बात है। ओवैसी ने कहा कि दूसरे दल भी बीजेपी की ही नकल कर रहे हैं।
चुनाव प्रचार में अल्पसंख्यकों पर पीएम मोदी के हमले को लेकर ओवैसी ने कहा कि इसको लेकर मैं बिल्कुल भी हैरान नहीं हूं। देश की राजनीति में मुस्लिम चेहरों में एक असदउद्दी ओवैसी भी इस चुनाव में सक्रिय हिस्सेदारी निभा रहे हैं। ओवैसी का कहना है कि इस देश में पहला मुस्लिम प्रधानमंत्री एक हिजाब पहने वाली महिला होगी। असदउद्दीन ओवैसी हैदराबाद लोकसभा क्षेत्र से चुनाव में उतरे हैं। बीजेपी ने ओवैसी के खिलाफ माधवी लता को उम्मीदवार बनाया है। ओवैसी चार बार के सांसद रह चुके हैं।इसकी वजह है कि वही उनका असली डीएनए है। वही उनकी मूल भाषा है। यही उनकी मौलिकता है-जो यह है कि वे मुसलमानों से नफरत करते हैं। यही असली हिंदुत्व विचारधारा है। प्रधानमंत्री 2002 से लगातार यह कहते आ रहे हैं, जिसने दुर्भाग्य से उन्हें इस महान देश का दो बार प्रधानमंत्री बनाया। भारत में मुस्लिम प्रधानमंत्री को लेकर सवाल के जवाब में ओवैसी ने कहा कि इंशाअल्लाह, यह हिजाब पहनने वाली और इस महान राष्ट्र का नेतृत्व करने वाली एक महिला के रूप में होगा। उन्होंने कहा कि समय आएगा। शायद मैं वह दिन देखने के लिए जिंदा नहीं रहूंगा, लेकिन इंशाअल्लाह ऐसा होगा।
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